‘गुरुग्राम में चार साल में दर्ज हुए दुष्कर्म के 43.6 प्रतिशत केस मिले फर्जी’
गुरुग्राम, 19 जून ( हप्र)
पिछले चार साल में गुरुग्राम में बलात्कार के दर्ज हुए कुल केसों में से 43.6 प्रतिशत केस झूठे दर्ज कराए गए थे। ये केस शादी के झूठे वादों से संंबंधित थे, लेकिन महिलाओं ने इन्हें बलात्कार का रूप दिया। इस तरह से आईपीसी की धारा 376 का खुलकर दुरुपयोग किया गया। यह खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। गुरुग्राम पुलिस के आरटीआई जवाब में कहा गया है कि एक जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2024 तक कुल 955 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। इनमें से 417 मामले शादी के झूठे वादे के आधार पर थे। पता चला है कि कुल मामलों में से 236 को रद्द कर दिया गया। क्योंकि जांच के दौरान आरोप निराधार पाए गए। केवल 96 झूठे मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। पुरुष अधिकार कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज और एकम न्याय फाउंडेशन की संस्थापक द्वारा गुरुग्राम पुलिस में आरटीआई लगाकर जवाब मांगा गया था। पुलिस की ओर से आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2020 से 2024 के बीच गुरुग्राम में दर्ज बलात्कार के 43.6 प्रतिशत मामले शादी के झूठे वादे से संबंधित थे। आरटीआई जवाब में धारा 376 आईपीसी के तहत दुरुपयोग का एक परेशान करने वाला पैटर्न दिखाया गया, जहां सहमति से बनाए गए संबंधों को बाद में ब्रेकअप या विवाद के बाद रेप के आरोपों में बदल दिया गया। दीपिका नारायण ने कहा कि हरियाणा के डीजीपी ने 19 जून 2024 को राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और एसपी को एक ज्ञापन जारी किया। इसमें बार-बार झूठे बलात्कार के आरोपों के पैटर्न को स्वीकार किया गया।