Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

30 हजार वाहन एक नवंबर के बाद हो सकते हैं जब्त

हरेंद्र रापड़िया/हप्र सोनीपत, 2 जुलाई दिल्ली में एक जुलाई से 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को ईंधन देने पर रोक लग गई है। इसी तर्ज पर सोनीपत में एक नवंबर से रोक लगने जा रही...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

हरेंद्र रापड़िया/हप्र

सोनीपत, 2 जुलाई

Advertisement

दिल्ली में एक जुलाई से 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को ईंधन देने पर रोक लग गई है। इसी तर्ज पर सोनीपत में एक नवंबर से रोक लगने जा रही है। सोनीपत में 30 हजार पुराने वाहनों की पहचान की गई है। इन वाहनों पर नजर रखने के लिए अक्तूबर से सभी पेट्रोल पंप पर एनपीआर कैमरे, सायरन और अलर्ट सिस्टम लगाने का काम शुरू होगा। उसके बाद एक नवंबर से वाहनों को जब्त करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जिला प्रशासन की माने तो अपनी आयु पूरी कर चुके वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए रणनीति तैयार हो चुकी है।

बता दें कि सोनीपत जिले में ऐसे हजारों वाहन घूम रहे हैं। ये वाहन हादसों के साथ ही वायु प्रदूषण का सबब बन रहे हैं। जिलेभर में जुगाड़ वाहनों की बाढ़ है। जिले में सभी पुराने दोपहिया वाहनों को रेहड़ियों में लगाकर दौड़ाया जा रहा है। इनके इंजन पुराने होने के कारण ध्वनि और वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। दो साल से सोनीपत में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल जिला वायु प्रदूषण के मामले में देशभर में अव्वल रहा था। इसका बड़ा कारण उद्योगों और पुराने वाहनों के धुएं को माना जा रहा है। राज्य सरकार ने भी प्रदूषण को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। एनसीआर में शामिल सोनीपत के साथ गुरुग्राम व फरीदाबाद में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के संचालन पर एक नवंबर से रोक लगाने की घोषणा कर रखी है। जिले में पुराने दोपहिया वाहनों के इंजनों को रेहड़ियों (जुगाड़) में लगाया जा रहा है। कबाड़ी, कॉलोनियों में घूमकर सब्जी बेचने वाले, फेरी वाले, सरिया, सीमेंट, फर्नीचर व अन्य सामान ढोने वाले इन इंजनों को जुगाड़ वाहनों में लगाकर शहर में दौड़ा रहे हैं। इन वाहनों के इंजन अपनी आयु पूरी कर चुके हैं, इस कारण ये जरा सा लोड पड़ने पर अधिक धुआं उगलते हैं। वहीं दूसरी ओर अधिक वजन लदा होने पर ये वाहन हादसाग्रस्त हो जाते हैं।

Advertisement
×