Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

25 सप्ताह में जन्मीं 3 नवजात बालिकाएं सकुशल घर पहुंचीं

फरीदाबाद, 5 मई (हप्र) अमृता अस्पताल फरीदाबाद ने भारत में नवजात देखभाल के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए मात्र 5.5 माह की गर्भावस्था में जन्मीं तीन नवजात बालिकाओं को सफलतापूर्वक अस्पताल से छुट्टी दे दी दी है।...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

फरीदाबाद, 5 मई (हप्र)

अमृता अस्पताल फरीदाबाद ने भारत में नवजात देखभाल के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए मात्र 5.5 माह की गर्भावस्था में जन्मीं तीन नवजात बालिकाओं को सफलतापूर्वक अस्पताल से छुट्टी दे दी दी है। इन नवजात बच्चियों का कुल वजन केवल 2.5 किलोग्राम था और ये जन्म के बाद लंबे समय तक निसु में गहन निगरानी में रहीं।

Advertisement

अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने 225 दिनों तक इन तीनों शिशुओं की उच्च जोखिम वाली देखभाल की और यह सुनिश्चित किया कि इस दौरान किसी भी तरह की चिकित्सकीय जटिलता न हो. न तो कोई अस्पताल में हुआ संक्रमण, न ही मस्तिष्क में रक्तस्त्राव और न ही कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या। यह भारत में अपनी तरह का पहला दर्ज मामला है, जब इतनी कम अवधि में जन्मे और इतने कम वजन वाले तीन नवजात जीवित रह सके हों।

गर्भावस्था की शुरुआत से ही यह मामला असाधारण था। मां, जो कि एक 46 वर्षीय विश्वविद्यालय प्रोफेसर हैं, ने दीर्घकालीन गर्भधारण की चुनौती के बाद प्राकृतिक रूप से तीन नवजातों को गर्भधारण किया और तीसरी तिमाही तक सफलतापूर्वक ले गईं। अंतिम हफ्तों में मां की तबीयत कई संक्रमणों के कारण बिगडऩे लगी और उन्हें भी गहन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता पड़ी। नवजातों का जन्म क्रमश: 900 ग्राम, 800 ग्राम और 800 ग्राम के वजन के साथ हुआ यह सभी वजन भारत में जीवित रहने की सामान्य सीमा से काफी नीचे माने जाते हैं।

भारत में 25 सप्ताह पर जन्मे किसी भी एकल बच्चे के जीवित रहने की संभावना लगभग 50 प्रतिशत मानी जाती है, जबकि इतनी कम कुल वजन के साथ तीन नवजातों का जीवित रहना असंभव ही समझा जाता है।

Advertisement
×