फरीदाबाद में 167 लोग पहुंचे शेल्टर होम
हथिनीकुंड बैराज, यमुनानगर से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी में उफान है, जिससे फरीदाबाद के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली से सटे बसंतपुर की आबादी में लगातार पानी बढ़ता जा रहा है। यहां अवैध रूप से कॉलोनी बसाई गई है जिसकी वजह से 300 से अधिक मकानों में पानी भर गया है। बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ लोग अपने घरों को छाेड़कर बाहर आ रहे हैं। बसंतपुर में ही लोगों को रेस्क्यू करने का भी इंतजाम किया गया है। बाढ़ के चलते 27 गांवों को संवेदनशील घोषित किया गया है। जिले के मोहना, छायंसा, चांदपुर, शाहजहांपुर, मंझावली, राजपुर कलां, अमीपुर, सिदौला, लालपुर में यमुना का जलस्तर बढ़ने से फसलें जलमग्न हो गई। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है। एसडीएम बल्लभगढ़ ने बुधवार को मंझावली गांव और एसआरएस क्षेत्र का दौरा कर यमुना नदी के जलस्तर का जायजा लिया। बसंतपुर क्षेत्र में प्रशासन और सामाजिक संगठनों के सहयोग से बड़ी मात्रा में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रभावित परिवारों को फूड पैकेट, स्वच्छ पानी, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही हैं। प्रशासन ने स्वयंसेवकों और एनजीओ की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए और अधिक लोगों से सहयोग की अपील की है। जिला प्रशासन के अनुसार 3 सितम्बर तक जिले में 46 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जिससे 27 गांव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 14 गांवों को अत्यंत संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। बाढ़ के पानी से कई घर प्रभावित हुए जिनमें से 250 घर आंशिक रूप से डूब चुके हैं। अब तक प्रभावित क्षेत्रों से 167 लोग सुरक्षित निकालकर चिह्नित शेल्टर होम में पनाह ले चुके हैं। फिलहाल जिले में 7 राहत शिविर सक्रिय हैं, जहां प्रभावित लोगों को भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।