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हत्या के 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

जिला की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को हत्या के 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही हर दोषी पर 55-55 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। हिंसक झड़प के बीच हत्या की वारदात को अंजाम...
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जिला की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को हत्या के 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही हर दोषी पर 55-55 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। हिंसक झड़प के बीच हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने 15 जुलाई को त्रिलोक कुमार उर्फ तरुण, विजय सिंह, निरंजन, राहुल, अजय कुमार, हितेश, प्रवीण गौतम, प्रकाश उर्फ ओमप्रकाश, पंकज, दुष्यंत कुमार, सतवीर सिंह चौहान और नरवीर को दोषी ठहराया। बृहस्पतिवार को इन सभी को सजा सुनाई गई।

जिले के आटा गांव में 15 सितंबर, 2020 में हरिजन व वाल्मीकि समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान वेदराम पुत्र हेतराम की हत्या कर दी गई। यह घटना तब हुई, जब त्रिलोक निवासी गांव आटा के नौ साल के बच्चे प्रिंस पुत्र गौतम ने पीट दिया था। इसके बाद पीडि़त गौतम और बीर सिंह ने त्रिलोक से इसका कारण पूछा तो त्रिलोक ने बीर सिंह को थप्पड़ मार दिया। गालियां भी दीं। इस घटना के अगले दिन 16 सितंबर, 2020 को शाम करीब सात बजे राकेश और राजेश नामक व्यक्ति को हरिजन चौपाल के पास लाठी, सरियों और डंडों से बुरी तरह पीटा गया। इसी दौरान लोकेश के साथ भी मारपीट की गई। वेदराम नामक व्यक्ति दुकान से सामान लेने गया था। तभी त्रिलोक, दुष्यंत, ओमपाल, अजय, प्रकाश, सतबीर, हितेश, तरुण उर्फ बन्टी, प्रवीण, राहुल, मनोज, और विजय सहित कई लोगों ने उन पर हमला कर दिया। गंभीर घायल वेदराम को उनके बेटे पोप सिंह ने सोहना के सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया। गंभीर हालत को देखते हुए वे उसे मेदांता मेडिसिटी ले आए। यहां डॉक्टरों ने वेदराम को मृत घोषित कर दिया।

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