सीमा से 10 आरोपी दबोचे, कंबोडिया से हो रहा था संचालन
पलवल पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए नेपाल बॉर्डर पर बिहार के जोगबानी से अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह कंबोडिया से संचालित हो रहा था और देशभर में 100 से अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामलों में शामिल था। इस गिरोह ने करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है।
टेलीग्राम के जरिए फंसाते थे
पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य टेलीग्राम ग्रुप के जरिए लोगों को जोड़ते और उन्हें निवेश पर कई गुना मुनाफे का लालच देते। जब कोई शिकार इनके झांसे में आ जाता, तो उनसे अलग-अलग बैंक खातों में पैसा जमा करवाया जाता। बाद में उन्हें हिडन टैक्स, हेज चार्ज आदि के नाम पर और पैसे मांग कर धोखा दिया जाता। पुलिस द्वारा की गी पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार आरोपी कंबोडिया स्थित मास्टरमाइंड के लिए काम करते थे और जो भी ठगी की रकम होती, उसे अपने खातों में लेकर कंबोडिया ट्रांसफर कर देते, बदले में इन्हें कुल रकम का 20% कमीशन मिलता था। इसी कमीशन के लालच मेंम वे काफी वक्त से इस अनैतिक काम से जुड़े हुए थे और कई लोगों को शिकार बना चुके थे।
मानपुर निवासी की शिकायत से खुला बड़ा जाल
इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब मानपुर गांव के हर्ष कुमार ने साइबर थाना पलवल में शिकायत दी। हर्ष को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर 10,657 रुपये की ठगी की गई थी। जब उन्होंने पैसा निकालना चाहा, तो टैक्स के नाम पर और रकम मांगी गई। शिकायत के आधार पर साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने तकनीकी जांच, मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग और बैंक खातों की गहन पड़ताल की और इसके बाद 1500 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा पर दबिश देकर गिरोह के 10 सदस्यों को दबोच लिया। पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें यश परिहार (राजस्थान), विजय उपाध्याय (नेपाल), सोजस नाथ (पश्चिम बंगाल), रवि सिंह, भागचंद, गजेंद्र सिंह सैनी, नरेंद्र सिंह, पंकज देवड़ा (सभी राजस्थान),जिरनजीत दास (पश्चिम बंगाल), रोहित भार्गव (मध्य प्रदेश), पुलिस ने इनके पास से 27 मोबाइल फोन, 9 पासबुक, 5 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। जांच में सामने आया है कि नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर इन आरोपियों के खिलाफ करीब 100 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। पलवल के एसपी वरुण सिंगला ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि यह गिरोह अत्यंत संगठित ढंग से काम कर रहा था और इसके तार विदेश से जुड़े हुए हैं। अभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और आशंका है कि इनसे कई और साइबर अपराधों का पर्दाफाश हो सकता है।