अमिताभ स.
गर्मी से बचने के लिए छतों पर पेंट करवाने के बारे में आम, परंपरागत धारणा है कि यह लाइट तो होना ही चाहिये। गहरे रंग अधिक रोशनी और गर्मी सोखते हैं, जबकि हल्के रंग वापस लौटा देते हैं। ऐसे में सफ़ेद पेंट से हलका, बेहतर कौनसा कलर हो सकता है। छत में कमरे के अंदर यह लुक भी बेहतर देगा और आंखों को सुकून भी। वहीं इससे छत के ऊपर भी कुछ खास फायदे हैं। माना जाता है कि सफ़ेद रंग की छत गर्मी और रोशनी को स्पेस में वापस लौटाती है। इससे घर भीतर से ठंडे रहते हैं। भवन निर्माण के जानकारों की भी सलाह है कि अपने घर की छत यानी रूफ टॉप को सफेद पेंट या फिर व्हाइट कोटिंग कीजिए। बिजली बिल कम करने व ऊर्जा बचाने को तपती गर्मियों में शीतलता के इस सस्ते और आसान रास्ते पर गौर किया जाने लगा है।
तेज धूप रहेगी बेअसर
आजकल मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों की छतों को ऊपरी-बाहरी तरफ से सफेद पेंट करवाने का ट्रेंड है। इससे होने वाले फायदे भी गिनाए जा रहे हैं। आमतौर पर माना जाता है कि सफेद छतों को छू कर, सूरज की किरणें, धूप और गर्मी लौट जाती हैं। नतीजतन बिल्डिंग भीतर से ठंडी हो जाती है। सफेद पेंट की बजाए हल्के रंग के पेंट या टाइल्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिजली की भी बचत
चट्टानी और सूखे शहरों की कॉलोनियों में अगर छत सफेद हो, तो फायदा कहीं ज्यादा होगा। इससे पूरी की पूरी बिल्डिंग में जबरदस्त ठंडक तैरती है और बिजली की बचत अलग से होगी क्योंकि एयरकंडिशनर कम देर चला कर भी आराम से रहा जा सकता है।
बात पुरानी, तरीका नया
सदियों से यह माना जा रहा है कि हल्के रंग की दीवारें और छतें कूल होती हैं। इसीलिए अर्से से, ज्यादातर घरों, दफ्तरों और दुकानों की छतें भीतर से सफेद रंगने का ही चलन है। अब ऊपरी या बाहरी ओर से सफेद छत रंगने का विचार इसी सोच का विस्तार है। कमरा कूल होगा तो एसी कम चलेगा। ऐसे में एनर्जी और पानी की बचत भी होगी, क्योंकि ठंडे माहौल में प्यास कम लगती है।
देर तक चलती हैं सफेद छतें
एक साइंटिफिक पहलू भी है कि सफेद रंगी ठंडी छतों की उम्र अपेक्षाकृत ज्यादा लम्बी होती है। असल में, गर्मी में घंटों सूरज की सीधी किरणों की तपिश से पिघलने या सिकुड़ने से निर्मित मेटिरियल के टिकाऊपन पर खतरा बढ़ जाता है।
पेंट, कोटिंग के मेटीरियल
छत पर पेंट करने के लिए कुछ विशेषज्ञ व्हाइट पेंट को बेहतर मानते हैं तो कई जानकार व्हाइट कोटिंग को ही सही व कारगर मानते हैं। वहीं मेटीरियल की बात करें तो एडहेसिव मिश्रित चूना सबसे सस्ता उपाय है लेकिन भारी बारिश होने पर यह टिकता नहीं है। वहीं सफेद सीमेंट का पेंट करीब एक साल तक टिकता है व महंगा भी ज्यादा नहीं। वहीं अगर कोई व्यक्ति छत पर जल्दी-जल्दी पेंट करवाने के झंझट से बचना चाहे तो इलास्टोर्मेरिक पेंट कई ब्रांड के बाजार में उपलब्ध हैं। ये करीब 5 साल तक चल सकते हैं, साथ ही छत वाटर-प्रूफ भी हो जायेगी। यह पेंट सीमेंट पेंट से कम से कम पांच गुना महंगा पड़ता है। इससे भी टिकाऊ विकल्प है छत पर सफेद सिरेमिक टाइलें लगाना।
इको फ्रेंडली तरीका
ऊर्जा बचाने, पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के तहत छत पर गमलों व ट्रे आदि में पौधे व घास लगाने लगाने का भी ट्रेंड है। आपकी छत पर घास और पौधे उगाने से गर्मी कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन सुनिश्चित करें कि छत उनका भार सह सकेें। हां, छत को पहले सीमेंट पेंट आदि से वाटर-प्रूफ बनवा लें तो नमी आदि से नुकसान नहीं पहुंचेगा।