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जहां सात देशों के सात आश्चर्य एक साथ

कोटा
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कोटा, राजस्थान के किशोर सागर के किनारे स्थित, दुनिया के सात आश्चर्यों की मिनी प्रतिकृतियों का अनोखा स्थल है। सर्दियों में रोशनी, तालाब और महलों का मनोरम संगम पर्यटकों को आकर्षित करता है।

राजस्थान के शहर में, जहां आकर आप सात देशों के सात आश्चर्य एक नजर में देख सकते हैं। कोटा चंबल के किनारे बसा एक सुव्यवस्थित शहर है। राजा-महाराजाओं की शान और आधुनिक विज्ञान के चमत्कारों को स्पष्टता के साथ देखने के लिए यहां पर आपको सर्दियों में, जब पहाड़ों पर बर्फ हो और शीतलहर से आपका मन कुम्हला रहा हो, बस यही जगह है, जहां आप मनभर कर मस्ती कर सकते हैं और कभी ताजमहल तो कभी पीसा की झुकी हुई मीनार के सामने फोटो क्लिक करा सकते हैं।

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कहा जा सकता है कि दुनिया में सेवन वंडर्स हैं। इनमें आगरा का ताजमहल तो है ही, साथ ही एफिल टावर, पीसा की झुकी हुई मीनार, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, ग्रेट पिरामिड, कोलोसियम तथा क्राइस्ट द रिडीमर शामिल हैं। ये सात आश्चर्य दुनिया के ऐसे शहरों में हैं, जो अलग-अलग सात देशों में इतनी दूरी पर हैं कि यहां एक साथ जाना बहुत मुश्किल होता है। खैर, अगर आपका मन है, तो कोटा में जग मंदिर के पास यह सात आश्चर्य आपका इंतजार कर रहे हैं। कोटा में कुछ वर्षों से यहां की पहचान अब किशोर सागर के किनारे बने दुनिया के नए सेवन वंडर्स को लेकर भी होने लगी है।

नगर सुधार न्यास ने इसे लगभग सात एकड़ में बनाया है। रियासत कालीन तालाब किशोर सागर के किनारे इस प्रकार से बने हैं कि आप यहां आकर यह समझ ही नहीं पाते कि आप असली की प्रतिकृति देख रहे हैं या फिर उसकी नकल। जिस तरह से फिल्मों में डुप्लीकेट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, ठीक उसी तरह इनमें और मूल वंडर्स में सिर्फ यही फर्क नजर आता है कि यह आकार में मिनी हैं और मूल विस्तृत हैं तथा इंडोर और आउटडोर दोनों ही प्रकार से दर्शनीय हैं। इन सेवन वंडर्स को देखने के बाद आप कई बार इतने मशगूल हो जाते हैं कि लगता है कि आप ताजमहल या मिश्र के पिरामिड देख रहे हैं।

इन वंडर्स को देखने का बेहतरीन समय अक्तूबर से फरवरी तक है, लेकिन जब यहां वर्षा का मौसम हो, तो धुंध के बीच इसका मजा कुछ और ही होता है। सर्दियों की गुनगुनी धूप में, जब किशोर सागर तालाब में लहरें उठती हैं और ठंडी-ठंडी हवा आपके शरीर की हल्की गर्मी को चुराती है, तब मन करता है कि इस पार्क के घास के मैदान में बैठकर मन को शीतलता में खो जाने दें। पर्यटक चाहें तो नाव द्वारा किशोर सागर तालाब में भ्रमण भी कर सकते हैं और खुद को उस अनुभूति में डुबो सकते हैं, जो यहां के राजा-महाराजाओं को इस तालाब में शाम के समय आती थी। इसमें घूमने के लिए दो सौ रुपये तक का टिकट लेना होता है।

किशोर सागर तालाब एक कृत्रिम तालाब है और इसका निर्माण बूंदी के राजकुमार देहरा देह ने सन 1346 में करवाया था। फिर महाराज किशोर सिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया अठारहवीं शताब्दी में। इस तालाब के अंदर ही जगमंदिर भी है, जो एक राजसी महल हुआ करता था। यह कोटा के वैभवशाली राज की सुंदरता को दर्शाता है। झील का जब पानी साफ और शांत हो, तो इसका प्रतिबिंब स्पष्ट नजर आता है, और रात में तो सेवन वंडर्स के साथ ही इसकी रोशनी खूबसूरती दर्शनीय हो जाती है। ड्रोन से देखने पर यह किसी दूसरे देश का अहसास कराता है। जगमंदिर में अभी एक शिव मंदिर है, जहां जाकर आप अपनी मन्नत मांग सकते हैं।

जगमंदिर की दीवारों पर पड़ने वाली रोशनी हो या वंडर्स पार्क में बने झरोखों में हो रही रोशनी, यह हर किसी को वहां से हटने नहीं देती। इन सेवन वंडर्स को देखने के लिए नाममात्र की टिकट है। यह बृज विलास महल संग्रहालय के निकट है।

यहां आने के लिए पूरे भारत में ट्रेन और सड़क मार्ग से साधन उपलब्ध हैं। हवाई सुविधा अभी कम है। जयपुर के पास होने के कारण यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सांगानेर से भी जुड़ा है। कोटा और जयपुर के बीच 250 किलोमीटर की दूरी है, और आप चाहे तो जयपुर-कोटा-बूंदी का एक पैकेज भी बना सकते हैं। लेकिन सर्दी के दिनों में आ रहे हों, तो गर्म कपड़े जरूर लाएं।

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