स्कूल से लौटे नौनिहाल तो करें ये सवाल
बच्चे के स्कूल से लौटने पर अभिभावक उससे अक्सर ये बातें पूछते हैं कि- आज होमवर्क क्या मिला? क्या पढ़ाया गया? टेस्ट में कितने नंबर आये? टिफ़िन खाया है? लेकिन केवल इन्हीं सवालों तक सीमित रहना बच्चे के भावनात्मक व सामाजिक विकास के लिए पर्याप्त नहीं। उससे वे सवाल करें जिससे उसकी सोचने-समझने की क्षमता में वृद्धि हो और वह अपनी बात साझा कर सके।
संयोग कुछ ऐसा हुआ कि एक दोपहर लेखिका अपनी एक दोस्त के घर पर बैठी हुई थी कि तभी उसका आठ साल का बेटा स्कूल से लौटा। लेखिका की दोस्त ने अपने बेटे की स्कूल यूनिफार्म बदलने व घर के कपड़े पहनने में मदद की। इसके बाद बच्चा फ्रेश होकर आया और सबके साथ डाइनिंग टेबल पर बैठकर उसने लंच किया। खाना खाते ही उसने अपनी मम्मी से कहा, ‘मैं सोने जा रहा हूं, मुझे चार बजे जगा देना, मैं अपना होमवर्क करने के बाद कॉलोनी के पार्क में अपने दोस्तों के साथ खेलने जाऊंगा।’ मां ने ‘ओके’ कहा और बच्चा अपने कमरे में सोने के लिए चला गया।
लेखिका के मुताबिक, यह सब देखकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। सब कुछ रुटीन सा था, मेरी दोस्त ने अपने बेटे से उसके बारे में कोई सवाल ही नहीं किया था, जबकि मेरे बच्चे जब अपने स्कूल से लौटते थे तो मैं उनसे ढेरों सवाल किया करती थी। लेखिका ने अपनी दोस्त से मालूम किया, ‘जब तुम्हारा बेटा स्कूल से लौटता है तो तुम उससे स्कूल के बारे में कुछ पूछती क्यों नहीं?’ उसने बड़ी लापरवाही से जवाब दिया, ‘बस ऐसे ही, मैं ज़रूरत महसूस नहीं करती।’ लेखिका ने उसे समझाया कि यह तो गलत है, बच्चे जब स्कूल से लौटें, तो उनसे कम से कम पांच सवाल तो अवश्य करने चाहिए। लेखिका ने आगे बताया - यह सुनकर मेरी दोस्त की जिज्ञासा बढ़ी और उसने उन पांच आवश्यक प्रश्नों को जानना चाहा जो बच्चे के स्कूल से लौटने पर माओं को ज़रूर करने चाहिए।
लेखिका ने उसे बताया कि बच्चे के स्कूल से लौटने पर अधिकतर पैरेंट्स उससे कुछ रुटीन से प्रश्न करते हैं, जैसे- आज होमवर्क क्या मिला? क्या पढ़ाया गया? टेस्ट में कितने नंबर आये? टिफ़िन खाया कि नहीं? यह सवाल ज़रूरी तो हैं, लेकिन केवल इन्हीं तक सीमित रहना बच्चे के भावनात्मक व सामाजिक विकास के लिए पर्याप्त नहीं है। बच्चे से वह सवाल मालूम करना आवश्यक है, जिससे उसकी सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि हो और वह खुलकर अपनी बात साझा कर सके। बाल विशेषज्ञ व ईएन पॉवर के संस्थापक सुशील मुंगेकर के मुताबिक, स्कूल से लौटने पर बच्चे से करने योग्य पांच आवश्यक सवाल ये हैं -
स्कूल में हुई सकारात्मक घटना
आज क्लास में क्या एन्जॉय किया? यह सवाल बच्चे को सकारात्मक सोचने के लिए विवश करता है। इसके अतिरिक्त उसके जवाब से आपको भी मालूम पड़ेगा कि किस चीज़ ने उसका दिन खास बनाया या उसने क्या अच्छा किया और उसे क्या करना पसंद है।
कमी की भी जानकारी है जरूरी
आज क्लास में किस चीज़ की कमी लगी? इसके जवाब से आप समझ पायेंगे कि आपका बच्चा किन हालात या संसाधनों की कमी महसूस कर रहा है। मुमकिन है कि उसे किसी विषय में मदद चाहिए। यह मालूम होने पर आप उसके लिए हालात बेहतर करने का प्रयास कर सकते हैं।
ऐसे जानें सोशल सर्किल के बारे में
आज आपने किसके साथ अच्छा समय बिताया? इसके जवाब से आपको अपने बच्चे के सोशल सर्किल के बारे में मालूम हो जायेगा, जिसकी जानकारी हर मां बाप के लिए आवश्यक होती है। संगत से ही पता चलता है कि बच्चा किस दिशा में जा रहा है। इसके अतिरिक्त आप जान जायेंगे कि आपका बच्चा किन दोस्तों या टीचर्स की कम्पनी एन्जॉय करता है और उसके रिश्ते कैसे बन रहे हैं।
नयी सीख की भी करें चर्चा
आज क्लास में कुछ नया सीखा या किया? इस प्रश्न से बच्चा खुद भी सोचेगा कि दिनभर में उसने नया क्या सीखा। आहिस्ता-आहिस्ता उसकी सीखने में दिलचस्पी बढ़ेगी और वह नये-नये अनुभवों के लिए तैयार रहेगा।
परेशानी जानने का करें प्रयास
कल स्कूल जाने में आपको मज़ा आयेगा? इस प्रश्न से सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। अगर बच्चा कहता है कि उसे कल स्कूल जाने में मज़ा नहीं आयेगा तो यह संकेत है कि वह किसी परेशानी का सामना कर रहा है। उसकी दिक्कत या परेशानी को जानने-समझने का प्रयास करें तभी उसका समाधान भी हो पायेगा।
इन सवालों को सुनकर लेखिका की दोस्त हैरत में पड़ गई। उसने स्वीकार किया कि स्कूल से लौटने पर बच्चे से सही सवाल करना बहुत मायने रखता है। ये पांच छोटे-छोटे सवाल न केवल आपको आपके बच्चे के रोजमर्रा के अनुभवों के बारे में जानकारी देंगे बल्कि उसके आत्मविश्वास, सोचने की क्षमता और सोशल स्किल्स को भी मज़बूत करेंगे। लेखिका की दोस्त बोली, ‘कल जब मेरा बेटा स्कूल से लौटेगा तो मैं होमवर्क व नंबरों के अलावा ये पांचों सवाल उससे ज़रूर करूंगी और रोज़ाना ही करूंगी।’
-इ.रि.सें.