फिल्मों में सामाजिक मुद्दे उठाने की कोशिश : सोमेश्वर
बॉलीवुड पार्श्व गायक, अभिनेता, निर्माता हैं सोमेश्वर नारायण शर्मा उर्फ सोमेश्वर महादेवन। वे ‘वॉयस ऑफ राजस्थान’ एवं ‘वॉयस ऑफ महाराष्ट्र’ जैसे खिताबों से सम्मानित हैं। बीते दिनों चंडीगढ़ में उनसे हुई बातचीत में उन्होंने अपने जीवन, कला-संगीत के प्रति समर्पण और सांस्कृतिक प्रतिबद्धताओं को साझा किया। सोमेश्वर महादेवन का असल नाम सोमेश्वर नारायण शर्मा है, लेकिन सृजनात्मक संसार में उन्हें सोमेश्वर महादेवन या सिंगर सैम के नाम से जाना जाता है। सोमेश्वर नारायण शर्मा का जन्म 1991 में राजस्थान के सांस्कृतिक नगर सरदारशहर में हुआ।
कला और संगीत के प्रति लगाव
सोमेश्वर का मानना है कि संगीत और कहानी कहना उनके लिए शौक नहीं,बल्कि एक आत्मिक आह्वान रहा है। उनके मुताबिक, ‘मैं मानता हूं कि ईश्वर ने मुझे मेरी भूमि की आवाज़ बनने के लिए चुना है। राजस्थानी लोक गायकी से लेकर बॉलीवुड तक मेरी कोशिश रही है कि मेरे प्रदर्शन में परंपरा और आधुनिकता का संगम हो।’
उपलब्धियां और सम्मान
सोमेश्वर कहते हैं कि ‘वॉयस ऑफ राजस्थान’ जैसे सम्मान मुझे प्रेरणा नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी का अहसास कराते हैं। वहीं ‘अलबेलो राजस्थान’ (डीडी राजस्थान) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वे युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ते रहे हैं।
लाइव परफॉर्मेंस व बॉलीवुड का सफर
लाइव परफॉर्मेंस और बॉलीवुड यात्रा के बारे में सवाल पर सोमेश्वर का जवाब होता है कि भारत से लेकर विदेशों तक मंचों पर प्रस्तुति देना उनके लिए संस्कृति के संगम का उत्सव होता है। वहीं वे बताते हैं कि उन्होंने हमेशा कोशिश की है कि कहानी और गीत दोनों आत्मा से जुड़े रहें।
फिल्म निर्माण का उद्देश्य
गायक, अभिनेता और निर्माता सोमेश्वर नारायण शर्मा बताते हैं कि फिल्में जैसे ‘ज्यूडिशियल कस्टडी’, ‘जेड प्लस’, और ‘जय मां शाकंभरी’ उनके उस प्रयास का हिस्सा हैं जिससे क्षेत्रीय आवाज़ों को राष्ट्रीय मंच मिले। अब वे एक निर्माता के रूप में उन कहानियों को लाना चाहते हैं जो समाज के मुद्दों, कला और सच्चाई से जुड़ी हों।
संस्कृति से जुड़ाव
सोमेश्वर मानते हैं कि वे चित्तौड़गढ़ के जौहर मेले जैसे आयोजनों का हिस्सा बनकर सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्तराधिकारी के रूप में शामिल होते हैं। बाल शिक्षा, और शास्त्रीय संगीत जैसे विषय जीवन के मिशन हैं। वहीं वे बताते हैं कि उनके प्रोडक्शन हाउस की टैगलाइन ‘इफ वी कमिट, वी रियली मीन इट’ उनकी कार्य संस्कृति की पहचान है।
-फीचर डेस्क