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गर्मी में होम गार्डन हरा-भरा रखने के टिप्स

कड़ी धूप व तपाती गर्मी में होम गार्डन में लगे पौधों की खास देखभाल जरूरी है। बड़ी चुनौती उनमें नमी बनाए रखना है। सही वक्त पर व उपयुक्त मात्रा में पानी देना जहां जरूरी है वहीं नाजुक पौधों को छाया...
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कड़ी धूप व तपाती गर्मी में होम गार्डन में लगे पौधों की खास देखभाल जरूरी है। बड़ी चुनौती उनमें नमी बनाए रखना है। सही वक्त पर व उपयुक्त मात्रा में पानी देना जहां जरूरी है वहीं नाजुक पौधों को छाया वाले स्थान पर ट्रांसफर करना भी। इसी तरह प्राकृतिक खाद डालना आवश्यक है।

अनु आर.

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गर्मी के मौसम में सिर्फ हम ही प्रभावित नहीं होते, इससे हमारे पौधों पर भी बुरा असर होता है। तेज गर्मी के कारण जिन पौधों को कम धूप की जरूरत होती है, अगर उन्हें कड़ी धूप में रख दिया जाए तो वे खराब हो जाते हैं। अगर इस मौसम में उन्हें पानी कम दिया जाए तो भी वे सूख जाते हैं। यदि उन्हें खुले में रखकर तेज धूप के वक्त पानी दे दिया जाता है, तो कई बार पौधे तापमान में बैलेंस न होने के कारण खराब हो जाते हैं। ऐसे में जानिये तपाती गर्मी में अपने पौधों को हम कैसे नम रखें ताकि हमारा बागीचा हर समय हरा-भरा रहे।

सही वक्त पर पानी दें

भीषण गर्मी में सबसे महत्वपूर्ण जो चीज है, वह है पौधों को समय पर और पर्याप्त पानी देना। सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के बाद पानी देना सबसे सही होता है। यदि दोपहर में पानी दिया जाता है तो पानी तेजी से वाष्पीकृत हो जाता है और पौधों की जड़ों तक न पहुंच पाने के कारण इनमें पानी की कमी हो जाती है। जड़ों में अच्छी तरह पानी पहुंचे, इसके लिए पर्याप्त और सही समय पर पानी डालें।

मौसम के अनुसार पौधों का चयन

जब आप अपने गार्डन में गर्मियों के लिए नये पौधे लगवाना चाहें तो ऐसे पौधों का चयन करें, जो तेज धूप और गर्मी आसानी से सहन कर सकते हैं। ..और जिन्हें कम पानी की जरूरत होती है। जैसे गुड़हल, तुलसी, पोर्टुलका, गुलमोहर, गेंदा- ये तमाम ऐसे फूल हैं, जो हर समय हरे भरे रहते हैं, कम पानी की जरूरत होती है। ज्यादा देखभाल नहीं चाहते और गार्डन रंग-बिरंगा नजर आता है।

खाद और पोषक तत्व

गर्मियों में मिट्टी उर्वरता की बनाये रखना जरूरी होता है, क्योंकि तेज धूप के कारण मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का क्षरण जल्दी होता है। इस मौसम में वर्मी कंपोस्ट, नीम खली, गोबर खाद जैसी प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें। इससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हैं और मजबूती भी बनी रहती है। इन दिनों रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से बचें।

मल्चिंग

मल्चिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधों को तेज धूप और गर्मी से बचाने के लिए पौधों की जड़ों के चारों ओर पत्ते, भूसा, लकड़ी की छीलन या अखबार की परतें बिछा दी जाती हैं ताकि नमी बनी रहे और तापमान भी नियंत्रित रहे। इससे मिट्टी जल्दी नहीं सूखती। खरपतवार कम होती है और तापमान नियंत्रित रहता है।

गार्डन में छाया

कई ऐसे पौधे होते हैं जिन्हें सूरज की तेज धूप से बचाना होता है। इसके लिए शेड, नेट या कपड़े की छांव का इस्तेमाल किया जा सकता है। छोटे गमलों को ऐसी जगह रखें जहां कम धूप आती हो या दिन के समय घर के छायादार हिस्से में ट्रांसफर कर दें।

पौधों की करें प्रूनिंग

तेज गर्मी के कारण पौधों की पत्तियां जल्दी सूखती हैं और वे कई बार असावधानीवश सूख जाती हैं। इन सूखी हुई शाखाओं की कांट-छांट करते रहें ताकि पौधे अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर सके। पीली पत्तियों को काटकर निकाल दें।

खरपतवार का सफाया

इन दिनों पौधों में खरपतवार बहुत जल्दी उगती और फैलती है और इनके होने से पौधों से पानी और पोषक तत्व की बर्बादी होती है, क्योंकि ये उनके हिस्से का पानी और पोषक तत्व उनसे छीन लेते हैं, इन्हें हटाना जरूरी है ताकि ग्रोथ पर इसका बुरा असर न पड़े।

गमलों के पौधे

आपकी बगिया में अगर ज्यादा पौधे गमलों में लगे हैं तो धूप के कारण उनकी मिट्टी जल्दी सूखती है। इसलिए उनकी मिट्टी की नमी को बनाये रखने के लिए उसमें कोकोपीट या वर्मी कंपोस्ट डालते रहें। उन्हें तेज धूप से बचाकर रखें। वहीं सप्ताह में एक बार बड़े कंटेनर में पानी भरकर पौधे को पूरी तरह डुबोकर रखने से उनकी नमी लंबे समय तक बनी रहती है।

नियमित देखभाल

अपने पौधों की सिंचाई करते समय हर पौधे का निरीक्षण अच्छी तरह करें, जिन पौधों की टहनियां पूरी तरह सूख गई हैं, उन्हें काटकर निकाल दें। पीली पत्तियों को हटाएं। मिट्टी अगर सूखी है या उनमें कीड़ों का आक्रामण हो रहा हो तो तुरंत नीम का तेल या जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। बहरहाल मौसम कोई भी हो, पौधे हरे-भरे और स्वस्थ तभी रह सकते हैं, जब हम इनका पूरा ध्यान रखते हैं। यह मौसम पौधों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन नियमित देखभाल और सही तकनीक के जरिये हम अपने गार्डन को हरा-भरा बनाये रख सकते हैं। -इ.रि.सें.

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