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फिल्मों में बेवफाई के किस्से बेहिसाब

हाल ही में इंदौर में जो घटना घटी वो किसी फ़िल्मी कथानक से कहीं ज्यादा रोमांचक है। एक पत्नी ने शादी के दो सप्ताह बाद ही अपने पति को हनीमून के दौरान भाड़े के हत्यारों से मरवा दिया। साजिश...
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हाल ही में इंदौर में जो घटना घटी वो किसी फ़िल्मी कथानक से कहीं ज्यादा रोमांचक है। एक पत्नी ने शादी के दो सप्ताह बाद ही अपने पति को हनीमून के दौरान भाड़े के हत्यारों से मरवा दिया। साजिश ऐसी रची कि पुलिस भी चौंक गई। एक ऐसी खौफनाक साजिश जिसमें प्यार का दिखावा था, धोखा था और कत्ल भी! ये हत्या कई फिल्मी कथानकों की याद दिलाती है। कहा जा सकता है कि ये घटना फिल्म इंडस्ट्री से निकली कहानी या रील से बनी रियलिटी से कम रोमांचक नहीं। फिल्मकारों ने भी पत्नी की बेवफाई के किस्सों पर कई कहानियां गढ़ी, जो पसंद की गई।

हेमंत पाल

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हमारे यहां पत्नियों की बेवफाई पर तो दर्जनों फिल्में बनी, लेकिन इंदौर की सोनम रघुवंशी ने जो करतूत की, वो फ़िल्मों के कथानक की सीमा रेखा से भी बाहर की बात है। भारत एक परंपरावादी और सुसंस्कृत समाज वाला देश है, यहां पति को परमेश्वर मानने की परंपरा है। ऐसे में पत्नी का अपने पति की हत्या करवा देना जैसी घटनाओं को दर्शक अमान्य कर सकते हैं। इसी आशंका से निर्माताओं ने इस विषय को छूने में आम तौर पर कोताही बरती। ऐसा भी नहीं कि फिल्मकारों के लिए यह विषय वर्जित रहा हो। फिल्मकार बीआर चोपड़ा के लिए पत्नी की बेवफाई न केवल पसंदीदा और बॉक्स ऑफिस पर लाभकारी विषय रहा, बल्कि उन्होंने बेवफा पत्नी द्वारा अच्छे पति की हत्या के षड्यंत्र को भी परदे पर उतारने की हिम्मत दिखाई।

निर्देशन में अपना झंडा गाड़ने के बाद जब बीआर चोपड़ा को स्वतंत्र रूप से निर्माता बनने के लिए अशोक कुमार ने प्रेरित किया, तो उन्होंने पहली ही फिल्म के लिए बेवफा पत्नी द्वारा पति की हत्या जैसा ऑफ बीट विषय सुझाया। यह 1951 का दौर था, तब ऐसे विषय पर फिल्म बनाने का सोचना आत्मघाती कदम ही था। लेकिन बीआर चोपड़ा ने हिम्मत दिखाई और अशोक कुमार, कुलदीप कोर, प्राण और जीवन को लेकर आईएस जौहर की कहानी, पटकथा और संवाद पर फिल्म ‘अफ़साना’ का निर्माण और निर्देशन किया। इस फिल्म ने दर्शकों के दिमाग के साथ-साथ बॉक्स ऑफिस पर भी सनसनी फैला दी। इसके बाद उन्होंने गुमराह, हमराज़ और ‘धुंध’ में भी पत्नी की बेवफाई के अलग-अलग किस्से सैल्यूलाइड पर बुनते हुए बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई। नए ज़माने में दिलीप कुमार, शर्मिला टैगोर, बिंदु और प्रेम चोपड़ा को लेकर उन्होंने ‘अफ़साना’ का ही रीमेक ‘दास्तान’ बनाई। पर, ये फिल्म उतनी सफल नहीं रही। इसके बाद उन्होंने बेवफा पत्नी द्वारा पति की सुनियोजित हत्या का ताना-बाना फिर बुना जिसके तार थे राजेश खन्ना और नंदा। ‘इत्तेफाक’ नाम से बनी इस फिल्म ने एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया।

‘दाग’ से ‘कर्ज’ तक ऐसे किस्सों की कमी नहीं

बीआर चोपड़ा की इस परम्परा को उनके छोटे भाई यश चोपड़ा ने भी आगे बढ़ाया। बीआर फिल्म्स से अलग होकर उन्होंने राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर और राखी को लेकर फिल्म ‘दाग’ बनाई। उसमें भी यही बेवफाई थी। इसके बाद उन्होंने देव आनंद, हेमा मालिनी, राखी, बिंदु और प्राण को लेकर फिल्म ‘जोशीला’ बनाईं गई। उसमें भी बिंदु अपने पति प्राण से बेवफाई कर उसे मारने का षड्यंत्र रचती है। कई कारणों से ‘जोशीला’ दर्शकों को बांध नहीं सकी। इसके बावजूद यह विषय नहीं पिटा। कुछ सालों के बाद सुभाष घई ने ‘कर्ज’ नाम से फिल्म बनाई। इसमें ऋषि कपूर के पिछले जन्म की बीवी सिम्मी गरेवाल अपने पति को कार से कुचलकर वैसे ही खाई में फेंक देती है, जैसे सोनम ने अपने पति की हत्या को अंजाम दिया।

सोनम रघुवंशी केस में पति राजा की मौत के बाद सोनम पर शक हुआ और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस केस ने हसीन दिलरूबा, डार्लिंग और ‘जाने जान’ जैसी फिल्मों की याद दिला दी। इस कड़ी में पहला नाम ‘हसीन दिलरूबा’ का ही होगा, जिसमें विक्रांत मैसी और तापसी पन्नू नजर आए थे। इस फिल्म में तापसी पर पति की हत्या का आरोप लगता है। फिल्म को विनिल मैथ्यू ने डायरेक्ट किया है। आलिया भट्ट की नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म रिलीज हुई थी ‘डार्लिंग’ जो घरेलू हिंसा पर बनी शानदार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में भी नायिका अपने पति को मार देती है। साल 2023 में करीना कपूर, विजय वर्मा और जयदीप अहलावत थ्रिलर फिल्म ‘जाने जान’ लेकर आए थे। इसे सुजॉय घोष ने डायरेक्ट किया और फिल्म में किरदार माया अपने पति की हत्या कर देती है।

पति से तंग आकर हत्या करने वाली नायिका

‘अ परफेक्ट मर्डर’ फिल्म 1998 में आई थी। लव ट्रायंगल के इर्द-गिर्द ही इस फिल्म की रूपरेखा बुनी गई। अंत में महिला ही अपने आशिक की बंदूक से अपने पति पर वार करती है। 2006 में आई फिल्म ‘प्रोवोक्ड’ में ऐश्वर्या राय बच्चन ने लीड रोल प्ले किया था जिसमें उन्होंने किरणजीत नाम की महिला का किरदार निभाया था। महिला शादी के बाद अपने पति के साथ अमेरिका चली जाती है। उसका पति उसे मारता है। एक दिन तंग आकर अपने पति का कत्ल कर देती है।

बेवफाई, मोहब्बत, लालच और साजिश की कहानी 2003 में आई सुपरहिट फिल्म फिल्म ‘जिस्म’ की याद दिलाती है। फिल्म में बिपाशा बसु ने सोनिया का किरदार निभाया था, जो हसीन, चालाक महिला थी। वो पति से तंग आकर एक वकील (जॉन अब्राहम) को प्यार के जाल में फंसाती है। वकील उसकी मोहब्बत में अंधा होकर अपने हाथ खून से रंग देता है।

शादी से खुश नहीं, इसलिए बेवफाई

परदे पर नायिका की बेवफाई के बेहिसाब किस्से हैं। ये फिल्में शादी के बाद प्यार और धोखे के विषयों पर आधारित है, जहां पत्नियां बेवफाई में लिप्त होकर पति को धोखा देती हैं या उसे रास्ते से हटा देती हैं। फ्रेंच फिल्म ‘द अनफेथफुल वाइफ’ (1969) कामुक थ्रिलर है, जो एक बेवफा पत्नी की कहानी है। सनम बेवफा (1991) एक बेवफा पत्नी के कारण होने वाले दुख की कहानी है। बेवफा (2007) ऐसे जोड़े की कहानी है जो शादी से खुश नहीं है और पत्नी बेवफा बन जाती है। ‘गहराइयां’ (2022) फिल्म में पत्नी (दीपिका) अपनी शादी से खुश नहीं है और उसकी एक पारिवारिक समस्या के कारण उसे शादी के साथ बेवफाई मिलती है। ‘कभी अलविदा ना कहना’ (2006) फिल्म में दो पात्र अपनी-अपनी शादी से तंग आकर एक-दूसरे के साथ अफेयर करने लगते हैं। इन फिल्मों में से कुछ में पत्नियों को गलत तरीके से पेश किया गया। जबकि, कुछ में उनका दृष्टिकोण समझने की कोशिश भी की गई।

फिल्म ‘बरीड अलाइव’ का रोमांच चौंकाने वाला

सिर्फ हिंदी ही नहीं, अंग्रेजी में भी 35 साल पहले ऐसी ही फिल्म ‘बरीड अलाइव’ आई, जिसके प्लॉट ने दर्शकों के होश उड़ा दिए थे। 1990 में आई इस अमेरिकी फिल्म का डायरेक्श न फ्रैंक डाराबोंट ने किया था। इसमें टिम मैथेसन, जेनिफर जेसन लेह, विलियम एथरटन और होयट एक्सटन लीड रोल में थे, इसे जबरदस्ति सफलता भी मिली। साल 1997 में इसका सीक्वल ‘बरीड अलाइव-2’ भी रिलीज किया गया। ये ऐसी बेवफा पत्नी की कहानी है, जो प्रेमी के साथ मिलकर पति को जहर देकर मारने की कोशिश करती है। पति मर नहीं पाता, फिर भी उसे दफना दिया जाता है। अधमरा पति कब्र से बाहर निकल आता है। घर लौटता है, लेकिन वहां उसे अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की सच्चाई का पता चलता है। वह दोनों का सामना करने के बजाए स्वस्थ होने के लिए तहखाने में छिप जाता है। उसके बाद का थ्रिलर बेहद रोमांचक था।

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