ड्रेगन प्राचीन कथाओं का भयानक दानव है, जो वास्तव में कभी नहीं हुआ। दरअसल बहुत समय पहले के लोगों ने अपनी कल्पना से इसका निर्माण किया। प्राचीनकाल के लोगों को इतिहास पूर्व के विशालकाय सर्प जैसे जीवों का कोई ज्ञान नहीं था लेकिन फिर भी वे ‘ड्रेगन’ के होने में विश्वास करते थे। ड्रेगन शब्द ग्रीक भाषा के ड्रेकन शब्द से बना है। जिसका अर्थ विशाल सांप होता है, जो अपनी सांसों से आग की लपटें निकालता है, जिसके चमगादड़ जैसे पर होते हैं, जो सांप या छिपकली से मिलता-जुलता है और जिसकी पूंछ कांटेदार होती है।
बुराई के साथ कहीं अच्छाई भी जुड़ी
पूर्वी देशों मे जहां बड़े और घातक विष वाले सांप पाये जाते हैं, ड्रेगन को बुराइयों का प्रतीक माना जाता है। लेकिन पश्चिमी देशों में इसे परिस्थितियों के अनुसार भलाई-बुराई दोनों का प्रतीक मानते हैं। फिर भी अधिकतर लोग इसे अशुभ या बुरा मानते हैं। ईसाई और यहूदी ड्रेगन को अशुभ तथा खतरनाक समझते हैं। ईसाई कला में ड्रेगन पाप और दुख का प्रतिनिधित्व करता है।
स्थान-स्थान पर बदलते रूपाकार
ड्रेगन का रूप और आकार स्थान-स्थान पर अलग-अलग तरह का मिलता है। बेबीलोन ड्रेगन के चार पैर होते हैं और बाइब्लिकन ड्रेगन के कई सिर होते हैं। जो कि यूनान के हाइड्रा से कुछ मिलता-जुलता है। युद्धकाल में इसका उपयोग वीरता का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक के रूप में किया जाता था। बीसवीं शताब्दी में इसे प्रिंस ऑफ वेल्स के अस्त्र-शस्त्रों पर डाले जाने वाले चिन्हों के रूप में उपयोग करने की स्वीकृति मिल गई।
चीन का राष्ट्रीय प्रतीक यानी लंग
चीनी ड्रेगन जिसे लंग कहते हैं, वहां का एक राष्ट्रीय प्रतीक है। जापान और चीन के ड्रेगन में पंख नहीं होते। उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों तथा भूटान में विभिन्न त्योहारों पर ड्रेगन की मूर्तियों का भी उपयोग किया जाता है। कोमोडो ड्रेगन जो इंडोनेशिया के कुछ द्वीपों पर पाया जाता है, वास्तव में एक बहुत बड़ी छिपकली होती है। ड्रेगन को अब भी आमतौर पर एक रहस्यमयी पौराणिक आकृति माना जाता है। ड्रेगन कल्पना को लेकर कई कहानियां, उपन्यास और फिल्में बन चुकी हैं, जो बहुत लोकप्रिय हुई हैं। बच्चे ऐसी कहानियों और फिल्मों को अधिक पसंद करते हैं।
-इ.रि. सें.