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इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में बुलंदियों की राह

राजेंद्र कुमार शर्मा आजकल हर क्षेत्र में विशेषज्ञता की मांग को देखते हुए ऐसे पाठ्यक्रम आरंभ किए जा चुके हैं जो विद्यार्थी को 12वीं के बाद ही अपने मनपसंद विषय में विशेषज्ञता प्रदान कर सकते हैं। ऐसे इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम 12वीं...
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राजेंद्र कुमार शर्मा

आजकल हर क्षेत्र में विशेषज्ञता की मांग को देखते हुए ऐसे पाठ्यक्रम आरंभ किए जा चुके हैं जो विद्यार्थी को 12वीं के बाद ही अपने मनपसंद विषय में विशेषज्ञता प्रदान कर सकते हैं। ऐसे इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम 12वीं के पश्चात 5 या 6 वर्ष की अवधि के उपलब्ध हैं। दरअसल, 12वीं के विद्यार्थी को स्नात्तक की पढ़ाई करनी होती है वहीं विशेषज्ञता का विषय भी साथ-साथ चलता है। कानून यानी लॉ भी ऐसा ही फील्ड है। प्रमुख इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स की बातें करें तो बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, बीकॉम एलएलबी, बीएससी एलएलबी और बीटेक एलएलबी आदि हैं। इनका स्तर अंडर ग्रेजुएट के साथ पोस्ट ग्रेजुएट होता है। इन पाठ्यक्रमों की अवधि पांच साल की होती है।

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इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में दो डिग्री शामिल हैं। एक कानून की और दूसरी आर्ट, वाणिज्य या फिर साइंस की कोई भी ब्रांच की हो सकती है।

कैरियर संभावनाएं

इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स करने के बाद कैरियर की जबरदस्त संभावनाएं हैं। मसलन आप एडवोकेट बन सकते हैं, लीगल काउंसलर बन सकते हैं, कॉरपोरेट लॉयर बन सकते हैं , लॉ ऑफिसर के रूप में काम कर सकते हैं और क्रिमिनल लॉयर जैसे ऑप्शन भी मौजूद होते हैं। अनुभव और योग्यता के अनुसार सैलरी पैकेज 8 लाख से 15 लाख वार्षिक हो सकता है।

न्यूनतम योग्यता

इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स करने के लिए आपकी शैक्षणिक योग्यता 10+2 होनी चाहिए, लेकिन न्यूनतम अंक अलग-अलग कॉलेज या यूनिवर्सिटीज के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। इसी तरहं इस कोर्स करने के लिए परीक्षाओं के प्रकार भी अलग-अलग हो सकते हैं जो आमतौर पर सेमेस्टर पद्धति और वार्षिक पद्धति पर बंटे होते हैं।

इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स ही क्यों?

सामान्य रूप से एलएलबी करने की जगह इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स करने पर कैरियर की संभावनाएं बेहतर होती हैं, क्योंकि तब एक से अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं। क्योंकि इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में आपको एक नहीं बल्कि दो-दो कोर्सेज का फायदा मिलता है। दूसरा फायदा ये है कि अगर आप ग्रेजुएशन के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो कम से कम आपका एक साल बच जायेगा। क्योंकि इसमें तीन साल बैचलर डिग्री के लिए और दो साल मास्टर डिग्री के लिए मान कर कोर्स का डिजाइन निर्धारित किया गया है। पढ़ाई के लिए खर्च होने वाले पैसे की बचत होती है।

प्रवेश प्रक्रिया

ज्यादातर एडमिशन मेरिट बेस्ड होते हैं यानी आप अपने बेहतर नंबरों के आधार पर बेहतर पाठ्यक्रम हासिल करते हैं। लेकिन कई संस्थानों में नंबरों की बजाय प्रवेश परीक्षा को तरजीह दी जाती है। क्लैट (CLAT) का पूरा नाम कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट है। क्लैट 5-वर्षीय एकीकृत एलएलबी (यूजी) और एक-वर्षीय एलएलएम (पीजी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है। परीक्षा यूजी पाठ्यक्रमों के लिए 24 एनएलयू ( नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ) और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए 21 एनएलयू में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।

पढ़ाई पर खर्च

देश में इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स करने के लिए कम से कम 3 लाख रुपये और अधिकतम 50 लाख रुपये तक की जरूरत होती है। यह कोर्स के लिए आपमें कई स्किल्स का होना जरूरी है। जैसे रिसर्च स्किल, जजमेंटल स्किल, क्रिटिकल थिंकिंग, भाषाई प्रवाह, वाकपटुता भी जरूरी है ताकि आपकी कम्युनिकेशन स्किल धारदार बनें।

महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम

बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ- कानून कोर्स के क्षेत्र में यह भारत की सबसे लोकप्रिय डिग्री है। वहीं बी बी ए-एल एल बी करें तो यह मैनेजमेंट और मुख्य कानून विषयों का एक आदर्श मिश्रण है। जो बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ साथ कानूनी विषयों में पारंगत बनाती है। ऐसे ही बीएससी - एल एल बी के तहत बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ कोर्स में लीगल मैथड्स, लॉ आफ कॉन्ट्रैक्ट, फेमिली लॉ, बिजनेस लॉ आदि विषयों के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री की मूलभूत अवधारणाओं और औद्योगिक विकास में विज्ञान और तकनीकी का भी अध्ययन किया जाता है।

पढ़ाई के लिए प्रमुख विश्वविद्यालय

देश के लगभग सभी सेंट्रल और स्टेट विश्वविद्यालय लॉ का इंटीग्रेटेड कोर्स ऑफर करते हैं। इनमें प्रमुख विश्वविद्यालय / संस्थान हैं : नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर, नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडी एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद, डॉ बी आर अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा, वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता, , नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल , नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर, हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला, महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, शिमला इसके अतिरिक्त स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज जैसी विदेशी यूनिवर्सिटीज भी लॉ के पाठ्यक्रम / शिक्षा / विशेषज्ञता कोर्स ऑफर करते हैं।

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