फूलों की ज़मीं और जगमग रातों की दुनिया
थाईलैंड में ऑर्चिड फूलों की खूबसूरती, सुनहरे समुद्र तट, रंगीन नाइटलाइफ और प्राचीन मंदिरों का अनूठा संगम मिलता है। यहां की थाई मसाज, जीवंत बाजार और अद्भुत सांस्कृतिक अनुभव हर यात्रा को यादगार बना देते हैं।
अमिताभ स.
थाई एयरवेज की हर उड़ान में घोषणा की जाती है- ‘वेलकम टु रॉयल ओरचिड लैंड’। थाई एयरवेज का लोगो भी ऑर्चिड फूलों से सुसज्जित है। उतरते-उतरते हर मुसाफ़िर को मुस्कान के संग एक-एक ओरचिड फूल थमाया जाता है। बताते हैं कि दुनिया को ऑर्चिड से रू-ब-रू करवाने वाला देश थाईलैंड ही है।
थाईलैंड सैर का सुनहरा त्रिकोण बैकांक, पताया और फुकेट है। बैकांक से सड़क के रास्ते पताया 147 किलोमीटर दूर है और पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं। पताया बीच की कुदरती खूबसूरती दिलकश है। दिन में बेहतरीन बीच रात होते-होते यौवन के हसीन शहर में तब्दील हो जाता है। नाइट लाइफ का जलवा देखना है, तो शाम वॉकिंग स्ट्रीट पर पैदल चलिए। हर शाम स्ट्रीट कहें या सड़क पर, पैदल चलने वालों का हुजूम उमड़ पड़ता है। बीच-बीच में, इस कदर कि कंधे से कंधा टकराए। दोनों तरफ़ पब, बार और रतिक्रीड़ा क्लब हैं। वहां इन क्लबों को ‘गो गो बार’ कहते हैं। वॉकिंग स्ट्रीट रंग-बिंरगी नियॉन लाइटों की जगमग में तड़के तक जवान रहती है। इस कदर कि देखते- देखते आंखें चौंधिया जाती हैं। इन मादक क्लबों में टिकट खरीद कर उत्तेजक शो देख सकते हैं। पबों के बाहर तक तेज़तर्रार म्यूजिक सुनाई देता है और बुलाता लगता है।
पताया में रोज अपनी किस्म का निराला एल्केजर शो होता है। डेढ़ घंटे के ग्लैमरस शो की बराबरी पेरिस के लीडो कैबरे शो से कर सकते हैं। एल्केजर की बड़ी खासियत है कि शो में शरीक तमाम हसीनाएं असल में यौन परिवर्तन के ज़रिए लड़कों से लड़कियां बनी हैं। शो के दौरान बाक़ायदा बताते हैं कि हसीनाएं असल में लड़के हैं। एल्केजर अपनी किस्म का दुनिया का इकलौता स्टेज शो है।
पताया में सागर की सैर सैलानियों के लिए खास आकर्षण है। स्पीड बोट से सागर के बीचोंबीच खड़े समुद्री जहाज पर पहुंचते हैं। यहां पैराग्लाइडिंग कीजिए। पैराशूट के सहारे पताया के आसमान की हवाओं का लुत्फ क्या खूब है। एक्सपर्ट डाइवरों के साथ गहरे पानी में डुबकी लगाइए और मछलियों को ब्रेड तक खिलाइए। यहीं कीमती नगीना कोरल यानी मूंगा की खेती होती है। गहरे नीले पानी के बहुत नीचे सिंदूरी मूंगे के पौधे देखना न भूलने लायक़ अनुभव है। मूंगा ही नहीं, तमाम रत्न-नगीनों का थाई बड़ा विख्यात कारोबारी अड्डा है। बीच से हट कर ओरचिड फ़ार्म, रिपलेस बिलीव इट ओर नॉट म्यूजियम और एलिफ़ेंट विलेज भी देखने लायक हैं।
उधर फुकेट को पर्ल ऑफ अंडमान कहते हैं। क्योंकि यह अंडमान सागर में है। थाईलैंड का यह सबसे बड़ा द्वीप सिंगापुर के बराबर में है। इसका पटौंग बीच सबसे रौनकी है। स्पीड बोट से फुकेट के एक टापू से दूसरे टापू को छूना फुल्लमफुल मस्ती है।
ट्रैफिक जाम यहां भी
दिल्ली या मुंबई जैसे अपने महानगरों की तरह बैकांक का ट्रैफिक भी बड़ा सिरदर्द है। कह सकते हैं कि घंटों जाम में अपनी दिल्ली से जरा पीछे नहीं है। यहां मेट्रो है, अपने जैसे ऑटो भी हैं। ऑटो की ‘टुक-टुक’ कहते हैं। दिल्ली की तरह ही मीटर से चलने में टुक- टुक वाले आना-कानी करते हैं। मुंह मांगे पैसे मांगते हैं और फिर घट-बढ़। फ़िक्स क़ीमतें नहीं हैं। ख़रीदारी में भी खूब बारगेनिगं चलती है। टीवी, लेपटॉप, मोबाइल वगैरह गैजेट्स ही नहीं, पर्स, जूते- सैंडिल, कपड़े वगैरह की ख़रीदारी अपने देश से सस्ती पड़ती है।
बैकांक मन्दिरों का शहर भी है। खास मन्दिर हैं- ग्रेंड डपैलेस का टेंपल ऑफ एमरल्ड बुद्धा और वेट अरुण। टेंपल ऑफ एमरल्ड बुद्धा में भगवान बुद्धा की प्रतिमा जेड स्टोन से बनी है, जबकि वेट अरूण में है भव्य गोल्डन बुद्धा।
आम के शौकीन
थाईलैंड आम के शौक़ीनों का देश भी है। गर्मियों का मशहूर स्ट्रीट फूड मैंगो स्टिकी राइस है। खास किस्म के थाई आम के साथ थाई स्टीम राइस पर तिल और कोकोनट मिल्क डाल कर कॉम्बो की तरह पेश करते हैं। खाएंगे, तो वाह- वाह कह उठेंगे। फ़ेंगशुई मानने वाले लोग हैं। घरों में कछुआ रखना शुभ मानते हैं। मान्यता है कि कछुआ धन-समृद्धि का प्रतीक है और धन-समृद्धि लाता है।
अपने देश में फ़िलहाल शायद एक भी सेवन स्टार होटल नहीं है। लेकिन थाईलैंड में हैं। सेवन स्टार होटल में अन्य लग्ज़री के अलावा हर कमरे के साथ निजी स्विमिंग पूल और निजी जकूज़ी होती है। अन्य होटलों की तरह सार्वजनिक स्विमिंग पूल होता ही नहीं है। फ़्लश का सिस्टम भी ऑटो होता है।
मुमकिन नहीं कि बैकांक जाएं और स्ट्रिप बार न जाएं। टुक-टुक ड्राइवर को स्ट्रिप बार जाने को कहें, तो फटाफट पहुंचा देगा ‘एंजेल्स एंड डेविल्स’ जैसे किसी स्ट्रिप बार में। ऐसे अलग-अलग नाम के सैंकड़ों स्ट्रिप बार, बॉडी मसाज बार और नूड शो क्लब बैकांक की करीब- करीब हर सड़क और गली में हैं।
थाई मसाज यानी मालिश सारी दुनिया में मशहूर है। हर नुक्कड़ और मॉल में हेल्थ मसाज होती है। थाईलैंड आने वाला हर पर्यटक सिर या पैर की मसाज जरूर करवाता है। हेल्थ मसाज लड़कियां ही करती हैं। लड़कियों की सेक्सी बॉडी मसाज के जलवे भी कम नहीं हैं। बॉडी मसाज पार्लर किसी आलीशान होटल से बढ़कर हैं। अलग-अलग नाम और स्टाइल में। पार्लर में घुसते ही लॉबी होती है। वहीं पारदर्शी शो केस में 25-30 सुन्दरियां पूरे मेकअप में खड़ी-बैठी मुस्कुरा रही हैं। अपनी पसंद की सुन्दरी चुनिए और तय बाट अदा कीजिए। सुन्दरी शो केस से बाहर निकल कर ऊपर बड़े कमरे में ले जाएगी। कमरे खास हैं- एक तरफ़ बिस्तर है और दूसरी तरफ़ नहाने का टब।
थाईलैंड की सबसे दिलचस्प बात है कि सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर होने के बावजूद यहां औरतें कमजोर नहीं हैं। ज्यादातर औरतें मर्दों के संग मिल कर काम करती हैं। टूर गाइड, फुट मसाजर, रेस्तरां मैनेजर या स्टोरों की मालकिन भी हैं। इस हद तक कि पंच तारा होटल ही नहीं, दरम्याने दर्जे के होटलों की दरबान तक औरतें हैं।
दिल्ली से 4 घंटे दूर
दिल्ली से थाईलैंड की राजधानी बैकांक पहुंचने में करीब 4 घंटे लगते हैं।
थाईलैंड की करेंसी बाट है। आजकल एक बाट करीब 2 रुपये 65 पैसे भारतीय रुपये का है। मौसम के लिहाज से, थाईलैंड घूमने के लिए फ़रवरी और मार्च सबसे बेहतरीन समय है। हालांकि पर्यटक का पीक सीजन अगस्त से मार्च के बीच है। जून और जुलाई में ज्यादातर थाई शहरों में द अमेजिंग थाईलैंड ग्रेंड सेल चलती है।