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रसोई में है सेहतमंद दिमाग की खुराक

अभय कुमार जैन आजकल याद‍्दाश्त बढ़ाने संबंधी दवाओं के ढेरों विज्ञापन प्रकाशित-प्रसारित होते हैं। जिन्हें देखकर कई अभिभावक व विद्यार्थी फालतू पैसा खर्च कर डालते हैं लेकिन असर नहीं होता। जबकि अपनी रसोई घर व खानपान में कई उपयोगी चीजें...
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अभय कुमार जैन

आजकल याद‍्दाश्त बढ़ाने संबंधी दवाओं के ढेरों विज्ञापन प्रकाशित-प्रसारित होते हैं। जिन्हें देखकर कई अभिभावक व विद्यार्थी फालतू पैसा खर्च कर डालते हैं लेकिन असर नहीं होता। जबकि अपनी रसोई घर व खानपान में कई उपयोगी चीजें हैं जो हमारी स्मरण शक्ति बढ़ा सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जो आहार लेते हैं,वह हमारे मस्तिष्क की संरचना और स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव डालता है। मस्तिष्क को अच्छी तरह काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा चाहिये। मस्तिष्क शरीर की लगभग 20 फीसदी कैलोरी का उपयोग अकेले ही कर लेता है। ऐसे में सक्रिय रहने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार जरूरी है।

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पोषक तत्वों की भूमिका

न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई स्कूल आफ मेडिसिन के चिकित्सकों ने पाया है कि विटामिन-ई भूलने की बीमारी अल्जाइमर में कारगर है। अल्जाइमर से पीड़ित लगभग 613 लोगों पर की गई क्लिनिकल स्टडी में यह पाया गया है। जबकि सूरजमुखी ,बादाम ,टमाटर, पपीता ,पालक ,खजूर शकरकंद, अंकुरित अनाज और फलों आदि में मौजूद कुदरती विटामिन ई अल्जाइमर की खर्चीली चिकित्सा पद्धति का विकल्प है।

अखरोट, बादाम

मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए जिनमें अखरोट, मूंगफली और पेक्टिन प्रमुख हैं। जनरल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष भी इस बात के प्रमाण हैं। अखरोट में भरपूर विटामिन ई होती है जो स्मरण शक्ति ह्रास की समस्या का समाधान है। रोजाना सुबह 8/10 भीगे हुए बादाम का दूध के साथ सेवन मस्तिष्क के एसिटाइलकोलाइन स्तर को बढ़ाने में मददगार है।

केसर

एक शोध के अनुसार एंटीमिलोईडोजेनिक गुणों के कारण केसर स्मरण शक्ति का ह्रास से बचाता है। अल्जाइमर की दवा डनेपिजाल में केसर का उपयोग किया जाता है। इसलिए बेहतर है इलायची,केसर युक्त दूध का सेवन करें।

डार्क चाकलेट

डार्क चॉकलेट में कोको होता है जिसमें फ्लेवोनोइड्स की मस्तिष्क के स्वास्थ्य में विशेष भूमिका है।

पर्याप्त पानी

मस्तिष्क में 85 प्रतिशत तक पानी होता है, जिससे मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। दिन में 6 से 8 गिलास पानी पीना जरूरी है।

दूध-दही

दूध में कैल्शियम,विटामिन ई, के और बी12 के साथ थायमिन और निकोटेनिक एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो उसे संपूर्ण आहार बनाते हैं। वहीं दही में मौजूद अमीनो अम्ल व्यक्ति को तनाव मुक्त रखते हैं।

अश्वगंधा

अश्वगंधा ऑक्सीडेटिव तनाव को काम करके मस्तिष्क को मजबूती प्रदान करता है। सोने से पहले एक गिलास दूध में अश्वगंधा का पाउडर डालकर पीएं।

ब्राह्मी व शंख पुष्पी

ब्राह्मी याददाश्त बढ़ाने वाली बेहतरीन बूटी है। इनमें बेकोसाइड और सिटग्मास्टेरॉल जैसी बायो एक्टिव तत्व मौजूद हैं जो याददाश्त में सुधार लाते हैं। अध्ययन में पाया गया कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है जिसमें मस्तिष्क के कार्य में सुधार आता है।

कद्दू, अलसी के बीज

कद्दू और अलसी के बीज मस्तिष्क की सेहत के लिए बेहतर होते हैं जिनमें बहुतायत में जिंक, मैग्नीशियम व विटामिंस पाये जाते हैं। सूरजमुखी के बीजों में मौजूद मैग्नीशियम मस्तिष्क की नसों को शांत करता है।

हरी सब्जियां

पालक में मौजूद पोषक तत्व, एंटी ऑक्सीडेंट व बीटा कैरोटीन इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक हैं। पालक में मैग्नीशियम और पोटेशियम बहुत ज्यादा पाया जाता है जो मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकता है। वहीं हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी के साथ एंटीआक्सीडेंट होते हैं। मस्तिष्क के लिए ब्रोकली फायदेमंद मानी जाती है।

फलों का सेवन

केला शारीरिक-बौद्धिक विकास के साथ-साथ उत्साहवर्धक भी है। केले में मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी ,विटामिन बी6 और मैंगनीज होता है। प्रतिदिन एक केला खाने से ब्रेन पॉवर बढ़ती है। वहीं सेब में क्यूरेटिव नामक एंटी आक्सीडेंट होता है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुक्सान से बचाता है। सेब पार्किंसन व अल्जाइमर के खतरे को करता है। ऐसे ही अनार के जूस में न्यूरो प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। अनार के नियमित सेवन से हेमरेज जैसी समस्याएं होने की संभावना कम होती है। भूलने की बीमारी है तो आंवले के रस के साथ शहद उपयोगी है।

हल्दी, काली मिर्च

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार हल्दी में पाए जाने वाला कुरकुमिन मस्तिष्क की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में मदद करता है। काली मिर्च का पाउडर, मक्खन तथा मिश्री मिलाकर इन सबका प्रतिदिन सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

तुलसी

तुलसी में मिलने वाले एंटी आक्सीडेंट तत्व मस्तिष्क में रक्त प्रभाव को तेज कर देते हैं जिसके द्वारा मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ जाती है।

तिल व गुड़

तिल में स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले तत्व होते हैं,आज भी घरों में तिल को कूटकर कर उसमें नारियल व गुड़ मिलाकर तिलकुट बनाया जाता है जो स्वादिष्ट व पौष्टिक नाश्ता है, पूरे मौसम में प्रातः काल खायें। जहां सैर, नियमित व्यायाम, योग स्मरण शक्ति बढ़ाते हैं वहीं सुबह का नाश्ता अवश्य करें ताकि दिन भर ऊर्जा मिलती रहे। भरपूर नींद भी लें। 7-8 घंटे की तो स्मरण शक्ति बढ़ सकती हूं। संगीत सुनें। जीवन में सकारात्मक विचारों को स्थान दें।

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