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मतवालों ने दिलाई आजादी, डटे हैं रखवाले

ब्रिगेडियर बृजेश पांडे से विशेष बातचीत
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हरीश भारद्वाज

हमारे‌ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत‌ संघर्ष और‌ बलिदान के‌ पश्चात यह आजादी देश‌ को‌ दिलाई है। 1947 से अब तक कितने‌ शूरवीरों ने प्राणों की आहुति‌ देकर देश की आजादी की सुरक्षा की है। हमारे लिए यह बेशकीमती है। यह एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमारे युवाओं को‌ पीढ़ी दर पीढ़ी सहेजकर रखना है। हमारी सेना तो अद्वितीय है ही, हमारी युवाशक्ति में वह क्षमता है कि वह देश‌ को विश्व की सबसे‌ बड़ी ताकत के रूप मे‌ स्थापित कर सकती है। भारतीय थल सेना अधिकारी और कारगिल युद्ध के हीरो ब्रिगेडियर बृजेश पांडे ने यह उद्गार दैनिक ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में व्यक्त किए।

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उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की विशिष्टता यह है कि हम युद्ध भी अपने सैद्धांतिक तरीकों से ही लड़ते हैं। कारगिल युद्ध भी हमने अपने सिद्धांतों पर लड़ा, इसीलिए इसे विशिष्ट माना जाता है। भारतीय सेना ने दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया और दुश्मन को मार खानी पड़ी, शर्मिंदा होकर उसको वापस भागना पड़ा, इसके बावजूद भारतीय सेना ने अपनी सीमा रेखा पार नहीं की। भारतीय सशस्त्र सेना के वीर जवान विषम परिस्थितियों में नामुमकिन को मुमकिन बनाने का कार्य अदम्य साहस, शौर्य तथा देशभक्ति के जज्बे के साथ करते हैं। भारतीय सेना की ट्रेनिंग इस प्रकार की होती है कि 10 साल बाद होने वाले युद्ध से भी हमारे सैनिक आसानी से निपट सकते हैं। हमारी फौज और हमारा देश भविष्य को ध्यान में रखकर काम करता है। जो खतरे आज से 10 या 15 साल बाद होंगे, हमारी सेना आज ही उसके लिए प्रशिक्षित है।

ब्रिगेडियर पांडे ने युवा शक्ति का आह्वान किया कि भारतीय सेना ज्वाइन कर राष्ट्र की सेवा करें। उनका कहना था कि युवा शक्ति यदि संकल्प करे तो असंभव को भी संभव कर सकते हैं।

पहाड़ से ऊंचा मनोबल

ब्रिगेडियर पांडे ने कहा कि कारगिल जैसे ऊंचे पहाड़ी बर्फीले इलाकों में जवान बेहद मुश्किल हालात में तैनात रहते हैं। दुश्मन से आंखों में आंख मिलाकर सामना करते हैं। दुश्मन की तरफ से हर समय खतरा बना रहता है, ऐसे में लगातार सजग रहने की जरूरत होती है। हमारी सेना के जो मानदंड हैं, उनको बरकरार रखना, वहां के कल्चर को बरकरार रखना, देश की शान को हमेशा ऊंचा रखना, यह एक चैलेंज रहता है। हमारी फौज बहुत ट्रेंड और मोटिवेटेड है। प्रोत्साहन में कोई कमी नहीं है, बहुत फाइन लीडरशिप है। इस सबसे ऊपर देश का जो सपोर्ट हर समय भारतीय सेना को मिलता है, वह सबसे बड़ी बात है, उससे हमारे सैनिकों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वह कहीं भी अपने को अकेला महसूस करते ही नहीं।

हर नागरिक ले संकल्प

ब्रिगेडियर पांडे का कहना है कि सिर्फ झंडा फहरा देने या एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देना पर्याप्त नहीं है, युवा शक्ति तथा देश के प्रत्येक नागरिक को यह संकल्प लेना होगा कि देश को और भी महफूज बनाने का प्रयासरत रहेंगे। हमें अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है, जो ड्यूटी हमें मिली है, हम जहां भी हैं, वहीं अपने कर्तव्य को पूरा करें। ब्रिगेडियर पांडे ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि परिस्थितियों के हिसाब से हमें सिर्फ अपनी फौज को ही नहीं, बल्कि हर संस्था को मजबूत करना होगा। भविष्य में होने वाले युद्ध सिर्फ फौज के नहीं होंगे, इकोनॉमिक वारफेयर होगा, इन्फॉर्मेशन वारफेयर होगा, इन सभी मोर्चों को हमें मजबूत करने की जरूरत है।

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