Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

स्पंजधारी विभूषक केकड़ा

के.पी. सिंह विभूषक केकड़े को अंग्रेजी में डेकोरेटर केकड़ा कहते हैं। यह एक ऐसा केकड़ा है जो कॉमाफ्लास के लिए अपने शरीर पर समुद्री घास, स्पंज आदि लगा लेते हैं। जिससे इनका शरीर आसपास के परिवेश से घुलने के कारण...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

के.पी. सिंह

विभूषक केकड़े को अंग्रेजी में डेकोरेटर केकड़ा कहते हैं। यह एक ऐसा केकड़ा है जो कॉमाफ्लास के लिए अपने शरीर पर समुद्री घास, स्पंज आदि लगा लेते हैं। जिससे इनका शरीर आसपास के परिवेश से घुलने के कारण दिखाई नहीं देता। ऐसे सभी केकड़े समुद्री होते हैं और सागर तट की रेत में मांद नहीं बनाते। समुद्री घास अथवा स्पंज लगा होने के कारण इनके शत्रु इन्हें देख नहीं पाते और यह सुरक्षित रहते हैं। स्पंज का स्वाद खराब होता है इसलिए इसके शत्रु इसे देख लेने के बाद भी नहीं खाते और छोड़ देते हैं यानी समुद्री घास या स्पंज इन्हें अतिरिक्त सुरक्षा देती है।

Advertisement

ये सागर में मृत जीवों का सड़ा-गला मांस खाते हैं किंतु कुछ केकड़े ऐसे भी हैं जो जीवित प्राणियों का शिकार भी करते हैं। प्रायः सभी केकड़े समय-समय निर्मोचन करते हैं। उस दौरान उनके शरीर का कठोर आवरण शरीर से अलग हो जाता है और नीचे कोमल आवरण होता है। जब तक कोमल आवरण कठोर नहीं होता, तब तक इसका जीवन असुरक्षित होता है। स्पंज होने के कारण यह काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं। स्पंज धारण करने वाले केकड़े मुख्य रूप से दो परिवारों के सदस्य हैं हैंµड्रोमीडाइ और माजीडाइ। ड्रोमीडाइ परिवार के अंतर्गत अनेक वंशों के केकड़े आते हैं। ये सर्वाधिक प्राचीन केकड़े हैं और स्पंज केकड़ों के नाम से विख्यात हैं। स्पंज केकड़े निर्मोचन के समय को छोड़कर जीवनभर एक जीवित स्पंज को अपनी पीठ से चिपकाए रखते हैं। ये वास्तविक स्पंज केकड़े हैं।

Advertisement

विभूषक केकड़ा उत्तर अमेरिका के प्रशांत महासागर के तटीय भागों में सागर तल पर पाया जाने वाला केकड़ा है। यह एक मध्यम आकार का केकड़ा है। इसके मध्य के चलने वाले पैरों को यदि फैला दिया जाए तो इन पैरों के मध्य की दूरी लगभग 25 सेंटीमीटर तक हो जाएगी। विभूषक केकड़े की शारीरिक संरचना अन्य मकड़ी केकड़ों के समान होती है। किंतु इसकी एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी पीठ पर बहुत से छोटे-छोटे कांटे होते हैं। इन कांटों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। विभूषक केकड़े के कांटे बहुत घने होते हैंं तथा इनसे इसका पूरा शरीर ढका रहता है। इन्हीं कांटों ने इसे स्पंज का उपयोग करने वाला विश्व का सर्वाधिक पारंगत केकड़ा बना दिया है।

सामान्यतः सभी स्पंज केकड़े निर्मोचन काल को छोड़कर जीवनभर स्पंज को अपनी पीठ से चिपका कर रखते हैं। इसके विपरीत विभूषक केकड़ा केवल निर्मोचन काल में ही स्पंज का उपयोग करता है। यह निर्मोचन के कुछ समय पूर्व किसी जीवित स्पंज की खोज करता है। इसके बाद जीवित स्पंज मिल जाने पर अपने आगे के पैरों के चिमटों की सहायता से उसका इतना भाग काट लेता है, जिससे इसका पूरा शरीर ढंक जाए। अब यह अपने पीछे के पैरों की सहायता से इसे अपनी पीठ पर इस प्रकार चिपका लेता है कि इसका पूरा शरीर ढक जाता है। इसकी पीठ के छोटे-छोटे कांटे इस कार्य में इसे पूरा सहयोग करते हैं। इन कांटों की सहायता से स्पंज विभूषक केकड़े के शरीर से इस प्रकार चिपक जाता है कि इसके शरीर का एक भाग-सा दिखाई देने लगता है। विभूषक केकड़े को बार-बार निर्मोचन करके नया आवरण धारण करने का शौक होता है। इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है।

इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर

Advertisement
×