पेशेवर सफलता की नींव सॉफ्ट स्किल्स
अगर आपमें सॉफ्ट स्किल्स की समझ है और कार्यस्थल पर उन गुणों को उपयोग में लाते हैं तो यह कैरियर में सफलता के लिए एक तरह से गारंटी ही मानी जाती है। नियुक्ति या प्रोमोशन के लिए केवल डिग्री या टेक्निकल स्किल्स ही नहीं होती बल्कि सॉफ्ट स्किल्स भी बड़े काम की हैं। कैरियर एक्सपर्ट की मानें तो सॉफ्ट स्किल्स ही तरक्की में असली गेमचेंजर हैं।
यदि आप मेहनती हैं, आपको अपने क्षेत्र का ज्ञान है, फिर भी अगर आपको अपने कैरियर में तरक्की नहीं मिल रही, इसका मतलब है आपमें अपने कार्यक्षेत्र के लिए जरूरी सॉफ्ट स्किल्स की कमी है। वास्तव में तरक्की की गारंटी केवल डिग्री या टेक्निकल स्किल्स भर नहीं होती, सॉफ्ट स्किल्स भी बहुत महत्वपूर्ण हो चुकी हैं । कैरियर एक्सपर्ट की मानें तो सॉफ्ट स्किल्स ही तरक्की के मायनों में असली गेमचेंजर साबित होती हैं। ये चुपचाप पेशेवर सफलता की नींव रखती है। जानिये प्रमुख पांच सॉफ्ट स्किल्स के बारे में -
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
अगर आप अपने दफ्तर में जरा-जरा सी चुनौती आने पर घबरा जाते हैं तो आपका प्रमोशन नहीं होने वाला। इसके विपरीत अगर कार्यस्थल में समस्या आने पर घबराने की बजाय तुरत फुरत समाधान खोज लेते हैं, तो चाहे वह समाधान कोई और ही करे, लेकिन आपको समस्या सुलझाने वाला पेशेवर समझा जायेगा। समस्या को लेकर एक मनोविज्ञान होता है कि ज्यादातर लोग चुनौती आने पर परेशान हो जाते हैं। जो लोग समस्या के समय धीरज बनाये रखते हैं, उन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है और ऐसे लोगों की कैरियर में तरक्की होना तय होता है। क्योंकि जो लोग जटिल स्थितियों में सरल रास्ता निकाल लेते हैं वे जहां काम करते हैं, वहां उनको महत्वपूर्ण शख्स गिना जाता है। वे कंपनी में रिलायबल एसेट समझे जाते हैं व उनका प्रमोशन होता रहता है।
अनुकूलनशीलता
अनुकूलता या एडाप्टेबिलिटी एक ऐसी सॉफ्ट स्किल है जो हर उस शख्स में होती है, जो अपने कैरियर में कामयाब होता है। क्योंकि कामकाजी जीवन में कोई न कोई बदलाव या कठिनाई आपके सामने आती ही रहती है। मसलन कभी नई टेक्नोलॉजी, कभी नई पॉलिसी तो कभी-कभी कंपनी की नयी मैनेजमेंट। ये सभी चीजें कैरियर में चुनौती की तरह होती हैं, जो व्यक्ति अपने कैरियर में बदलते समय के हिसाब से बदली हुई तकनीक में आनन फानन में दक्षता हासिल कर लेता है, कंपनी की नई पॉलिसी में जल्द से जल्द खुद को एडजस्ट कर लेता है, हरेक टीम से तालमेल बिठा लेता है और नये वातावरण को जल्द स्वीकार कर लेता है, कैरियर में उसकी तरक्की नहीं रुक सकती।
नेतृत्व कौशल
अगर आप अपने कार्यस्थल में किसी महत्वपूर्ण पद पर हैं, तब तो ये बहुत जरूरी स्किल है, जो आपमें होनी ही चाहिए। पर अगर आप किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं हैं, इसके बावजूद आपमें लीडरशिप की अच्छी क्वालिटी है, तो आप बिना महत्वपूर्ण पद पर होते हुए भी कंपनी के लिए और विशेषकर अपनी टीम के लिए, , महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ऐसे लोग खास पद के बिना भी अपने नेतृत्व कौशल की बदौलत सम्मान हासिल कर लेते हैं। नेतृत्व कौशल खास गुण है, जो अगर आपमें होता है, तो चाहे भले आप खुद काम न करते हों, लेकिन आप दूसरों को मोटिवेट करके वातावरण को बेहद उपयोगी बना देते हैं। कंपनियां ऐसे लोगों को अपने यहां हर हाल में रखना चाहती हैं, जो अपनी उपस्थिति से कंपनी के तमाम लोगों को मोटिवेट कर सकें और मौका पड़ने पर किसी बड़े टारगेट की जिम्मेदारी ले सकें। ऐसे नेतृत्व कुशल लोगों का अपने कैरियर में सफल होना तय होता है। क्योंकि ये लोग तनाव या संकट के समय अपना संयम नहीं खोते, कूल बने रहते हैं, साथ ही उनकी उपस्थिति भी दूसरों के लिए मार्गदर्शन का काम करती है। इसलिए लीडरशिप की सॉफ्ट स्किल्स का होना कैरियर में सफलता की गारंटी है।
बेहतर कम्युनिकेशन की कला
सॉफ्ट स्किल्स में कम्युनिकेशन स्किल्स भी एक महत्वपूर्ण स्किल है। अगर आप आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और प्रभावशाली ढंग से बोलने की कला जानते हैं तो यह स्थिति आपको समय से पहले ही न सिर्फ प्रमोशन की गारंटी देती है बल्कि यह सॉफ्ट स्किल्स आपको ऊंचे पायदान तक ले जाती है। ज्यादातर सफलताएं कम्युनिकेशन स्किल्स का ही नतीजा होती हैं। खास बात यह कि दूसरे की बात ध्यान से सुनना बहुत बड़ी और आकर्षक कला है। अगर आप बॉस नहीं हैं, टीम का हिस्सा भर ही हैं तो भी आप संवाद कौशल से बॉस व सहयोगियों को प्रभावित कर सकते हैं।
टाइम मैनेजमेंट
जीवन में टाइम मैनेजमेंट हर समय बहुत जरूरी और संवेदनशील होता है। अगर आप तय समय के भीतर ही अपने काम को सही ढंग से निपटाते हैं, तो मैनेजमेंट की नजरों में आप बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं। क्योंकि आप न केवल कम समय में ज्यादा और मेहनत से काम करते हैं बल्कि कार्यस्थल में सहकर्मियों के लिए एक सकारात्मक मोटिवेशन का भी काम करते हैं। -इ.रि.सें.