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ऑनलाइन स्किल का स्मार्ट इस्तेमाल

अगर हम सजगता से ऑनलाइन संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, तो ये हमारे कैरियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मसलन लक्ष्य के मुताबिक ऑनलाइन सीखे गये स्किल सेट जल्द नयी नौकरी या प्रमोशन दिलाने में...
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अगर हम सजगता से ऑनलाइन संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, तो ये हमारे कैरियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मसलन लक्ष्य के मुताबिक ऑनलाइन सीखे गये स्किल सेट जल्द नयी नौकरी या प्रमोशन दिलाने में मददगार हैं।

ऑनलाइन रिसोर्स तभी हमारे कैरियर को पंख लगाते हैं, जब हम उनका बहुत स्मार्टली इस्तेमाल करते हैं। सिर्फ ऑनलाइन सर्टिफिकेट कलेक्ट कर लेना या लिंक्ड इन पर प्रोफाइल बनाना ही काफी नहीं है। सही चुनाव और सही ऑनलाइन रिसोर्स का इस्तेमाल ही इनकी हमारे कैरियर में बड़ी भूमिका सुनिश्चित करती है। अगर हम सजगता से ऑनलाइन संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, तो ये हमारे कैरियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

स्किल अपग्रेडेशन

पहले छोटी मोटी स्किल या कुशलता को सीखने के लिए भी हमें किसी कॉलेज या इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना पड़ता था और कई प्रतिस्पर्धाओं से दो-चार होना पड़ता था। जबकि आजकल ऐसी कोई बाध्यता नहीं। अब कोरसेरा, यूडेमी, इडीएक्स, एनपीईएल तथा अपग्रेड जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हमारे स्किल अपग्रेडेशन के लिए जरूरी सभी संसाधन मुहैय्या करा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म की बदौलत घर बैठे ग्लोबल लेवल की डिग्री और कोर्स कर सकते हैं। जेन जेड और मिलेनियल्स अक्सर ऑनलाइन सर्टिफिकेशन के जरिये अपनी नौकरी में कई तरह के प्रमोशन पाना सुनिश्चित करते हैं। पर हमें इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए स्किल अपग्रेडेशन पर फोकस करना होता है। कोई भी ऑनलाइन कोर्स देखा और उसे करने लग जाएं तो बात नहीं बनती। पहले अपना कैरियर गोल स्पष्ट रखना चाहिए। स्किल सेट का हमारे कैरियर में सीधा असर होता है, जल्द नौकरी या प्रमोशन मिलती है।

नेटवर्किंग और विजिबिलिटी

लिंक्ड इन, वीट हब, बिहेंस, कॉगले जैसे प्लेटफॉर्म सिर्फ नेटवर्किंग के लिए नहीं है बल्कि हमारी प्रोफेशनल बांडिंग भी करते हैं और इनके जरिये हम अपने कैरियर को जरूरी उड़ान दे सकते हैं। क्योंकि आजकल बहुत सारी कंपनियां लिंक इन प्रोफाइल देखकर ही अपने लिए एम्प्लॉई हायर करती हैं। मगर हमें इस मामले में इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल नेटवर्किंग पर फोकस करें। लिंक इन पर महज एकाउंट बनाकर छोड़ देना प्रोफेशनल नेटवर्किंग का स्मार्ट इस्तेमाल नहीं है। स्मार्ट इस्तेमाल के लिए हमें नियमित पोस्ट करना, चर्चाओं में भाग लेना, इंडस्ट्री लीडर्स को फॉलो करना आदि कार्य करने होंगे। कई बार नौकरी एप्लीकेशन की बजाय नेटवर्किंग से ज्यादा मिलती है। क्योंकि नेटवर्किंग के जरिये हम पर्सनल बांडिंग करने में सक्षम होते हैं। यह कैरियर ग्रोथ का बेहतरीन शॉर्टकट साबित हो सकता है।

जॉब सर्च और अवसर

ऑनलाइन तकनीक से हम आज पहले के मुकाबले ज्यादा स्मार्ट तरीके से जॉब सर्च कर सकते हैं। पहले इसके लिए सिर्फ अखबार और जॉब पोर्टल ही हुआ करते थे। जबकि आजकल कई ऐसे स्पेशल पोर्टल हैं जो जॉब सर्च पर ही फोकस करते हैं। जैसे इंडी, नौकरी, ग्लासडोर, इंटर्नशाला जैसे स्पेशल जॉब सर्च पोर्टल और लिंक्ड इन जॉब जैसी विशेष जॉब वेबसाइटें हमें नौकरी तलाश करने में पहले से ज्यादा सुविधा प्रदान करती हैं। एआई बेस्ड जॉब मैचिंग टूल्स से भी सही अवसर आसानी से मिल जाता है। लेकिन इसके लिए हमें कुछ स्मार्ट तरीके भी इस्तेमाल करने होते हैं। जैसे इन दिनों जॉब की दुनिया में रिज्यूमें या बायोडाटा का जरा भी महत्व नहीं रह गया, उसकी जगह हमारी ऑनलाइन पोर्टफोलियो महत्वपूर्ण है। पोर्टफोलियो दिखाने के लिए वीट हब (डेवलेपर्स), बिहेंस (डिजाइनर्स), मीडियम (लेखक) और कॉगले (डेटा साइंटिस्ट) इन स्पेशल प्लेटफॉर्म में स्पेशल जॉब के लिए फोकस किया जा सकता है।

मेंटरशिप और गाइडेंस

पहले मेंटर ढूंढ़ना बहुत मुश्किल काम होता था। लेकिन आज ऑनलाइन कम्युनिटी और ग्रुप्स मौजूद हैं, जो फ्री में मेंटॉरशिप प्रदान कर रहे हैं। रेडिटडिस्कॉड, कोरा, टेलिग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप्स में आसानी से मेंटॉरशिप मिल जाती है। वाई कंबीनेटर, स्टार्टअप इंडिया, एंगलिस्ट जैसे प्लेटफॉर्म से उद्यमियों को निवेशक भी ऑनलाइन मिल जाते हैं। लेकिन इसके लिए हमें इन ग्रुप्स में न सिर्फ सही जगह जुड़ने की जरूरत होती है बल्कि सही सवाल पूछना भी जरूरी होता है और अगर फिर भी बात न बनें तो अपने अनुभव को शेयर कर देना, कैरियर का रास्ता आसान कर देता है।

फ्रीलांस और गिग इकॉनोमी

इस दौर से ज्यादा बेहतर और सम्मानजनक ढंग से फ्रीलांसिंग करना पहले संभव नहीं था। आज आप अगर अपनी फील्ड में कुशल हैं तो आपके इर्दगिर्द से ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने कोने से आपको फ्रीलांस वर्क बहुत आसानी से मिल जाते हैं। फाइवरर, अपवर्क, टॉप, फ्रीलांसर डॉट कॉम जैसी वेबसाइटों के जरिये हम भारत में ही बैठकर विदेशी कंपनियों के लिए काम कर सकते हैं। कंटेंट, डिजाइन, कोडिंग और मार्केटिंग के जरिये आज आसानी से यह संभव हो गया है। लेकिन इसमें भी एक स्मार्टनेस की जरूरत होती है। -इ.रि.सें.

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