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बेहतर अप्रेजल के लिए स्मार्ट स्टेप

ऑफिस में निस्संदेह आपका जी-जान लगाकर काम करना मायने रखता है। लेकिन बेहतर परफॉर्मेंस व सही मूल्यांकन भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। आपका सालाना अप्रेजल बेहतर रहे, इसके लिए कुछ स्मार्ट तरीके अपनाने होंगे। शिखर चन्द जैन एक निजी...
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ऑफिस में निस्संदेह आपका जी-जान लगाकर काम करना मायने रखता है। लेकिन बेहतर परफॉर्मेंस व सही मूल्यांकन भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। आपका सालाना अप्रेजल बेहतर रहे, इसके लिए कुछ स्मार्ट तरीके अपनाने होंगे।

शिखर चन्द जैन

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एक निजी कंपनी में कार्यरत पेशेवर निकेतन ने छवि से कहा, ‘यार! जैसे-जैसे अप्रेजल का समय नजदीक आ रहा है, मेरी तो धड़कन बढ़ती ही जा रही है। इस साल ज्यादा कुछ तो कर ही नहीं पाया। पता नहीं अपने काम के मामले में प्रबंधन यानी बॉस की गुडबुक में हूं या नहीं।’ छवि ने मुस्कुराकर कहा, ‘टेंशन मत ले यार! अब भी देरी नहीं हुई है। बस लग जा अपनी इमेज चमकाने में। बस थोड़े से स्मार्ट स्टेप लेने होंगे।’ छवि मास कम्यूनिकेशन की स्टूडेण्ट होने के साथ-साथ साइकोलॉजी का अध्ययन भी करती है। उसने एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करने वाले अपने दोस्त को जो सुझाव दिए वे आपके लिए भी काम के साबित हो सकते हैं।

अंत भला तो सब भला

आमतौर पर बॉस अंतिम महीनों के काम-काज के आधार पर ही अप्रेजल करते हैं। साल की शुरुआत में आपने जम कर काम किया और अंत में ठंडे होकर बैठ गए, तो समझिए आपका सारा श्रम बेकार गया। इन महीनों में जम कर मेहनत करें और कुछ अचीव करने की कोशिश करें ताकि बॉस की नजरों में आपका काम आये।

कमियों को जानें और इम्प्रूव करें

मौका पाकर कभी बॉस से बातों ही बातों में पूछ लें कि उन्हें आपकी कार्यशैली में कहीं कोई कमी तो नहीं दिख रही! आप उन्हें मान देकर राय लेंगे तो वे जरूर बताएंगे और लगे हाथ यह सलाह भी लें कि तरक्की के लिए एक कर्मचारी को क्या करना चाहिए। इससे आप बॉस के मनोभाव भी जान सकेंगे और उनकी नजर में एक ‘सचेष्ट और मेहनती’ कर्मचारी की इमेज भी बना सकेंगे।

चिकनी-चुपड़ी बातों से परहेज

ध्यान रहे, जरूरत से ज्यादा चिकनी-चुपड़ी बातें लाभ की बजाय नुकसानदायक हो सकती हैं। आपके सीनियर या बॉस मिट्टी के माधो नहीं हैं। वे भी कामकाज की इस दुनिया के चतुर सुजान हैं। अच्छे काम का कोई विकल्प नहीं। पूरे साल कोई भी काम नहीं करके सिर्फ मीठी-मीठी बातें करने पर कुछ भी हासिल होने वाला नहीं। इसलिए चाहे देर हो गई हो, फिर भी काम पर ध्यान दें और कोई गलती होने पर उसे खुले दिल से स्वीकार कर लें।

तार्किक संवाद की कला

अप्रेजल के वक्त आपके बारे में जो कहा जाए उसे ध्यानपूर्वक सुनें। बात शुरू होते ही तर्क न करने लगें। अगर आप किसी बात से सहमत नहीं हैं तो अपनी बात को तथ्यों और तर्कों के साथ कहें और बताएं कि किसी काम को करते वक्त आपको किन असुविधाओं का सामना करना पड़ा।

सहयोग की लें जिम्मेदारी

यह जिम्मेदारी आपको खुद लेनी होगी। मान लें कि बॉस की प्राथमिकताएं आपकी प्राथमिकताएं हैं। काम के दौरान बॉस को कहां-कहां दिक्कत होती है, यह जानने की कोशिश करें और जुट जाएं उनकी मदद करने में... उनके राइट हैण्ड यानी सहयोग करने वाले बन जाएं और उनकी हर मुश्किल को आसान करने की कोशिश करें। बस बात बन जाएगी।

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