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बच्चों के लिए फ़ायदेमंद सरल योगासन

बच्चों के रूटीन में योगासनों को शामिल कर दिया जाए तो यह उनके बेहतर स्वास्थ्य की नींव रख सकता है। कुछ सरल योगासन उन्हें सक्रिय रखने के साथ-साथ उनकी शारीरिक शक्ति और एकाग्रता में सुधार करने में मददगार हैं। शिखर...
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बच्चों के रूटीन में योगासनों को शामिल कर दिया जाए तो यह उनके बेहतर स्वास्थ्य की नींव रख सकता है। कुछ सरल योगासन उन्हें सक्रिय रखने के साथ-साथ उनकी शारीरिक शक्ति और एकाग्रता में सुधार करने में मददगार हैं।

शिखर चंद जैन

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आजकल ज्यादातर पैरेंट्स इस बात से परेशान रहते हैं कि बच्चे फिजिकली एक्टिव नहीं रहते। ज्यादातर समय स्मार्ट फोन गैजेट्स पर बिताते हैं। जाहिर है,उनकी सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है। बच्चों के रूटीन में योग को शामिल कर दिया जाए तो उनके बेहतर स्वास्थ्य की नींव रख सकता है। कुछ सरल योगासन बच्चों को सक्रिय रखने के साथ-साथ उनकी शारीरिक शक्ति और लचीलेपन में सुधार करने में मददगार हैं। जानिये, उन योगासनों के बारे में -

सुखासन

यह एकाग्रता में मदद करने वाला आसन है। पैरों को क्रॉस करके तथा पीठ को सीधा करके ज़मीन पर बैठ जाएं। हाथों को अपने हृदय के मध्य में या घुटनों पर रखें। जब कई सांसों तक इस आसन को करेंगे तो आराम और लचीलापन महसूस करेंगे।

वृक्षासन

शरीर का संतुलन बनाने में मदद करता है वृक्षासन। इसके लिए अपने हाथों को बगल में रखें और सीधे खड़े हो जाएं। अपना वजन एक पैर पर डालें और दूसरे पैर को उठाकर अपनी जांघ, टखने या पिंडली पर टिका दें। भुजाओं को एक साथ सिर के ऊपर उठायें व कुछ समय रुकें।

मार्जरी आसन

बच्चे कैट पोज़ से पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत कर सकते हैं और मुद्रा सही कर सकते हैं। कोहनियों, कंधों और कलाइयों को सही स्थिति में रखते हुए, हाथों और घुटनों के बल पर शुरू करें। बिल्ली की तरह पीठ झुकाएं और सिर नीचे करेंें। करीब 30 सेकंड ऐसे बैठें।

वीरभद्रासन

यह योद्धा मुद्रा है जो बच्चे को आत्मविश्वासी महसूस कराने में मदद कर सकती है। इसे इस तरह करें - एक पैर आगे बढ़ाकर ऊंची छलांग लगाएं, तथा सामने वाले घुटने को 90 डिग्री पर मोड़ें। पिछले पैर को ज़मीन पर 45 डिग्री पर सीधा रखें। सांस छोड़ें और कुछ देर रोककर रखें।

मंडूकासन

इससे गतिशीलता में सुधार होता है। अपने हाथों और घुटनों के बल पर खड़े होकर कलाइयों को कंधों के नीचे रखें। कूल्हों को पीछे धकेलने के बाद कुछ देर सांस रोककर रखें।

उत्कटासन

कुर्सी मुद्रा के अभ्यास से बच्चों में स्थिरता विकसित होती है। सांस लें और भुजाओं को सिर के ऊपर उठायें। सांस लें और अपने घुटनों को आगे लाएं, तथा जांघों को ज़मीन के समानांतर रखें। एक मिनट इस मुद्रा में रहें।

शवासन

तन और मन को रिलैक्स रखेगा यह आसन।अपनी भुजाओं को बगल में रखें, हथेलियां ऊपर की ओर और पैरों को सीधा रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं, आंखें बंद रखें और गहरी, धीमी सांस लें। कुछ समय इस मुद्रा में रहें।

बद्ध कोणासन

बच्चों को बटरफ्लाई पोज़ पसंद होता है। पीठ सीधी रखें और पैर चौड़ा करके बैठें। पैरों को मोड़कर तलवों को एक दूसरे के सामने रखना चाहिए तथा तितली की तरह उड़ना चाहिए। धीरे-धीरे सांस अंदर लें और कुछ देर रोककर रखें।

सिंहासन

सिंहासन तनाव से राहत देता है और फेफड़ों को स्वस्थ करता है। घुटनों को मोड़कर और अपने कूल्हों को अपनी एड़ियों से सहारा देकर बैठ जाएं। आंखें खोलकर और जीभ बाहर निकालकर, गहरी सांस लें और छोड़ें।

योगासनों के फायदे

आज बच्चों का ज्यादा स्क्रीन टाइम बड़ी समस्या है। योगासन की आदत इससे मुक्ति दिलाती है। लर्निंग एबिलिटी और स्कूल की गतिविधियों में भागीदारी का आत्मविश्वास आता है। ये पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मददगार हैं। नये कौशल सीखने के लिए आत्मविश्वास मिलता है। बच्चों के लिए योग को आनंददायक बनाने के लिए चिड़ियों की चहचहाहट, झरन जैसी प्रकृति की आवाज़ों या संगीत का उपयोग करें। किताबें व खिलौने देकर प्रोत्साहित करें। -योग प्रशिक्षक युविका धर से बातचीत पर आधारित।

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