मदन गुप्ता सपाटू
ज्योतिषीय दृष्टि से इस बार 18 मार्च को होली पर कई शुभ योग होंगे। वृद्धि योग, अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि, ध्रुव योग, बुध-आदित्य योग… लगभग सभी उत्तम संयोग विद्यमान होंगे, जो व्यापार आदि के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, कन्या राशि और पूर्णिमा होली के पर्व को और शुभ बना रहे हैं।
होली जहां शुद्ध प्रेम व स्नेह के प्रतीक श्रीकृष्ण के रास का अवसर है, वहीं होलिका दहन, अच्छाई की विजय का परिचायक भी है। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में होलिका जलाई जाती है। प्रतीक रूप से यह भी माना जाता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनंद होता है। वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका जलती है, जबकि प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है। इस पर्व को नवानेष्टि यज्ञ भी कहते हैं, क्योंकि खेत से नवीन अन्न लेकर यज्ञ में आहुति देकर फिर नयी फसल घर लाने की हमारी पुरातन परंपरा रही है।