संयमित खानपान से बेली फैट में कमी
स्मार्ट लुक पाने के लिए फ्लैट टमी सभी चाहते हैं यानी बाहर की ओर निकले हुए पेट से मुक्ति। रोजाना पर्याप्त व्यायाम के साथ ही खानपान पर नियंत्रण रखना पेट की चर्बी घटाने में मददगार हो सकता है। इसके लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी है।
शिखर चंद जैन
गलत खानपान का असर कहें या फिर बिगड़ी दिनचर्या- आजकल बाहर निकला हुआ पेट अधिकतर लोगों की समस्या बनता जा रहा है। महिलाएं तो अक्सर कहती हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद टमी भीतर नहीं जाती। क्या करें,मनपसंद ड्रेसेस ही नहीं पहन पाते! ऐसे में फ्लैट टमी के पाने के लिए कुछ ईमानदार प्रयास जरूरी हैं। बेशक सक्रिय रहना व व्यायाम फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं कुछ खास फूड्स का नियमित सेवन करें तो लाभ मिल सकता है। ‘द स्माल चेंज डाइट’ पुस्तक के लेखक न्यूयॉर्क के न्यूट्रिशन कंसल्टेंट कैरी गेम्न्स कहते हैं कि पेट बढ़ने पर नियंत्रण के लिए एक्सरसाइज ,पर्याप्त पानी,ताजा भोजन और हेल्दी फैट्स लेने के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखें-
बेली बस्टर फूड को ना
कुछ चीजें आपके पेट के आसपास की वसा को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाती हैं। जैसे चीनी, अल्कोहल, सोडा, रेड मीट, कोर्न, ब्रेड, ट्रांस फैट,चीनी, मैदा और फास्ट फूड आदि। बेहतर होगा आप इनसे दूरी बनाए रखें।
अपनाएं हेल्दी फूड
ऐसे फूड अपनाएं जो आपके पेट की ब्लोटिंग को रोकें, मेटाबोलिज्म बढ़ाएं और शरीर को पर्याप्त पोषण देते हुए वेट लॉस में सहायक बनें। इन फूड्स से पेट जल्दी और आसानी से भर जाता है और वजन भी नहीं बढ़ता।
ताजगी से भरपूर खीरा
खीरे में 90 फ़ीसदी पानी है और इसमें फ्लेवोनॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट है जो स्वेलिंग कम करता है। इससे पेट भी भरता है और ताजगी का अहसास भी होता है।
केला भी फायदेमंद
दोपहर में भूख लगने पर केला सबसे अच्छा फूड है। इसमें पोटेशियम के साथ-साथ रेजिस्टेंस स्टार्च है। यह एक हेल्दी कार्बोहाइड्रेट है जो शरीर में धीरे-धीरे पचता है। इससे मेटाबोलिज्म बढ़ता है। साथ ही यह सोडियम लेवल को मेंटेन करके वाटर रिटेंशन रोकने में मददगार है। इससे ब्लोटिंग का रिस्क कम होता है।
सौंफ का प्रयोग
पुराने समय से सौंफ का प्रयोग पाचन दुरुस्त करने के लिए होता रहा है। इसे आप कच्चा चबा कर, सब्जियों में डालकर या किसी रूप में मिलाकर पी सकते हैं। इसमें स्लिमिंग के गुण भी होते हैं।
पपीते का सेवन
पेपेन नामक एंजाइम से समृद्ध पपीता पाचन में सहायक होता है। साथ ही यह फाइबर, विटामिन ए, सी और फोलेट का भी अच्छा स्रोत है। आप चाहें तो कच्चा पपीता बतौर सलाद ले सकती हैं।
मिर्च से पाचन
मिर्च के सेवन से मेटाबोलिज्म दुरुस्त होता है। पर्ड्यू यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि कैपसाइसिन का सेवन करने से वेट गेन नहीं होता। साथ ही मिर्च के सेवन से सॉल्टी, फैटी व स्वीट फूड की क्रेविंग कम होती है।
शतावरी की शक्ति
एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर शतावरी शक्तिवर्द्धक भी मानी जाती है। लेकिन साथ ही घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। इससे पेट भरे होने का अहसास होता है और व्यक्ति ओवर इटिंग से बचता है।
अदरक के लाभ
अदरक में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो भोजन को आंतों से आसानी से मूव कराते हैं। इससे पेट की गड़बड़ी ठीक होती है। ब्लोटिंग के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
सादा योगर्ट
प्रोटीन से भरपूर ग्रीक योगर्ट पेट की चर्बी घटाने में भी मदद करता है। ग्रीक योगर्ट के सेवन से पेट भरा-भरा सा रहता है।
सोयाबीन
सोयाबीन प्रोटीन, फाइबर और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। आप इन्हें सूप में डालकर ,सूखे सोयाबीन रोस्ट करके या टोफू के रूप में स्मूदी डाल सकती हैं।
गुणकारी सेब
इसमें फाइबर के अलावा पेक्टिन होता है जो प्राकृतिक रूप से फैट कम करता है। इसमें शुगर व कैलोरी कम होती है। इससे पेट कम करने में मदद मिलता है। वहीं रोजाना चौथाई कप एवोकेडो खाएं।
सलाद की ऊर्जा
सलाद में फाइबर भरपूर होते हैं। पेट का फैट कम करने के लिए काफी अच्छी चीज होती है। किसी मील से पहले हरा पत्तेदार सलाद खाएं। इससे आपके शरीर की ऊर्जा भी बढ़ेगी और आप ज्यादा हैवी फूड खाने से भी बचेंगे।