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वक्त की जरूरत है पोर्टफोलियो कैरियर

युवाओं में अपने प्रमुख काम या नौकरी के साथ कोई अन्य काम या फिर फ्रीलांसिंग की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यानी पोर्टफोलियो कैरियर। इसकी वजह जॉब सिक्योरिटी, वर्क-लाइफ बैलेंस व ज्यादा कमाई की चाह है। आजकल आय के कई...

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युवाओं में अपने प्रमुख काम या नौकरी के साथ कोई अन्य काम या फिर फ्रीलांसिंग की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यानी पोर्टफोलियो कैरियर। इसकी वजह जॉब सिक्योरिटी, वर्क-लाइफ बैलेंस व ज्यादा कमाई की चाह है। आजकल आय के कई स्रोत और मल्टीपल प्रोफेशनल आइडेंटिटी रखना जरूरी भी है।

शिखर चंद जैन

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एक जमाना था जब आपके पिता, चाचा या अन्य रिश्तेदार बड़े गर्व से आपको बताते थे कि उन्होंने स्कूल कॉलेज की पढ़ाई के बाद कैसे किसी एक ही बिजनेस फर्म या बड़ी कंपनी (जैसे टाटा, हिंद मोटर, बिरला सीमेंट, एचएमटी या फिर कोई और) में नौकरी शुरू की और 40 साल तक काम करके वहीं से रिटायर हो गए। वह जमाना कुछ और था। तब किसी कंपनी में आप समर्पण, मेहनत और ईमानदारी से काम करते थे तो आपको नौकरी खोने का इतना डर नहीं होता था। लेकिन अब सब कुछ बदल गया है। कंपनियां जब ले ऑफ करती हैं तो कोई भी उसकी चपेट में आ सकता है। एम्पलॉई भी जहां ज्यादा सैलरी या पैकेज देखता है, वहीं चला जाता है। किसी मेट्रो सिटी में या जॉब के लिए कहीं भी घर से बाहर रहने पर मोटा खर्च, दिनों दिन बढ़ती कॉस्ट ऑफ लिविंग, शिक्षा और चिकित्सा पर बढ़ा हुआ खर्च आदि को देखते हुए एक जॉब पर पूरी तरह निर्भर रहना न तो सुरक्षित है, न बुद्धिमानी। इसलिए आपको जरूरत है पोर्टफोलियो कैरियर माइंडसेट की। दरअसल आय के एक से ज्यादा स्रोत रखना और अपनी मल्टीपल प्रोफेशनल आइडेंटिटी रखना आज के वक्त की जरूरत है।

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पोर्टफोलियो कैरियर क्या है?

पोर्टफोलियो कैरियर यानी एक व्यक्ति द्वारा अपनी स्किल्स का प्रयोग करते हुए आय के लिए कई स्रोतों की व्यवस्था करना। पोर्टफोलियो कैरियर में साइड हसल, एक से ज्यादा पार्ट टाइम जॉब, साइड बिजनेस या फ्रीलांसिंग शामिल हैं। एक फुल टाइम जॉब के साथ-साथ या फिर बिना फुल टाइम जॉब के अलग-अलग कई काम करना भी इसमें शामिल हैं। उदाहरण के लिए, एक नौकरीशुदा ग्राफिक डिजाइनर अन्य व्यवसाइयों के लिए लोगो बना सकता है। एक अकाउंटेंट पूर्णकालिक रूप से एक फर्म में काम कर सकता है, लेकिन साथ ही अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकता है या ड्राइविंग का काम कर सकता है।

पोर्टफोलियो कैरियर के लाभ

बेहतर कार्य-जीवन संतुलन : पोर्टफोलियो कैरियर अपनाने वाले लोगों के टाइम टेबल में यह निर्धारित करने की छूट और सुविधा होती है कि वे कब या कहां काम करते हैं। वे अक्सर घर से भी काम कर सकते हैं और अपने समय को विभिन्न गतिविधियों, पारिवारिक जिम्मेदारियों या अन्य काम के लिए चुन सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर कार्य-जीवन संतुलन प्राप्त करने में मदद मिलती है।

अधिक आय : पोर्टफोलियो कैरियर के साथ आप कई स्रोतों से आय प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपको अचानक नौकरी से निकाल दिया जाता है तब भी आपके पास पैसा आता रहेगा।

कम बंधन : आपको किसी खास तरह की नौकरी के प्रति बंधन में नहीं रहना पड़ता। आप अपनी रुचियों को समय देने और उन्हें पोषित करने वाले किसी कैरियर को परख सकते हैं। पोर्टफोलियो कैरियर आपको किसी भी चीज के लिए प्रतिबद्ध हुए बिना विभिन्न अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है।

कैसे शुरू करें पोर्टफोलियो कैरियर

समुचित योजना बनाएं: अगर आप अपना पोर्टफोलियो कैरियर शुरू करने का फैसला करते हैं, तो पूरे विचार के साथ योजना बनाएं और उसे शुरू करें। आप रेगुलर कैरियर के साथ-साथ पोर्टफोलियो कैरियर भी अपना सकते हैं या फिर अकेले पोर्टफोलियो कैरियर भी अपना सकते हैं।

अपनी क्षमता का आकलन : इसके लिए अपनी रचनात्मकता, स्किल्स और रुचियों पर विचार करें ताकि यह तय कर सकें कि आप किस तरह की नौकरी करना चाहते हैं और आप किस तरह के काम से कमाई के लिए इनका उपयोग करना चाहते हैं।

लोगों के साथ नेटवर्क : किसी भी कैरियर की तरह नेटवर्किंग भविष्य में अधिक अवसरों की ओर ले जा सकती है। अपने पोर्टफोलियो कैरियर को विकसित करने के लिए अपने विविध अनुभवों का उपयोग करें। पुराने सहकर्मियों, सहपाठियों, दोस्तों और ग्राहकों के साथ फिर से जुड़ें और देखें कि क्या वे आपके लिए अवसरों के बारे में जानते हैं। वे आपको सलाह, संपर्क, सहायता या यहां तक कि काम भी दे सकते हैं।

तरह-तरह के पोर्टफोलियो कैरियर

साइड हसलर: ऐसा व्यक्ति जो अपने मुख्य काम के साथ-साथ किसी अन्य प्रोजेक्ट से आय अर्जित करता है। फ्रीलांसर: ऐसा व्यक्ति जो स्व रोजगार करता है और फिर प्रोजेक्ट या अनुबंध के आधार पर कई ग्राहकों के लिए काम करता है। मल्टी-हाइफ़नेट: ऐसा व्यक्ति जो एक ही समय में कई तरह के प्रोजेक्ट या काम करता है। केंद्रित विशेषज्ञ: कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास अत्यधिक विशेषज्ञता है, जिससे वह कई तरीकों से कमाई करता है और जिसके लिए वह अच्छी फीस वसूलता है। जैसे कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट व्यक्तिगत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के साथ छोटी-छोटी कई कंपनियों को जीएसटी संबंधी सेवाएं दे सकता है, निवेश और वित्तीय प्लानिंग की सलाह दे सकता है।

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