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दर्शक की पसंद संग ओटीटी के बदले तेवर

बात ज्यादा पुरानी नहीं है, जब कोरोना काल में बॉलीवुड में ओटीटी की जबरदस्त मांग बढ़ गई थी। मगर इसी दौरान कई बड़ी फिल्मों के बुरे हश्र के बाद फिल्म निर्माताओं के लिए ओटीटी पर फिल्म बेचना उतना आसान नहीं...
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बात ज्यादा पुरानी नहीं है, जब कोरोना काल में बॉलीवुड में ओटीटी की जबरदस्त मांग बढ़ गई थी। मगर इसी दौरान कई बड़ी फिल्मों के बुरे हश्र के बाद फिल्म निर्माताओं के लिए ओटीटी पर फिल्म बेचना उतना आसान नहीं रहा। अब सारे ओटीटी के प्लेटफार्म बहुत ठोक-बजाकर फिल्मों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। लेकिन अब ओटीटी के सामने एक बड़ी समस्या आन खड़ी हुई है। जिसकी वजह अनेक हैं, उसकी कई वेब सीरीज को दर्शकों ने खारिज करना शुरू कर दिया है।

बदलाव जरूरी था

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असल में इन दिनों छोटा हो या बड़ा पर्दा, हर जगह दर्शकों की रुचि में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। यहां अब हम टीवी धारावाहिकों की बात बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। क्योकि वहां वर्षों से एक ढर्रा देखने को मिल रहा है- सास-बहू के बेमतलब के ईर्ष्या द्वेष के किस्से या फिर एक प्रेमी और दो प्रेमिकाओं के आपसी द्वंद्व की अतार्किक घटनाएं। दूसरी ओर दो-तीन साल पहले तक ओटीटी की वेब सीरीज की तरफ दर्शकों का रुझान देखने को मिल रहा था। मगर ‘सस्तेपन’ की वजह से जल्द हिट होने के बावजूद कई हिट वेब सीरीज को दर्शकों ने खारिज करना भी शुरू कर दिया।

खेल कब बिगड़ा

दरअसल वेब सीरीज ‘तांडव’ के विवाद ने ओटीटी वालों को काफी सकते में डाल दिया है। इसके बाद ‘हीरा मंडी’, ‘मिर्जापुर’, ‘अनदेखी’, ‘सीक्रेट गेम’, ‘पाताल लोक,कोठा आदि कई वेब सीरीज ने दर्शकों को तर्कहीन मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं परोसा। ऐसी सीरीज चैनल के लिए बेहद हानिकारक साबित होती है। दूसरी ओर बोल्ड सीन सजग दर्शक को खटकते हैं। जब ओटीटी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं थी तब वेब सीरीज निर्माताओं को काफी बढ़ावा मिला। लेकिन जब बोल्ड सीन खुले तौर पर आने लगे तो सजग दर्शकों ने ऐसी वेब सीरीज को देखना बंद किया व विरोध भी किया। तब अश्लील वेब सीरीज पर सख्ती बरती जाने लगी।

साफ-सफाई जरूरी

थोड़ी-सी बोल्डनेस तो शुरुआत में ही वेब सीरीज में परोसी जाने लगी थी। लेकिन तब दर्शक इसे अक्सर नरअंदाज कर देते थे। मगर जब बात बेडरूम दृश्यों तक बढ़ी,तो दर्शक साफ-सुथरी वेब सीरीज की मांग करने लगे। ऐसे में सूरज बड़जात्या,नीरज पांडे,रोहन सिप्पी जैसे दिग्गज निर्देशकों के अलावा कुछ नये दौर के फिल्मकारों ने भी वेब सीरीज की लगाम पकड़ ली। जिसके चलते स्कैम, द फैमिली मैन, बड़ा नाम करेगा, गुल्लक, पंचायत, क्रीमिनल जस्टिस, स्पेशल ऑप्स जैसे कई साफ-सुथरी वेब सीरीज दर्शकों के सामने आने लगी। वहीं क्राइम वेब सीरीज स्कैम,रॉकेट बॉयज, क्रीमिनल जस्टिस, स्पेशल ऑप्स की लोकप्रियता दर्शकों की बदलती रुचि का परिचायक है।

ताकि पूरा परिवार देखे

अलग-अलग ज़ोनर में बनी इन वेब सीरीज का टार्गेट पूरे परिवार में अपने ऑडियंस बनाना है। ये इस मामले में सफल भी रही हैं। अब जैसे कि ‘स्कैम...’ दो बड़े घोटालों को बारी-बारी से पेश करती है। वही रॉकेट बॉयज एक महान वैज्ञानिक के खिलाफ रचे गये विदेशी शक्तियों के षड्यंत्र का संजीदगी से खुलासा करती है।

संजीदा निर्देशकों ने लगाम पकड़ी

असल में जब से सूरज बड़जात्या,नीरज पांडे,हंसल मेहता,सुभाष कपूर,रोहन सिप्पी जैसे नामचीन डायरेक्टर्स का वेब सीरीज की तरफ झुकाव बढ़ा है, वेब सीरीज की शक्ल काफी बदली है। दूसरी ओर ‘पंचायत’ के दो नये निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा और अक्षत विजवर्गीय और गुल्लक के निेर्देशक अमृत राज गुप्ता और पलाश वास्वानी भी दर्शनीय वेब सीरीज पेश करने में सफल रहे। हाल ही में जब पंचायत सीजन-4 जब दर्शकों को ज्यादा पसंद नहीं आया,तो इसकी जमकर ट्रोलिंग हुई।

पुराने दिग्गज की मांग बढ़ी

अब वेब सीरीज के साथ कोई भी बडा स्टार आसानी से जुड़ पा रहा है। माधुरी दीक्षित से लेकर पंकज त्रिपाठी,विद्या बालन,सुष्मिता सेन,माही गिल,लारा दत्ता,हुमा कुरैशी,बिपाशा बसु व शाहिद कपूर आदि एक लंबी सूची है। लंबी चलने वाली वेब सीरीज में सितारों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है।

सब्स्क्रिप्शन का खर्च

कई ओटीटी चैनल ने बड़ी फिल्मों के बढ़ते क्रेज को देखते हुए अपनी सालाना फीस भी काफी बढ़ा दी है। हालांकि इस फीस से ज्यादातर दर्शक अपसेट नहीं हैं। क्योंकि चौदह-पंद्रह सौ रुपये में अमेजॉन प्राइम,हॉटस्टार डिज्नी,सोनी लिव,जी- 5 का सालाना मेंबर बनकर इसके सदस्य परिवार के तीन सदस्यों को भी अपने साथ जोड़ सकते हैं। वहीं ओटीटी भी बहुत ठोक बजाकर हर नयी फिल्म यानी वेब सीरीज को खरीद रहा है।

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