रजनी अरोड़ा
बीज या कटिंग के अलावा कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जिन्हें पत्ती से उगाया जा सकता है। तो आप कहीं से भी पत्तियां लाकर कुछ खास पौधे खुद उगा सकते हैं। बस थोड़ा सब्र रखना पड़ेगा। आइये जानते हैं ऐसे पौधों के बारे में-
स्नैक प्लांट
पत्ती को जहां से काटा है, उस भाग को मिट्टी में कम से कम 1 इंच सीधा लगा दें। कुछ दिन इंतजार करें। पौधा बनना शुरू हो जाएगा। स्नैक प्लांट खूबसूरत इंडोर प्लांट है। इस पौधे को कम देखभाल और कम पानी की जरूरत होती है। हवा में पाए जाने वाले टाॅक्सिक तत्वों को दूर करने की क्षमता होने के कारण यह एयर प्यूरीफाइंग पौधों में एक है।
कैलांचू
इसकी पत्तियों का नोड थोड़ा लंबा होता है। पत्ती की नोड को मिट्टी में लगाने पर कुछ समय बाद पौधा ग्रो होना शुरू हो जाता है। इसमें गुलाबी, सफेद, पीला, ओरेंज और लाल रंग के फूल आते हैं।
जेड प्लांट
ज्यादा देखरेख और पानी के बिना, लंबे समय तक चलने वाला सैकुलेंट पौधा है। छोटी-मोटी और गोल पत्तियों से आसानी से ग्रो हो जाता है।
ज़ेबरा प्लांट
पतली और लंबी पत्तियों वाला यह पौधा कैक्टस फैमिली का है। इसकी पत्तियों पर ज़ेबरा जैसी सफेद धारियां होती हैं। पत्ती को मिट्टी में दबाने पर कुछ ही दिनों में उसमें जड़ें निकल आती हैं। धीर-धीरे कमल के फूल की तरह ज़ेबरा प्लांट ग्रो कर जाता है। इसमें एक डंडी निकलती है जिसमें छोटे-छोटे सफेद फूल लगते हैं।
एलोवेरा
औषधीय पौधा है। इसकी पत्ती को काटकर सीधा खड़ाकर मिट्टी में एक इंच दबाने से कुछ दिन में उसमें जड़ निकल आती हैं।
पैपरोमिया
इसकी कई वैराइटी मिलती हैं। एक पत्ती से ग्रो कर सकते हैं। इसमें भी पानी कम डाला जाता है। यह काफी नाजुक पौधा होता है जो अधिक पानी डालने या छेड़ने से गलने और टूटने लगता है।
जीजी प्लांट
चमकदार पत्तियों वाला खूबसूरत इंडोर प्लांट है। इसे उगने में समय ज्यादा लगता है। फिर देखभाल की जरूरत कम होती है।
पत्थर चट्ट
यह एक औषधीय पौधा है। पत्ती से यह पौधा 15-20 दिन में ग्रो हो जाता है। इनकी बड़ी पत्तियों में छोटी-छोटी पत्तियां होती हैं जिन्हें बड़ी आसानी से नए पौधे में बदला जा सकता है। इसकी 4-5 इंच की पत्ती काटकर मिट्टी में किसी भी तरह लें, पौधे मल्टीपल हो जाते हैं।
सीडम
यह एक सैकुलेंट पौधा है और बहुत ज्यादा हार्डी है। इसलिए यह जल्दी खराब नहीं होता। इसकी पत्ती को थोड़ा-सा घुमाकर तोड़ना चाहिए ताकि पौधे को नुकसान न हो। मिट्टी में पत्ती को उल्टा लिटाकर बहुत हल्का दबाएं यानी पत्ती की कर्व वाली साइड ऊपर रखनी चाहिए। कुछ दिनों में पौधा ग्रो होने लगेगा।
एचिवेयरिया लोटस
कमल के आकार का यह खूबसूरत सैकुलेंट पौधा है। मिट्टी में पत्ती को उल्टा लिटाकर बहुत हल्का दबाएं।
क्रोटोन
रंग-बिरंगी पत्तियों वाला यह खूबसूरत ओरनामेंटल पौधा है। इसकी कई वैराइटियां आती हैं। इसे पत्ती से उगने में करीब 2 महीने लग जाते हैं।
मदर आॅफ थाउसेंड्स
इसकी पत्तियों में ही छोटे-छोटे प्लांट बने होते हैं जिन्हें मिट्टी में दबाया जाए तो आसानी से उग जाते हैं। इसे ज्यादा देखरेख की जरूरत नही पड़ती।
क्रैसुला
मोटी-मोटी पत्तियों वाला क्रैसुला सैकुलेंट पौधा है। इसमें पानी कम डाला जाता है और शेड एरिया में रखा जाता है। इसकी एक-एक पत्ती से जड़ें भी निकलती हैं जिससे नया पौधा आसानी से बनाया जा सकता है।
टर्टल वाइन
इसकी एक पत्ती से नया पौधा ग्रो हो जाता है। हैंगिंग बास्केट में भी लगाया जाता है। अगर आप किसी जगह को कवर करना चाहते हैं, तो टर्टल वाइन फैल कर आसानी से कवर कर सकता है और बहुत आकर्षक लगता है।
इन बातों का रखें ध्यान
पत्ती से पौधे उगाते समय 60 प्रतिशत रेत और 40 प्रतिशत कोकोपीट मिलाकर लेना बेहतर है। कोकोपीट की जगह 40 प्रतिशत मिट्टी भी मिला सकते हैं। पत्तियों को ऐसे गमले या बास्केट में लगाएं जिसके नीचे छेद ज्यादा हों। इससे अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है और मिट्टी हवा का प्रवाह भी बना रहता है। इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी। गमले में मिट्टी डालने से पहले ग्रीन नेट या काॅटन का पतला कपड़ा बिछाना चाहिए ताकि मिट्टी न निकलें। पत्तियां मिट्टी में उगाकर स्प्रे से अच्छी तरह पानी दें। इसके बाद ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक या पाॅलीथीन की सिंगल शीट से ढककर गमले को बांध देना चाहिए ताकि इसमें ह्यूमिडिटी बनी रहे और पत्तियां अच्छी तरह ग्रो कर सकें। इसे शेड में रखें। 10-15 दिन तक प्लास्टिक शीट हटाकर न देखें। इसके बाद चेक करें। अगर उन पत्तियों से पौधे ग्रो होने शुरू हो गए हों, तो शीट हटा दें। जब ये पौधे 4-5 इंच के हो जाएं, तो निकालकर दूसरे गमलें में लगा दें।