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बड़ी भूमिकाओं में मेच्योर हीरोइनें

असीम चक्रवर्ती माधुरी दीक्षित और विद्या बालन की मौजूदगी के चलते फिल्म ‘भूल-भुलैया-3’ खूब चर्चा में है। असल में, ये दोनों ही बेहद धाकड़ अभिनेत्रियां हैं। कई फिल्मों में इनकी भाव-प्रवणता ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। ऐसे में, जब...
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असीम चक्रवर्ती

माधुरी दीक्षित और विद्या बालन की मौजूदगी के चलते फिल्म ‘भूल-भुलैया-3’ खूब चर्चा में है। असल में, ये दोनों ही बेहद धाकड़ अभिनेत्रियां हैं। कई फिल्मों में इनकी भाव-प्रवणता ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। ऐसे में, जब ज्यादातर नवोदित तारिकाएं बॉलीवुड में अपना गहरा प्रभाव छोड़ने में विफल रही हैं, एक अलग ट्रैक पर मेच्योर एक्ट्रेस काफी डिमांड में हैं। आमतौर पर, ऐसा हर दौर में ज्यादातर सफल उम्रदराज हीरोइनों के साथ होता रहा है। ताजा विश्लेषण से यह बात और ज्यादा स्पष्ट है।

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कार्तिक को फिर मिला सहारा

नए अभिनेता कार्तिक आर्यन को स्टारडम की राह दिखाने में अनीस बज्मी की फिल्म ‘भूल-भुलैया-2’ का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन उसके बाद से आई उनकी ज्यादातर फिल्मों ने उन्हें इस मामले में हताश ही किया। आज वह बॉक्स ऑफिस के बेहतर खिलाड़ी नहीं माने जा रहे हैं। ऐसे में, फिर अनीस बज्मी ने उनका हाथ थामा है। अनीस की ‘भूल-भुलैया-3’ में वह मुख्य नायक का रोल कर रहे हैं। एक बार फिर उन्हें माधुरी और विद्या जैसी दो अच्छी अभिनेत्रियों का सहारा मिला है। उल्लेखनीय है कि उनकी पिछली फिल्म ‘भूल-भुलैया-2’ की सफलता में मंजुलिका बनी तब्बू का बड़ा अहम रोल था। मगर इस बार एक नहीं, दो-दो मंजुलिका का सपोर्ट उन्हें मिलेगा। अनीस बताते हैं, ‘मैंने ‘भूल-भुलैया’ की पहली मंजुलिका विद्या को फ्लैशबैक में काफी फुटेज दिया। इसके साथ ही मंजुलिका के एक रूप को माधुरी भी प्ले कर रही हैं। और इन दोनों ही रोल में मुझे बेहद परिपक्व हीरोइनों की जरूरत थी।’

तब्बू का जवाब नहीं

कुशल अदाकारा तब्बू ने कई फिल्मों में बतौर हीरोइन अपनी छाप छोड़ी है। मगर उनका उज्ज्वल पक्ष है दमदार कैरेक्टर। यही वजह है, अब वयस्क एक्ट्रेस के तौर पर उनकी जोरदार डिमांड है। इसके लिए ‘दृश्यम’, ‘भूल-भुलैया-2’ का ताजा उदाहरण देना ही काफी होगा। अब यह दीगर बात है कि इन दिनों वह अंट-शंट फिल्मों में ज्यादा उलझी रहती हैं। बावजूद इसके, उनकी विस्तृत एक्टिंग रेंज के बारे में कोई सवाल नहीं है।

माधुरी का स्टारडम

परिपक्व माधुरी दीक्षित एक अतुलनीय उदाहरण के तौर पर सामने आती हैं। रोल का चैलेंज उनके लिए मामूली बात है। ‘डबल धमाल’ और ‘कलंक’ जैसी फिल्मों के साधारण रोल भी वह बड़े आराम से कर लेती हैं। लेकिन वह बेहद सेलेक्टिव हो चुकी हैं। अनीस की नई फिल्म में उनका रोल ज्यादा बड़ा नहीं है, पर बकौल माधुरी, ‘यह एक दमदार करेक्टर है।’ माधुरी इन दिनों अपने नृत्य स्कूल को लेकर काफी व्यस्त हैं। वह बहुत ज्यादा फिल्में नहीं कर रही हैं।

विद्या ने अपनी लाइन खींची

विद्या बालन नायिका प्रधान फिल्में करने के लिए मशहूर हैं। लेकिन ‘शकुंतला देवी’ के बाद से उनकी छवि खत्म हुई है। मगर कुछ निर्देशक उनकी विस्तृत एक्टिंग रेंज को नहीं भूले हैं। इसके चलते ‘भूल-भुलैया’ की असली मंजुलिका को पेश करने के लिए अनीस ने सीधे उनसे संपर्क किया। जाहिर है, इससे इस फिल्म का वजन काफी बड़ा है। वैसे, विद्या काफी अच्छे करेक्टर रोल को ही पहले प्राथमिकता दे रही हैं। आनेवाली फिल्म ‘दो और दो प्यार’ में भी वह करेक्टर रोल कर

रही हैं।

शो पीस में नवोदित तारिकाएं

नए दौर की तारिकाओं को न तोअच्छे रोल मिल रहे हैं, और न ही वे इसके लिए ज्यादा तत्पर दिखती हैं। सारा अली खान, जाह्नवी कपूर, अनन्या पांडे आदि ने शुरू-शुरू में काफी संभावनाएं जगाई। मगर कई नयी हीरोइन तो आज महज शो पीस बन कर रह गई हैं। इनमें से ज्यादातर ने अपने समकक्ष उदाहरण आलिया भट्ट से भी कोई सबक नहीं लिया।

कियारा, कृति को चाहिए अच्छे रोल

नए दौर की हीरोइन में कृति सेनन और कियारा आडवाणी एक अच्छा उदाहरण बन सकती थीं, पर कुछ खराब फिल्मों ने उन्हें सिर्फ स्टार ही बनाये रखा। कियारा ने ‘भूल-भुलैया-2’ के बाद एकदम तहलका मचा दिया था, लेकिन कुछ खराब फिल्मों के बाद वह इंडोर्समेंट के साए में रहना ज्यादा पसंद कर रही हैं। इसी तरह से, अभिनेत्री कृति सेनन ओटीटी की फिल्म ‘मिमी’ के बाद बहुत अच्छी तारिका के तौर पर सामने आई थीं, पर आज अंट-शंट फिल्मों के गलियारे में भटक रही हैं। ज्यादातर नई तारिकाओं के पीछे जाने के ढेरों कारण हैं।

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