धड़कन की लय से जानें सेहत का हाल
एचआरवी यानी हार्ट रेट वेरिएबिलिटी दिल की दो धड़कनों के बीच का समयांतराल होता है। यह शरीर की अनुकूलन क्षमता, तनाव से लड़ने की ताकत और सेहत का संकेतक है। यदि निम्न एचआरवी है तो आपका शरीर तनाव में है, बीमार होने की संभावना है। इसे बढ़ाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
अगर आपने कभी अपने दिल की धड़कन सुनी हो या फिर नाड़ी देखी हो तो आपको लगता होगा कि आपका दिल अपनी गति में एक– सा धड़क रहा है। लेकिन हमारा शरीर बेहद संवेदनशील है। वह भीतर हो रहे हल्के बदलावों से को लेकर गंभीर स्थितियों तक का हमें संकेत भेजता है। उन्हें समझकर समय रहते संभाल लेना जरूरी है। आज तकनीक ने हमारा यह काम काफी आसान भी कर दिया है। हाथ में बंधी स्मार्टवॉच स्वास्थ्य का गुप्त संकेत देती है और यह संकेत है हार्ट रेट वेरिएबिलिटी यानी एचआरवी। यह आंकड़ा आपके तनाव, फिटनेस और बीमारी तक का पता दे सकता है।
Advertisementदो धड़कनों के बीच समयांतराल
एचआरवी यानी हार्ट रेट वेरिएबिलिटी, जो कि दिल की दो धड़कनों के बीच का समयांतराल होता है। अगर आपका हार्ट रेट 80 बीट प्रति मिनट है, तो जरूरी नहीं कि हर बीट के बीच का अंतर समान हो। कभी यह कम होता है, कभी ज्यादा। यह सूक्ष्म बदलाव ही एचआरवी कहलाता है। विशेषज्ञ कहते हैं, यह आंकड़ा सिर्फ धड़कन का ही नहीं, बल्कि ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम का भी संकेत होता है, जो आपके शरीर में संतुलन बनाए रखता है। यह सिस्टम दो तरह से काम करता है:
सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम
यह सिस्टम तनाव या खतरे की स्थिति में सक्रिय होता है, जो आपको लड़ने या भागने के लिए तैयार करता है। जब आप परेशान या डरे हुए होते हैं, तो हृदय गति बढ़ जाती है। इससे बाजुओं और पैरों की मांसपेशियों तक रक्त पहुंचने में मदद मिलती है ताकि आप संभावित खतरे का तुरंत जवाब दे सकें।
पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम
यह शरीर को शांत और रिलैक्स रखने वाला सिस्टम है। जब यह हिस्सा सक्रिय होता है, तो आपकी हृदय गति धीमी हो जाती है, और पाचन के लिए आपके शरीर की मांसपेशियों के बजाय आपके आंतरिक अंगों में ज़्यादा रक्त जाता है। एचआरवी, इन दोनों के बीच संतुलन का सूचक है।
इसलिए है महत्वपूर्ण
एचआरवी को विशेषज्ञ तनाव और स्वास्थ्य का बैरोमीटर मानते हैं। यह आपके शरीर के लचीलेपन और तनाव से लड़ने की क्षमता को दर्शाता है। अगर आपका एचआरवी उच्च है तो आपका शरीर तनाव से लड़ने में सक्षम है और नर्वस सिस्टम संतुलित है। वहीं निम्न एचआरवी का मतलब है कि आपका शरीर तनाव में है, बीमार होने की संभावना है या आप ओवरट्रेनिंग कर रहे हैं। एक शोध के अनुसार, जिन लोगों का एचआरवी बेहतर होता है, वे लंबा और स्वस्थ जीवन जीते हैं। युवाओं का एचआरवी 100 से 200 मिलीसेकंड तक व बुजुर्गों में 50 या उससे कम भी हो सकता है। दो लोगों में यह अंतर तीन गुना तक हो सकता है।
एचआरवी की जांच
हमारी स्मार्टवॉच या हेल्थ ऐप यह डेटा दिखा सकती है। आपको बस रोज़ाना एक ही समय पर एचआरवी चेक करने की जरूरत है। अगर यह 10 से 20 मिलीसेकंड कम होकर कई दिनों तक नीचे रहे, तो सतर्क हो जाएं। इसका मतलब हो सकता है कि आपका शरीर तनाव में है, बीमारी की शुरुआत हो रही है या फिर नींद पूरी नहीं हो रही है।
एचआरवी बढ़ाने के उपाय
एचआरवी हमारे स्वास्थ्य का सूक्ष्म निरीक्षक है। इसलिए अगर आपका एचआरवी गिर रहा है, तो सबसे पहले कारण खोजें। एचआरवी बढ़ाने के इन टिप्स को अपनाएं: समय पर भोजन: पौष्टिक आहार एचआरवी के लिए अच्छा है, लेकिन खान-पान का सही समय आपके सर्कैडियन रिदम को सही रखने में भी मदद करेगा । हाइड्रेटेड रहें : शरीर में रक्त की मात्रा आपके हाइड्रेशन के स्तर से निर्धारित होती है। शरीर में जितना अधिक तरल पदार्थ होगा, रक्त का संचार उतना ही आसान होगा और उसे ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलेंगे। प्रतिदिन अपने शरीर के वजन के हिसाब से पानी पीएं। धूम्रपान व ड्रिंक से बचें। पर्याप्त नींद : पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लेना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती है। नियमित नींद की दिनचर्या बनाए रखना महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक प्रकाश : जब आप सूर्य के प्राकृतिक प्रकाश में बाहर होते हैं, खासकर सुबह , तो सोने-जागने के समय, ऊर्जा के स्तर और हार्मोन संश्लेषण को नियंत्रित करने वाली जैविक प्रक्रियाएं ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं। वहीं प्राणायाम करने से तनाव से लड़ने में मदद मिलती है, जिससे एचआरवी कम हो सकता है।