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‘हर मीडियम में काम करने का इरादा’

छोटा पर्दा : धीरज धूपर
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रेणु खंतवाल

धीरज धूपर ने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और उसके बाद जल्दी ही वे एक्टिंग की दुनिया में आ गए। टीवी शो ‘मात पिता की छांव में स्वर्ग’ से उन्होंने छोटे परदे पर कदम रखा और फिर एक के बाद एक हिट शो धीरज की प्रोफाइल में शामिल हो गए जिसमें – बहनें, कुछ तो लोग कहेंगे, ससुराल सिमर का, कुंडली भाग्य, सौभाग्यवती भव जैसे शोज़ शामिल हैं। इन दिनों धीरज जी टीवी के शो ‘रब से है दुआ’ में नज़र आ रहे हैं। हाल ही में दिल्ली आए धीरज धूपर से रेणु खंतवाल की हुई बातचीत के कुछ अंश –

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सबसे पहले तो शो में अपने किरदार के बारे में बताएं?

मेरे कैरेक्टर का नाम सुब्हान सिद्दीकी है। बहुत ही प्यारा कैरेक्टर है। वह सिंगर भी है। पहली बार मैं एक मुस्लिम किरदार निभा रहा हूं तो इसके लिए भाषा के स्तर पर मैंने खूब मेहनत भी की है। खासतौर पर उर्दू के उच्चारण को लेकर। उम्मीद है लोग सुब्हान को भी उतना ही प्यार देंगे जैसा वो मेरे बाकी किरदारों को देते रहे हैं।

यह शो सोशल अवेयरनेस भी दे रहा है। मनोरंजन के साथ-साथ जो एक सामाजिक संदेश देने का चलन अब टीवी शो में दिखाई दे रहा है।

इसके बारे में आप क्या कहेंगे?

मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा है। मनोरंजन के साथ-साथ जब आप लोगों को कोई अच्छा मैसेज भी देते हैं तो लोग उसे गंभीरता से लेते हैं। वह लेक्चर नहीं लगता। समाज जागरूक होगा तो सभी के लिए अच्छा है। कई बार कुछ नियम समाज के फायदे के लिए बनाए जाते हैं लेकिन लोग उसका मिसयूज भी करते हैं, यह ठीक नहीं है।

आप लंबे समय से टीवी शोज़ कर रहे हैं। टीवी में काफी बदलाव भी आ रहा है। आपको सबसे अच्छा इस बदलते वक्त में क्या लग रहा है?

सबसे पहला तो यही कि अब टीवी केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है। वह सामाजिक मुद्दों को भी अपनी कहानियों के माध्यम से उठा रहा है और समाज को अवेयर कर रहा है। दूसरा अब जो स्क्रिप्ट लिखी जा रही हैं उसमें मेल कैरेक्टर भी बहुत स्ट्रॉन्ग लिखे जा रहे हैं। अब टीवी केवल महिला प्रधान विषयों तक सीमित नहीं है। यही वजह है कि आज हर कोई टीवी का दर्शक है। मेरे पापा भी टीवी शोज़ देखते हैं। तकनीकी स्तर पर भी हम मजबूत हुए हैं। आज से कुछ साल पहले जो हम बातें किया करते थे कि टीवी का कंटेंट ऐसा होना चाहिए वैसा होना चाहिए। आज हर कोई उस अच्छे नए कंटेंट पर शो बनाना चाहता है। हर कोई चाहता है कि उसका शो सबसे अलग और अच्छा हो।

आपने उस दौर में टीवी में एंट्री ली जब महिला प्रधान शो ही ज्यादा बनते थे। ऐसे में शुरुआत में आपको कैरेक्टर चुनने में दिक्कत नहीं आई?

इस मामले में मैं बहुत लकी रहा कि मुझे जो भी रोल ऑफर हुए वो काफी स्ट्रॉन्ग रहे और सभी लीड रोल रहे। उन किरदारों में करने के लिए बहुत कुछ रहा। वे सभी किरदार फीमेल कैरेक्टर जैसे ही बराबरी वाले मुझे मिले। यही वजह है कि एक एक्टर के तौर पर खुद को साबित करने में ज्यादा समय नहीं लगा। मेरे पास काम की वैरायटी रही।

अभी आप बात कर रहे थे कि आप हर मीडियम में काम करना चाहते हैं। क्या एक एक्टर के लिए हर मीडियम अलग-अलग होता है?

नहीं, मुझे नहीं लगता क्योंकि एक्टर तो एक्टिंग करता है। हां, यह जरूर है कि हर मीडियम का ऑडियंस और कंटेंट जरूर अलग-अलग होता है। इसलिए मैं हर मीडियम ट्राई करना चाहता हूं ताकि हर तरह के ऑडियंस तक और हर तरह के कंटेंट पर काम करने का मुझे मौका मिले।

टीवी के अलावा और क्या-क्या चल रहा है  लाइफ में?

अभी मैंने एक वेब शो किया था ‘टटलूबाज़’। यह बहुत हिट रहा। अब उसके दूसरे सीजन की तैयारी चल रही है। साथ ही ‘रब से है दुआ’ तो है ही।

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