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वेब सीरीज की होकर रह गई हुमा

वेब सीरीज ‘महारानी’ अभिनेत्री हुमा कुरैशी के कैरियर में सुखद पड़ाव बन कर आयी। खासकर ऐसे दौर में जब उनकी पिछली कई फिल्मों को अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला। हालांकि उनकी दो फिल्मों का निर्माण जारी है लेकिन हुमा का बड़ा...

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वेब सीरीज ‘महारानी’ अभिनेत्री हुमा कुरैशी के कैरियर में सुखद पड़ाव बन कर आयी। खासकर ऐसे दौर में जब उनकी पिछली कई फिल्मों को अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला। हालांकि उनकी दो फिल्मों का निर्माण जारी है लेकिन हुमा का बड़ा मुकाम अब वेब सीरीज हैं।

असीम चक्रवर्ती

जल्द ही अभिनेत्री हुमा कुरैशी अपनी वेब सीरीज ‘महारानी’ के चौथे सीजन की तैयारी शुरू कर देंगी। इसके साथ ही उनकी दो फिल्में ‘पूजा मेरी जान’ और ‘गुलाबी’ निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। दूसरी ओर सोनी चैनल पर उनके कॉमेडी शो ‘मैडनेस’ को दर्शकों का साथ उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला। कुछ यही हाल उनके फिल्मी कैरियर का रहा है। पिछले दो साल में उनकी ‘बेलबॉटम’, ‘डबल एक्सएल’, ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’व ‘तरला’ आदि बड़ी फ्लाप रहीं। ऐसे में वेब सीरीज ‘महारानी’ उनके लिए हवा का सुखद झोंका बन कर आई है। आजकल हुमा वेब सीरीज को लेकर मशगूल हैं। उनकी ताजा गतिविधियों पर एक नजर-

महारानी की उड़ान

यह तो सच है कि आज हुमा कुरैशी वेब सीरीज को लेकर कुछ ज्यादा ही गंभीर हैं। वैसे भी फिल्मों के छोटे-छोट रोल ने उन्हें कुछ ज्यादा अपसेट किया है। यहां तक कि ‘बेलबॉटम’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जैसी बड़ी फिल्मों का लाभ भी उन्हें कुछ खास नहीं मिला। शायद यह भी एक बड़ी वजह है कि वे फिल्मों को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दे रही हैं। हाल ही में दो बड़ी फिल्मों का सम्मोहन त्याग कर उन्होंने एक नयी वेब सीरीज की शूटिंग को ज्यादा प्राथमिकता दी। असल में महारानी के बाद ‘मिथ्या’ वेब सीरीज की वजह से भी उनकी इस सोच में बड़ा बदलाव आया है।

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दांव सफल रहा है

हुमा इस बात से इंकार करती हैं कि फिल्में ज्यादा न करने की वजह से उनकी व्यस्तता कम हुई है। क्योंकि वेब सीरीज के इस सुनहरे दौर में उन्होंने यहां अपना अच्छा मुकाम बना लिया है। वह कहती हैं,‘एक वेब सीरीज की शूटिंग कम से कम एक साल में पूरी होती है। यदि ‘महारानी’ जैसी हिट सीरीज हो तो अगले सीजन की प्लानिंग में भी बहुत सारा वक्त खर्च हो जाता है। मैं मानती हूं कि कभी ‘डेढ़ इश्किया’ जैसी बड़ी फिल्म के बाद फिल्मों के प्रति मेरा झुकाव काफी बढ़ा था। पर मुझे इस बात का अहसास था कि मेरा बेहतर काम ही मेरा एकमात्र सहारा है।’ अब यह दीगर बात है कि उन्हें यह समझने में थोड़ा वक्त लगा। वह बताती हैं,‘मुझे लगा कि ऐसी फिल्मों में काम करके मुझे क्या लाभ मिलेगा,जिनसे मैं निजी तौर पर संतुष्ट न हो पाऊं। ऐसी फिल्में आप में उत्साह जरूर भर देती हैं। शायद इसीलिए फिल्मों का सम्मोहन मैं आज तक त्याग नहीं पाई हूं। मौका लगता है,तो आज भी फिल्में कर लेती हूं।’

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कैसा होगा परफेक्ट मैन

उम्र के इस पड़ाव पर भी वह शादी के बारे में गंभीरता पूर्वक नहीं सोच रही हैं। क्या वह अभी तक किसी परफेक्ट मैन की तलाश नहीं कर पाई हैं। इस सवाल का जैसे वह इंतजार करती हैं,‘ऑन ए सीरियस नोट ,एकमात्र अपने पिता के अलावा कोई परफेक्ट मैन मेरे सामने नहीं आया है। बचपन से ही मैं बहुत दुलार में बड़ी हुई हूं। लेकिन मेरे पिता ने मुझे हमेशा एक बात समझायी है कि मुझे उनकी पहचान से ऊपर उठकर अपनी एक स्वतंत्र पहचान बनानी चाहिए। जब मैंने पहली बार कहा कि एक्टिंग करूंगी ,परिवार का कोई भी मैंबर यह बात मानने को तैयार नहीं था। उस समय मेरे पिता मेरे पास खड़े थे।’

निराले परिधान

वैसे विचित्र ड्रेंस सेंस की भी खूब चर्चा होती है। इसके चलते ही हुमा आसानी से कोई आसान ड्रेस कैरी कर लेती हैं। अभी हाल में वह एक पार्टी में ग्रीन कलर की पारदर्शी ड्रेस में सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। यह दीगर बात है कि उन्होंने इसके नीचे स्किन कलर का ड्रेस पहन रखा था। हुमा कहती हैं,‘मैं हर ड्रेस को कैरी करते समय इस बात का खास ख्याल रखती हूं कि कहीं से भी वह वल्गर न लगे।’ उनके फेवरेट ड्रेस डिजाइनर ओहेला खान और वरुण हैं।

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