प्रभावी संवाद कला से कैरियर में पायें बढ़त
कंपनियों के लिए अब संवाद कला में माहिर लोग पहली पसंद बन गये हैं, यानी उनकी कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस शानदार होती है। ये सहयोगी कार्य संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। वहीं कर्मियों, मैनेजमेंट व क्लाइंट के बीच बेहतर संबंध स्थापना में मददगार हैं। खुद के कैरियर में भी तरक्की करते हैं। क्लाइंट और कस्टमर के साथ रणनीतिक संवाद में माहिर लोग संगठन के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।
तेजी से बदलते कारपोरेट जगत में केवल टेक्निकल स्किल या डिग्री पर्याप्त नहीं मानी जाती। आज कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस एक ऐसी दक्षता बनकर उभर रही है, जो किसी भी शैक्षणिक डिग्री से कहीं अधिक प्रभावशाली साबित हो रही है। कंपनियां आज उन प्रोफेशनल्स को ज्यादा तरजीह दे रही हैं, जो न केवल अपनी बात प्रभावी ढंग से कह सकते हैं बल्कि टीम, क्लाइंट, सीनियर्स और कस्टमर के साथ संवेदनशील और रणनीतिक संवाद भी कर सकते हैं। वास्तव में कारपोरेट जगत को यह अहसास हो गया है कि कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस केवल बातचीत करने की स्मार्टनेस भर नहीं बल्कि यह सफल रिश्तों, समुचित नेतृत्व और प्रोफेशनल विकास की नींव है। यही कारण है कि अब कंपनियां उन प्रोफेशनल्स को तरजीह दे रही हैं, जो अपनी बात प्रभावशाली ढंग से कह पाने में सक्षम हैं वहीं क्लाइंट को संतुष्ट करने और कर्मचारियों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने में भी माहिर हैं। क्योंकि आज जब दुनिया तेजी से एक-दूसरे से जुड़ रही है या जुड़ चुकी है, तब इंसान की पहचान केवल उसके ज्ञान से नहीं है बल्कि वह संवाद कैसे करता है, इससे भी उसकी पहचान बनती है। यही वजह है कि कारपोरेट जगत में इंट्री के लिए कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस का महत्व बहुत बढ़ गया है।
Advertisementक्लाइंट हैंडलिंग असरदार
कारपोरेट सेक्टर का सीधा वास्ता आज अपने क्लाइंट और कस्टमर से होता है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी ग्राहक की बोलचाल से मनोदशा, उम्मीद और उसकी चिंता का आकलन करके उसे सही प्रतिक्रिया देता है, तो इसमें कंपनी के साथ और रिलेशन तो मजबूत बनते ही हैं, कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस का इसमें प्रभावशाली असर साबित होता है। कारपोरेट जगत ऐसे लोगों को अपने यहां ज्यादा जगह दे रहा है, जो अच्छे नेता के साथ साथ अच्छे वक्ता भी हैं यानी अपनी बात स्पष्ट, प्रेरक और संतुलित ढंग से रख पाते हैं।
टीम वर्क के लिए उपयोगी स्किल
एक अच्छा टीम लीडर वही हो सकता है, जो अपने साथियों को अपने प्रभावशाली संवाद करने के अंदाज में उनसे अपनी बात मनवा ले। आजकल किसी भी टीम को अपना ऐसा लीडर नहीं चाहिए, जो उनमें अपना बॉसिज्म झाड़े बल्कि ऐसा सहकर्मी चाहिए होता है, जो अपने टीम के सदस्यों को समझे और उन्हें आपस में एकजुट बनाये रखने के लिए सकारात्मक रुख अपनाए। टीम का मनोबल, तालमेल और प्रदर्शन किसी हद तक टीम लीडर के व्यवहार और उसके सक्षम संवाद कला पर निर्भर होता है। कारपोरेट लीडर के लिए संवाद कला आनी जरूरी हो गई है।
विवाद समाधान में मददगार
जो व्यक्ति अच्छे से बात कर सकता है, वह किसी भी स्थिति में किसी को अपनी बात सहजता से समझा सकता है। कारपोरेट वातावरण में रोजमर्रा के कामकाज के दौरान अनेक जगहों पर मतभेद, दबाव और असहमति की स्थिति से सामना होना आम बात है। ऐसी जगहों में वो लोग बड़े काम के साबित होते हैं, जो बातचीत करने के तरीके में माहिर होते हैं। कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस वाले लोग बात को समझकर सही शब्दों और सही टोन में समाधान निकालने की कला जानते हैं।
ब्रांड इमेज और प्रेजेंटेशन
कारपोरेट जगत में कोई प्रोफेशनल अपने आपमें कोई इंडिविजुअल पर्सनैलिटी नहीं होता, वह जिस कंपनी या जिस उद्योग समूह के साथ जुड़ा होता है, उसी का एक जरूरी चेहरा होता है। इसलिए कारपोरेट प्रोफेशनल हर पल अपनी कंपनी के प्रतिनिधि चेहरा होते हैं और अपनी कंपनी या समूह के अंबेसडर भी होते हैं। ऐसे में अगर प्रोफेशनल कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस में माहिर हैं तो उसकी बातचीत के ढंग से, प्रेजेंटेशन से और क्लाइंट डील की शैली से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
कंपनी कल्चर को सशक्त बनाते हैं
जो प्रोफेशनल कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस से लैस होते हैं, ऐसे लोग सिर्फ अपना ही रुतबा नहीं बनाते बल्कि कंपनी के कामकाजी वातावरण को भी शानदार कल्चर में बदल देते हैं। ऐसे लोग खुले विचारों के, व्यवहार में पारदर्शी और सहयोगी कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जिसके कारण कंपनी में सकारात्मक वातावरण तैयार होता है। कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस में माहिर प्रोफेशनल कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच एक ऐसी सकारात्मक संवाद कड़ी बन जाते हैं कि दोनों तरफ से जब भी कोई अड़चन आती है या कहीं कोई फसाहट होती है, तो ऐसे प्रोफेशनल ऐसी समस्याओं का चुटकी बजाते हल निकाल लेते हैं। इससे कंपनी का माहौल पॉजीटिव और प्रोडक्टिव बनता है।
गेम चेंजर निगोशिएटर
कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस में माहिर लोग गजब के डील मेकर होते हैं। निगोशिएसन टेबल पर हमेशा बाजी इनके हाथ लगती है, क्योंकि गेमचेंजर निगोशिएटर होते हैं। दरअसल कोई भी सौदा महज छोटी बड़ी धनराशि का आधार नहीं होता बल्कि सौदे के संवाद का सुखद नतीजा होता है। ऐसे व्यक्ति कभी शब्दों का बिखेरकर तो कभी चुप रहकर ही अपने पक्ष में बाजी पलट लेते हैं। कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस में दक्षता या कौशल का कंपनी को भरपूर फायदा होता है और इस कारण ये कंपनी की आंख के तारे बनते हैं।
लब्बोलुआब यह कि कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस महज कम्युनिकेट करने की कलाभर नहीं होती बल्कि यह हर तरह के बिगड़े कामों को बना लेने की दक्षता होती है और अपने संवाद के बल पर ऐसे लोग अपनी इर्दगिर्द के वातावरण को जिस कदर सहज और सकारात्मक बना लेते हैं, उससे पूरा माहौल पॉजीटिव हो जाता है, जिसका फायदा सबको होता है। कंपनी, सहकर्मी और खुद ऐसा व्यक्ति इस कला से लाभान्वित होता है, इसलिए आज कम्युनिकेशन इंटेलीजेंस कारपोरेट जगत की चहेती इंटेलीजेंस बन गई है।
-इ.रि.सें.