डॉक्टर नीना कनौजिया
पानी की महत्ता हर मौसम में होती है परंतु गर्मी में इसका महत्व कुछ ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि इस मौसम में पसीना अधिक निकलता है। वहीं बच्चे तो खेलने के दौरान उछल-कूद भी खूब करते हैं। ऐसे में शरीर को पेय पदार्थों की अधिक आवश्यकता हाेती है। यदि सही मात्रा में पेय पदार्थ शरीर को नहीं मिलता है तो डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, सिरदर्द, कमजोरी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। निस्संदेह, पेय पदार्थों का सेवन तो करना चाहिए परंतु इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि वह हमारे लिये फायदेमंद होगा या हानिकारक। खास तौर से बच्चों का मन अक्सर कोल्डड्रिंक, सोडा जैसे पेय पीने काे करता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं है। अत: बच्चों के मामले में इस बात का निश्चय जरूर कर लें कि जो भी तरल पदार्थ वह लें या अभिभावक उन्हें दें, वह सेहत के लिए लाभकारी हों।
जन्म से छह महीने तक
यदि छह महीने का बच्चा है तो उसके लिए मां का दूध ही पर्याप्त है। यदि मां का दूध बच्चे के लिए पर्याप्त नहीं हो तो अच्छे ब्रांड का फार्मूले वाला दूध ही बच्चे को पिलायें।
छह माह से एक साल तक
बच्चे को पानी पिलायें परंतु उसे उबाल कर स्टेरलाइज्ड करने के बाद ठंडा करके पिला सकते हैं। इसके साथ ही कोशिश करें कि दूध स्वस्थ गाय या बकरी का ही पिलाया जाये।
सौंप,धनिये का उबला जल
एक चम्मच सौंप, एक चम्मच साबूत धनिया व एक चम्मच जौ- इन सबको डेढ़ गिलास पानी में अच्छे से उबाल लें। फिर छानकर मिश्री मिलाकर बच्चे को हर दो घंटे के बाद दो से चार चम्मच पिला सकते हैं।
विटामिन,खनिज वाला नारियल पानी
नारियल पानी विटामिन और खनिज पदार्थों से भरपूर होता है। यह बहुत ही स्वास्थ्य प्रदाता पेय माना जाता है। दरअसल, गर्मी में बच्चे के शरीर से पसीना बहने से जो नेचुरल सॉल्ट निकल जाते हैं, यह उनकी पूर्ति करता है।
घर पर तैयार करें लेमन वॉटर
गर्मी में नीबू पानी भी बच्चे के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें मिश्री (चीनी भी) मिला लें व बच्चों को पिलायें। चाहें तो चुटकीभर नमक भी मिला सकती हैं। हां, बाजारू नीबू पानी बच्चे को देने से परहेज करें क्योंकि फ्लेवर व प्रिजरवेटिव मिला होता है। अत: आप घर पर ही लेमन वॉटर बनाकर पिलायें।
दो-पांच साल के बच्चों के लिए
दो-पांच साल के बच्चों को फलों का रस दे सकते हैं परंतु डिब्बाबंद जूस बिल्कुल भी नहीं क्योंकि यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं जो बाहर फ्रेश जूस बिकता है उससे भी बचना चाहिए। क्योंकि जूस विक्रेताओं का बर्तन साफ है कि नहीं यह अकसर पता नहीं चलता, इससे बच्चे को दिक्कत हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि घर पर ही फ्रेश जूस निकालकर बच्चों को पिलायें।
सुगंधित पानी सबको पिलाइये
एक जग पानी में, आप चाहें तो कभी कुछ पुदीने की पत्तियां डाल दें, कभी गुलाब, तुलसी की पत्तियां डाल दें। कभी नीबू के टुकड़े करके डाल कर 3-4 घंटे के लिए रखें और यह सुगंधित पानी आप खुद भी पी सकते हैं और बच्चे को भी पिला सकते हैं।
पौष्टिक पेय बादाम वाला
एक पौष्टिक पेय जैसे 4 बादाम, एक चम्मच खरबूजे के बीज, एक चम्मच सौंप, काली मिर्च के 3-4 दाने, गुलाब की 6-7 पंखुड़ियाें को भिगोकर पीस लें और आधा से एक चम्मच दूध में मिलाकर बच्चे को पिलाया जा सकता है।
फ्रेश ही बनाएं दही से पेय
बच्चे दही भी खायें पर वह फ्रेश हो और खट्टी न हो। चार चम्मच दही में एक कप पानी डालकर, एक चम्मच चीनी, दो चुटकी नमक और दो चुटकी पिसा जीरा अच्छी तरह मिलाकर भी नौनिहाल को दिया जा सकता है।
कच्चे आम का स्वाद
कच्चे आम को भूज (रोस्ट) कर, या पानी में उबालकर उसका छिलका निकालकर गुठली अलग कर लें। फिर मिक्सी में थोड़ी चीनी और काला नमक -जीरा मिलाकर पिलाना भी अच्छा होता है।
स्वस्थ पेय पदार्थ तैयार करने का मेटीरिअल व विधि कोई भी हो लेकिन गर्मी में तरल पदार्थों का खूब सेवन करें। वहीं आपका ध्यान व कोशिश रहे कि वे घर पर ही बनाये जायें ताकि फ्रेश, साफ-सुथरा, पौष्टिक और एनर्जिक ड्रिंक आप अपने नौनिहाल को पिलायें। यकीनी बनायें कि उसमें कोई प्रिजरवेटिव न हो, वह ज्यादा एल्कोहल युक्त न हो।
मौसम आते-जाते रहते हैं यदि आप समझदारी से खान-पान खुद करेंगे व बच्चों को करवाएंगे तो बिना किसी परेशानी के आप इसे एंज्वाय कर पायेंगे।