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तेजी से बढ़ते हेल्थ केयर के फील्ड में पायें ड्रीम जॉब

कीर्तिशेखर हिदुस्तान में रोजगार के लिहाज से कोविड-19 के बाद हेल्थ केयर क्षेत्र में अच्छे दिन आये हुए हैं। हेल्थ टेक्नोलॉजी और टेली मेडिसिन के विस्तार के बाद इस क्षेत्र में जबर्दस्त बूम आया हुआ है। भारत दुनिया का सबसे...

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कीर्तिशेखर

हिदुस्तान में रोजगार के लिहाज से कोविड-19 के बाद हेल्थ केयर क्षेत्र में अच्छे दिन आये हुए हैं। हेल्थ टेक्नोलॉजी और टेली मेडिसिन के विस्तार के बाद इस क्षेत्र में जबर्दस्त बूम आया हुआ है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दवा निर्माता और निर्यातक है। साथ ही मार्च 2024 के आसपास भारत का हेल्थ इंश्योरेंस बाजार 1.09 लाख करोड़ रुपये की सीमा को पार कर चुका था और अनुमान है कि साल 2029 तक देश का हेल्थ केयर इंश्योरेंस 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका होगा। अगले 5 सालों तक इसके 10.5 से 11 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है। साल 2019 में भारत का हेल्थ केयर इंश्योरेंस 51 हजार करोड़ रुपये था। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हाल के सालों में किस तरह से हेल्थ रिटेल और हेल्थ ग्रुप योजनाओं का महत्व बढ़ा है।

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रोजगार अवसरों की तेज रफ्तार

हेल्थ केयर क्षेत्र में यही चमकदार बढ़ोतरी रोजगार के अवसरों की भी देखी जा सकती है। साल 2023 तक हेल्थ केयर क्षेत्र में करीब 45 लाख लोग कार्यरत थे, जिनमें नर्स, लैब टैक्नीशियन, फॉर्मासिस्ट और अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स शामिल थे। पिछले पांच सालों में हेल्थ केयर क्षेत्र में रोजगार की रफ्तार 12 फीसदी सालाना की दर से बढ़ी है और अगले 5 सालों में यह 12 से 15 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। अनुमान है कि 2030 तक 70 लाख लोग इस क्षेत्र में कार्यरत होंगे। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, इंश्योरेंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होगी। इसलिए वर्तमान में तो हेल्थ केयर सेक्टर रोजगार का एक उर्वर क्षेत्र है ही, आने वाले सालों में यह और महत्वपूर्ण बनकर उभरेगा। इसकी वजह है कि 2024 में हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में भारतीयों की तादाद करीब 51 फीसदी है, वहीं 2030 तक यह बढ़कर 65-70 फीसदी हो जायेगी।

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मेडिकल इंश्योरेंस का बढ़ता दायरा

मेडिकल क्षेत्र की विभिन्न सरकारी योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत के कारण देश में लोगों के मेडिकल इंश्योरेंस का दायरा काफी बढ़ा है। इसलिए आने वाले सालों में हेल्थ केयर के क्षेत्र में कैरियर की जबर्दस्त संभावनाएं हैं। विशेषकर हेल्थ टेक्नोलॉजी और डिजिटल हेल्थ के मामले में। निजी इंश्योरेंस कंपनियां देश के लोगों को कम से कम देनदारी में एक से बढ़कर एक इंश्योरेंस स्कीम बेच रही हैं,जिसका असर अंततः स्वास्थ्य उद्योग में होने वाले निवेश के तौर पर ही दिखेगा। इसलिए आने वाले दिनों में हेल्थ केयर क्षेत्र नौकरियों के लिहाज से सबसे उर्वर क्षेत्र होगा।

स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रमुख जॉब्स

सवाल है इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए क्या करें, कहां से पढ़ाई करें व क्या पढ़ें और कैसे इस क्षेत्र में ऊंचे पायदान तक पहुंच सकते हैं? इस क्षेत्र की संभावनाओं को विभिन्न पहलुओं के आधार पर जान सकते हैं। हेल्थ केयर क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नौकरियां हैं जैसे हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर या सीईओ, मेडिकल डिवाइस स्पेशलिस्ट, क्लिनिकल रिसर्च साइंटिस्ट, फार्मेसी मैनेजर और हेल्थ केयर आईटी प्रोफेशनल। ये पांच प्रोफेशनल इस क्षेत्र के सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले हैं।

हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर व क्लिनिकल डिवाइस स्पेशलिस्ट

इनमें सबसे प्रतिष्ठित जॉब हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर की है। इसमें शुरुआती पैकेज 8 से 15 लाख रुपये का मिल जाता है और 5 साल के अनुभव के बाद सालाना पैकेज बढ़कर 25 से 50 लाख रुपये तक हो सकता है। मेडिकल इंस्टीट्यूट जैसे अपोलो, मैक्स हेल्थ केयर और मणिपाल में हेल्थ केयर क्षेत्र में प्रोफेशनल्स के लिए अच्छी खासी मांग रहती है। इसी तरह क्लिनिकल डिवाइस स्पेशलिस्ट को शुरुआती दौर में 10 से 20 लाख रुपये का सालाना पैकेज मिल जाता है। इस प्रोफेशनल की हेल्थ केयर क्षेत्र में मुख्य भूमिका मेडिकल उपकरणों की डिजाइनिंग, उनका संचालन तथा मातहत लोगों को उसका तकनीकी शिक्षण देना है। कई देशी-विदेशी कंपनियां मेडिकल डिवाइस स्पेशलिस्ट को जॉब प्रदान करती हैं। इस क्षेत्र की कंपनियां जीई हेल्थ केयर, फिलिप्स हेल्थ केयर, सीमेंस हेल्थ केयर आदि हैं।

क्लिनिकल रिसर्च साइंटिस्ट, फार्मेसी मैनेजर

क्लिनिकल रिसर्च साइंटिस्ट की भी काफी मांग है और भविष्य में और ज्यादा बढ़ने वाली है। फिलहाल इस क्षेत्र का शुरुआती पैकेज 5 से 12 लाख रुपये का है और अनुभवी लोगों को 20 लाख रुपये तक सालाना मिल सकते हैं। इस क्षेत्र में नौकरियां देने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं- बाईकोन, सिप्ला, डॉक्टर रेड्डी और सन फार्मा। हेल्थ केयर क्षेत्र की चौथी बड़ी जॉब फार्मेसी मैनेजर की है। इसके लिए सालाना पैकेज 7 से 15 लाख रुपये का है और नौकरियां देने वाली कंपनियां हैं- मेडी प्लस, अपोलो फार्मेसी, नेट मेडीज आदि। हेल्थ केयर आईटी प्रोफेशनल हेल्थ केयर का पांचवां सबसे बड़ा क्षेत्र है, इसमें शुरुआती पैकेज 10 से 25 लाख रुपये तक है। इस क्षेत्र में नौकरियां देने वाली कंपनियां हैं- इंफोसिस, टाटा कंसलटेंसी और प्रैक्टो। हेल्थ केयर क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां प्राइवेट हॉस्पिटल, फार्मा कंपनियां, मेडिकल डिवाइस कंपनियां, हेल्थ आईटी कंपनियां, क्लिनिकल रिसर्च और पब्लिक हेल्थ संस्थाएं आदि हैं।

कौन सी डिग्रियां चाहिये

इस क्षेत्र में सफल कैरियर के लिए जरूरी डिग्रियां एमबीए इन हॉस्पिटल्स एडमिनिस्ट्रेशन, एमएससी इन क्लिनिकल रिसर्च, बीटेक इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, हेल्थ केयर में आईटी डिग्री आदि हैं। वहीं रोजगार पाने के पहले इंटर्नशिप या प्रशिक्षण कार्यक्रमों से गुजरना पड़ता है। प्रमुख हेल्थ कंपनियों और अस्पतालों के साथ नेटवर्किंग करनी पड़ती है।

-इ.रि.सें.

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