सौंफ मसाला है। ठंडी तासीर वाला। दाल-सब्जी और अचार आदि में डाला जाता है। लेकिन यह औषधि भी गजब की है। भोजन के बाद चबाएं तो माउथ फ्रेशनर के साथ-साथ शीघ्र पाचन में इसका जवाब नहीं। कहावत भी है कि ‘भोजन करके खाइये सौंफ, गुड़, अजवान, जल्दी ये पचायेगा, जाने सकल जहान’। दिन में कई बार सौंफ चबाना उल्टी में राहत देता है। सौंफ का छौंक लगी दाल, सब्जी हाजमा ठीक रखती है। विटामिन सी के साथ ही इसमें पोटैशियम, मैग्नीज, जिंक, आयरन और कॉपर आदि हैं। मिनरल भी भरपूर होते हैं। जानिये यह कैसे है सेहत के लिए लाभकारी।
सौंफ का पानी
सौंफ को पानी में उबालें व उस काढ़े को पीयें। या फिर 1 ग्लास पानी में एक चम्मच सौंफ डालें और उसे रातभर रखें। सुबह छानकर पी लें। दिन में 2-3 बार पीयें। यह मोटापा दूर भगाने, ब्लड प्रेशर के साथ ही हार्ट रेट को भी रेग्युलेट करने, बॉडी में मौजूद टॉक्सिन निकाल खून साफ करने में मददगार है। सौंफ के इस पानी में विटामिन ए, एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण व कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आंखों की रौशनी को बढ़ाने में हेल्प करती है।
सौंफ की चाय
सौंफ की चाय भी सेहत के लिए फायदेमंद है जो खाने के बाद पी जा सकती है। करीब ढाई सौ मिलीलीटर पानी आधा होने तक पकाएं व उसमें एक चम्मच सौंफ डाल दें। इसके बाद पानी ठंडा हो जाये तो छानकर पी लें। यह एंटी-बैक्टीरियल है जो सर्दी-जुकाम व खांसी में राहत देती हैं। सुबह-शाम चाय में भी कुछ दाने सौंफ के डाल सकते हैं।
सौंफ, लौंग का काढ़ा
सौंफ और लौंग को मिलाकर इनका काढ़ा बनाकर बूरा या खांड मिला लें। यह जुकाम में राहत देता है।
दहीं के साथ सेवन
यदि आपको भूख ज्यादा लगती है तो सौंफ का रस दही में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से यह समस्या कम हो जायेगी।
सौंफ, मिश्री का चूर्ण
सौंफ, मिश्री को समान भागों में मिलाकर चूर्ण बना लें और डेढ़-दो चम्मच खाने के बाद करीब एक माह तक लगातार सेवन करें। इससे याददाश्त पुख्ता करने का उपाय कहा जाता है। इन फायदों के अलावा, सौंफ को हाई बीपी काबू करने व फैटी लिवर में भी राहत देने वाला माना जाता है। पीरियड्स क्रैम्प्स की दशा में दर्द में सौंफ राहत देती है व एसिडिटी भी दूर करती है।
-फीचर डेस्क