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क्लासरूम में भविष्य के एआई शिक्षण की उम्मीद

कविता राज ज के दौर में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से अछूता हो। इस फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी का प्रभाव सबसे पहले सोशल मीडिया की दुनिया में देखा गया, जिसमें लोग एआई टूल्स की मदद से...
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कविता राज

ज के दौर में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से अछूता हो। इस फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी का प्रभाव सबसे पहले सोशल मीडिया की दुनिया में देखा गया, जिसमें लोग एआई टूल्स की मदद से आकर्षक इमेज और वीडियो बनाते थे। समय के साथ, इसने हमारे जीवन के कई गंभीर पहलुओं पर असर डालना शुरू कर दिया है। केरल के एक स्कूल ने अब शिक्षा के क्षेत्र में एआई को चुना है।

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देश का पहला एआई शिक्षक रोबोट

शिक्षा और तकनीक का चोली दामन का साथ है। केरल के वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशल एंटेलीजेंस की अहमियत को भांपते हुए एक नया कारनामा कर दिखाया है। यह नायाब इनोवेशन है..एआई टीचर का। एआई टीचर यानी आर्टिफिशल इंटेलीजेंस वाला शिक्षक (रोबोट)। नाम है आईआरआईएस, और यह भारत का पहला एआई शिक्षक रोबोट है जो जनरेटिव एआई पर आधारित है। इसकी आवाज महिला की तरह है और इसमें एक असल टीचर की कई विशेषताएं हैं।

पाठ्येतर गतिविधियों को बढ़ावा देना है मकसद

मेकरलैब्स एडुटेक द्वारा तैयार इस नवीनतम रचना, आईआरआईएस नीति आयोग के एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब) प्रोजेक्ट का हिस्सा है जो साल 2021 में स्कूलों में छात्रों की पाठ्येतर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पेश किया गया था। जिसका मकसद है पारंपरिक शिक्षा पद्धति के क्षेत्र में कुछ नये फीचर्स जोड़कर क्रांति लाना। हाल ही में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में आईआरआईएस ह्यूमनॉयड का सेकेंडरी स्कूल केटीसीटी में लोकार्पण किया गया। तिरुवनंतपुरम के तटीय शहर में स्थित, कडुवायिल थंगल चैरिटेबल ट्रस्ट के शिक्षा के क्षेत्र में किये गये एक प्रयास से केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल ने पिछले महीने एक एआई शिक्षक का अनावरण किया। संस्था ने “आइरिस” नामक ह्यूमनॉइड विकसित करने के लिए मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया और केरल में पहला एआई शिक्षक रोबोट तैयार कर लिया।

संवाद की बहुभाषीय क्षमता

मेकरलैब्स ने सोशल मीडिया पर आईआरआईएस का एक वीडियो जारी कर इसकी बहुभाषीय क्षमता की जानकारी दी है। आईआरआईएस तीन भाषाओं में पारंगत है और विभिन्न सब्जेक्ट्स से जुड़े हुए सवालों के जवाब सेकेंड्स में देता है। यह वॉयस एसिस्टेंस और इंटेरेक्टिव लर्निंग को भी स्पोर्ट करता है। यह चलती-फिरती शिक्षक है जो मुश्किल विषयों से जुड़े कठिन सवालों को चुटकियों में हल कर सकती है।

शिक्षा प्रणाली में बड़ी पहल

केरल पहले से साक्षरता में सबसे ऊपर है, ऐसे में एआई तकनीक के शिक्षा के क्षेत्र में दखल से इसे राज्य का शिक्षा प्रणाली में बहुत बड़ा इनोवेशन माना जा रहा है। ‘मेकरलैब्स’ के अनुसार, आइरिस का नॉलेज बेस अन्य ऑटोमेटिक टीचिंग गैजेट की तुलना में ज्यादा है, क्योंकि इसे चैटजीपीटी जैसी प्रोग्रामिंग से बनाया गाया है। ह्यूमनॉइड को छात्रों के लिए ड्रग्स और हिंसा जैसे विषयों की जानकारी देने के बारे में ट्रेंड नहीं किया गया है।

सवालों के जवाब चुटकियों में

आईआरआईएस सीखने के कई तरीकों को अपने में समायोजित किये हुए हैं। ताकि छात्र इसके साथ खुद को जोड़ सकें। क्योंकि यह रोबो टीचर जहां बच्चों के सवालों के जवाब देता है , वहीं उन्हें खुद से जोड़ने के लिये धन्यवाद देना और हाथ मिलाना भी नहीं भूलता।

मेकरलैब्स ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि- एआई टीचर रोबोट का अनावरण करने पर वे गर्व महसूस कर रहे हैं। यह रोबोट जहां छात्रों को सीखने में मदद करेगा, वहीं शिक्षकों को और अधिक आकर्षक तरीके से पाठ पढ़ाने में भी सहायक होगा।

रोबोटिक्स एवं जनरेटिव एआई का मेल

मेकरलैबल्स के अनुसार, आइरिस रोबोटिक्स एंड जनरेटिव एआई का मेल है। यह किसी जीते-जागते मानव शिक्षक की तरह “इंटरेक्टिव क्षमताओं वाला उपकरण है। इस रोबोट टीचर के अंदर एक इंटेल प्रोसेसर और एक को-प्रोसेसर है जो इसके काम का ध्यान रखेगा। यूजर्स अपने एंड्रॉइड ऐप इंटरफेस के जरिये एआई शिक्षक के साथ आसानी से जुड़ सकते हैं और काम कर सकते हैं। हालांकि आने वाले समय में इसके परिणाम क्या होंगे यह कहना अभी जल्दबाजी है लेकिन यह तय है कि आईआरआईएस हमें भविष्य की शिक्षा प्रणाली और क्लासरूम में एआई की भूमिका की एक झलक दिखाने के लिये काफी है।

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