बालकिशन यादव
मेडिकल का दायरा सिर्फ डॉक्टर या नर्स तक सीमित नही है, इसमें कई लोग जुड़े होते हैं। उन्हीं में से एक है रेडियोलॉजी टेक्नीशियन। आजकल हर छोटी बड़ी बीमारी का आकलन करने के लिए एक्स रे किया जाता है। यह कार्य रेडियोलॉजिस्ट करते हैं। वर्तमान समय में यह क्षेत्र काफी तेजी से उभर रहा है। करिअर बनाने के लिए इस क्षेत्र में बेहतरीन संभावनाएं हैं। रेडियोलॉजिस्ट शरीर के विभिन्न अंगों का एक्स रे करते हैं। एक्स रे करते वक्त मरीज तथा आस पास के लोगों पर रेडियोएक्टिव किरणों का साइड इफेक्ट न हो, इस बात की निगरानी भी रखते हैं। इसके अलावा वे रेडियोग्राफिक उपकरणों की देखभाल तथा रोगियों के रिकॉर्ड्स भी मेंटेन करते हैं। एक सफल और कुशल रेडियोलॉजिस्ट के लिए चिकित्सा और साथ ही तकनीकी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त होना चाहिए। कुशल कंप्यूटर कौशल, सकारात्मक दृष्टिकोण, सर्मपण के साथ सेवाभाव, बेहतरीन और धाराप्रवाह संचार कौशल का ज्ञान होना जरूरी है।
कोर्स, योग्यता एवं अवसर
रेडियोलॉजी टेक्नीशियन बनने के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्धय हैं इसमें सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोकमा, डिग्री और मास्टर्स तक के कोर्स उपलब्ध हैं। जैसे बैचलर ऑफ़ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी (3 वर्ष), बीएससी इन मेडिकल रेडियोलॉजी (3 वर्ष) डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियोलॉजी (1 वर्ष), डिप्लोमा इन रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी (2 वर्ष) पीजी डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक (1 वर्ष) आदि। कोर्स करने के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री व बॉयोलॉजी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। यदि आप साइंस विषयों में स्नातक हैं तो पीजी डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं| गौरतलब है कि इसमें प्रवेश मुख्यत: बारहवीं पास अंकों के आधार पर ही होता है, लेकिन कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट व इंटरव्यू के आधार पर भी चयन करते हैं। बीर टिकेंद्रजीत यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर बीएन मिश्रा के मुताबिक इस क्षेत्र में एक स्नातक ऐसे रेडियोग्राफर, रेडियोलाजिक प्रौद्योगिकीविदों, वैज्ञानिक प्रयोगशाला सहायक, क्लीनिक सहायक, एक्स-रे तकनीशियन, अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञों के रूप में काम कर सकते हैं। चिकित्सा के क्षे़त्र में हो रहे विकास के साथ ही रेडियोलॉजी के क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं पैदा हुई हैं। रेडियो इमेजिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पेशेवरों की भारी कमी है। डॉक्टर पूरी तरह से इमेजिंग विशेषज्ञों पर निर्भर रहते हैं। दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की प्रिंसिपल अरुणा सिंह के मुताबिक यह करिअर लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए उपयुक्त है। कोर्स के दौरान छात्रों को शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, विकिरण भौतिकी, इमेजिंग भौतिकी और रेडियोग्राफिक स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काफी संभावना है। रेडियोलॉजिस्ट बनने के बाद आप किसी भी नर्सिंग होम्स, अस्पताल, डाइग्नॉस्टिक सेंटर, अत्याधुनिक अस्पताल या फिर खुद का काम शुरू कर सकते हैं। भारत में रेडियोलॉजी टेक्नीशियन की शुरुआती सैलरी 8 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। वहीं एक अनुभवी व प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह प्राप्त कर सकता है। विदेशों में रेडियोलॉजी टेक्नीशियन की अधिक मांग है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट टेक्नीशियन की जितनी मांग है उतनी पूर्ति नहीं है।
प्रमुख संस्थाहन
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नयी दिल्ली www.aiims.edu
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली www.dpmiindia.com
बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद, गुजरात www.bjmc.org