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हिट-फ्लॉप के आइने में न देखें मानवीय मूल्य

अभिनेता नाना पाटेकर के मिजाज बारे गॉसिप अपनी जगह लेकिन उनका अभिनय रेंज काबिले तारीफ ही कहा जायेगा। गंभीर रोल व कॉमेडी , दोनों में वे उम्दा कलाकार हैं। कुछ माह पूर्व उनकी भूमिका वाली ‘वैक्सीन वॉर’ रिलीज हुई व...
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नाना पाटेकर
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अभिनेता नाना पाटेकर के मिजाज बारे गॉसिप अपनी जगह लेकिन उनका अभिनय रेंज काबिले तारीफ ही कहा जायेगा। गंभीर रोल व कॉमेडी , दोनों में वे उम्दा कलाकार हैं। कुछ माह पूर्व उनकी भूमिका वाली ‘वैक्सीन वॉर’ रिलीज हुई व अब निर्देशक अनिल शर्मा की ‘जर्नी’ की शूटिंग पूरी की है।

असीम चक्रवर्ती

बॉलीवुड में ‘नाना’ यानी नाना पाटेकर अपने निराले व्यक्तित्व के लिए चर्चा में रहते हैं। विशेष तौर पर उनकी बेबाकी उनकी शख्सियत का सबसे ‘उज्ज्वल’ पक्ष है। मगर इसका एक दूसरा पक्ष यह कि अक्सर उनके साथ काम कर चुके निर्देशकों को यह कहते सुना गया है कि नाना के मूड का कोई भरोसा नहीं है। पर बावजूद इसके हाल ही में उन्होंने ‘गदर’ फेम निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म ‘जर्नी’ की शूटिंग बहुत सौहार्दपूण ढंग से पूरी की है। खुद से जुड़ी गॉसिप के बावजूद नाना की फिल्मी जर्नी बदस्तूर चल रही है।

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ऐसे शुरू हुई ‘जर्नी’

सनी देओल की सुपर हिट फिल्म ‘गदर-2’ की स्पेशल कमेंटरी के दौरान निर्देशक अनिल शर्मा से उनकी इस फिल्म को लेकर बात हुई थी। अब इस फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन तेजी से चल रहा है। चूंकि अनिल शर्मा नाना के बारे में जानते थे,इसलिए उन्होंने उनसे यह कहते हुए कि यह आपका रोल है और आपको ऐसा करना है, नाना को बिल्कुल फ्री छोड़ दिया था,इसलिए शूटिंग के दौरान नाना से उनके मतभेद के किस्से ना के बराबर सुनने को मिले। पिता-पुत्र के संबंधों पर केंद्रित फिल्म ‘जर्नी’ को निर्देशक अनिल शर्मा एक हल्की-फुल्की मगर गंभीर थीम वाली फिल्म मानते हैं। ताजा हुई एक मुलाकात में नाना बताते हैं,‘ रेंज के मामले में कुछ फिल्मवाले हमेशा इग्नोर करते रहे हैं, पर मैं इसकी परवाह नहीं करता। वक्त के साथ अपने आपको बदलना मुझे बखूबी आता है। शायद ‘जर्नी’ से इसकी अच्छी शुरुआत हो।’

उम्र के मुताबिक रोल

नाना की इस बात में दम है। क्योंकि इसमें निर्देशक अनिल शर्मा ने वाकई में उन्हें बिल्कुल फ्रीहैंड छोड़ दिया। शर्मा बताते हैं,‘चूंकि मैंने उन्हें शुरू में ही उन्हें सारी बातें बहुत अच्छी तरह से समझा दी थीं। इसलिए शॉट से पहले मैं उन्हें हर सीन को समझा कर पीछे हट जाता। बाकी वह उस शॉट को अपने अंदाज से करते थे।’ नाना हंसकर बताते हैं,‘ अनिल बहुत चालाक है,अपने एक्टर से अच्छा काम लेना उसे बखूबी आता है। फिर यह रोल पूरी तरह से मेरे आज के व्यक्तित्व के मुताबिक है। माफ कीजिएगा कुछ लोगों की तरह अपनी उम्र छिपाना मुझे नहीं आता है। इसलिए रोल के मुताबिक अपने आपको बदलने में मुझे कोई परेशानी नहीं होती।’

आत्मसंतुष्ट किया

कुछ माह पहले ‘वैक्सीन वॉर’ की वजह से वह खूब चर्चा में रहे। उनका मानना है कि ऐसी फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को देखना चाहिए। वह कहते हैं,‘निजी तौर पर इस फिल्म को लेकर मैं बहुत संतुष्ट हूं।’ इस फिल्म के सदंर्भ में उनके रोल वैज्ञानिक बलराम भार्गव और उनकी अभिनय संपन्नता के बारे में नए सिरे से लिखना अब बेमानी है। वह बेहिचक कहते हैं,‘ मैं एक अरसे से सोच रहा था,बहुत अंट-शंट फिल्में कर ली। अब थोड़ा-बहुत अच्छी फिल्में भी कर लूं। इसलिए फिल्मों की संख्या काफी कम कर दी है। हालांकि शुरू से ही अच्छे रोल के लिए मेरी कोई भी शर्त नहीं होती है। ’

इमेज की परवाह नहीं

अब यह विडंबना रही कि उन्हें टाइप कास्ट फिल्में ज्यादा मिली। पर उनकी एक खासियत है,वह कॉमेडी फिल्में भी आसानी से कर लेते हैं। उनकी फिल्मों ‘वेलकम’, ‘तड़का’ आदि पर एक बार गौर फरमा लें। वह बताते हैं,‘ मैं खुद भी कुछ अलग-थलग करना चाहता हूं। मैं अपने आपको ज्यादा बड़ा एक्टर नहीं मानता। फिर भी चैलेंज कबूल करना अच्छा लगता है। मैंने ‘वेलकम’ के सीक्वल ‘वेलकम बैक’ में भी काम किया था। पर ज्यादा मजा नहीं आया। वैसे ‘ब्लफमास्टर’, ‘कमाल धमाल मालामाल’ व ‘हम दोनों’ जैसी कई और ऐसी फिल्में हैं,जिनमें मेरे रोल का आप पूरी तरह गंभीर नहीं कह सकते।’

गरम मिजाज

उनके गरम मिजाजी के किस्से भी खूब मशहूर हैं। नाना इसे हंसकर कबूल भी करते हैं,‘ मैं तो एक अरसे से ऐसी खबरों को नजरअंदाज करता आ रहा हूं। अभी-अभी मैंने अनिल के साथ ‘जर्नी’ पूरी की है। अब यह तो वह ही बता सकते हैं,मैं उन पर कितनी बार गरम हुआ। यकीन मानिए,मैंने कभी बेवजह गरमिजाजी नहीं दिखाई। न ही मुझे इस बात से कोई परेशानी होती है कि इसके चलते मुझे खबरों में घसीटा जाता है। हमारी फिल्म इंडस्ट्री का माइनस प्वॉयंट है कि यहां सारे मानवीय मूल्य हिट और फ्लॉप के आइने से देखे जाते हैं। मैंने अपने आपको इन्हीं सब बातों से दूर रखा है।’

फोटो : लेखक

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