पुष्पेश पंत
जिमिकंद एक अद्भुत भोज्य पदार्थ है। सूखे और अकाल जैसे कठिन समय में यह मानव जाति के बने रहने में बड़ा काम आया है। स्टार्च से परिपूर्ण यह ऊर्जा प्रदान करता है। कई अफ्रीकी देशों में इसे अनाज के विकल्प के तौर पर बुनियादी भोजन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। कहा जाता है कि यह बाजरा की तुलना में कठोर होता है और शुष्क, बंजर भूमि में भी उग सकता है। नेपाल और उत्तराखंड में जिमिकंद का सबसे पसंदीदा रूप तरुड़ है जो कठोर चट्टानों के बीच बढ़ता है।
हम यह कभी नहीं समझ पाए कि भारत में जिमिकंद को इतना कमतर क्यों मानते हैं। शायद इसलिए कि यह गरीब लोगों के आहार से जुड़ा है और उच्च स्तर तक पहुंचने योग्य नहीं माना जाता। केवल पंजाब और महाराष्ट्र में सुरन या हाथीपांव जैसे जिमिकंद का स्वाद लिया जाता है। केरल में इसे कप्पा (टैपिओका) कहा जाता है। हाल ही में हमने कायस्थ किचन से जिमिकंद करी को जाना। इस समुदाय के पुरुष सामान्य: मांसाहारी होते थे और महिलाएं शाकाहारी। इसलिए उन्होंने खुद के लिए इस रेसिपी को खास ट्विस्ट देकर बनाया। हमारे अच्छे दोस्त स्वर्गीय जिग्स कालरा ने दिल्ली में द हयात के लिए जिमिकंद से वेज गलौटी बनायी और इसे तोहफा ए जमीन का नाम दिया, लेकिन वह एक अलग कहानी है।
धुंगार जिमिकंद
सामाग्री : जिमिकंद-500 से 600 ग्राम, तेजपत्ता-1, दालचीनी-एक इंच का टुकड़ा, लौंग-3 या 4, बड़ी इलायची-1, काली मिर्च दाने-आधा चम्मच, साबुत सूखी लाल मिर्च-1, हल्दी पाउडर-चौथाई चम्मच, धनिया पाउडर-1 चम्मच, लहसुन-अदरक का पेस्ट-1 चम्मच, नमक-स्वादानुसार, प्याज (मीडियम आकार के महीन टुकड़े)-2, तेल-जिमिकंद को तलने के लिए, घी- 1 चम्मच, जीरा-चौथाई चम्मच।
विधि : जिमिकंद को उबालें, लेकिन इसे ज्यादा गलायें नहीं। ऐसा हो कि इसे टुकड़ों में काटा जा सके। इसे छीलें और 2 इंच के टुकड़ों में काटें। इन्हें तब तक तलें जब तक ये सुनहरे भूरे न हो जायें। झांझन से निकाल लें। कड़ाही में करीब 3 चम्मच तेल रहने दें। इसमें तेज पत्ता और बाकी मसाले डालें। जब इनका रंग बदलने लग जाये तो इसमें प्याज डाल दें और गाढ़ा गुलाबी होने तक फ्राई करें। अब इसमें लहसुन-अदरक के पेस्ट को डालें और एक मिनट तक पकाएं। इसमें पाउडर मसाले और नमक को डालें और थोड़ा सा पानी डालकर पकाएं। जब यह अच्छी तरह गल जाये तो इसमें जिमिकंद और एक कप गर्म पानी डालें। आंच कम कर दें और ढक्कन रखकर 10 मिनट तक पकने दें। एक करछी में घी गर्म करें, और साबुत लाल मिर्च और जीरा डालें। जैसे ही बीज चटकने लगें तो इसका तड़का जिमिकंद करी पर डालें। धुंगार के लिए तड़का लगाते ही इसे ढक दें। स्वादिष्ट जिमिकंद करी तैयार है।