ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

निश्चय और संकल्प से तय करें मंजिलें

युवाओं को सफल होना है तो जरूरी है वे खुद को दायरे में बांधना बंद करें और पूर्वाग्रह से मुक्त रहने की कोशिश करें। ना सोचें कि जो कभी आपके किसी मित्र या परिजन ने नहीं किया वह आप भी...
Advertisement

युवाओं को सफल होना है तो जरूरी है वे खुद को दायरे में बांधना बंद करें और पूर्वाग्रह से मुक्त रहने की कोशिश करें। ना सोचें कि जो कभी आपके किसी मित्र या परिजन ने नहीं किया वह आप भी नहीं कर सकेंगे। आपको अपनी क्षमताओं और कमियों को पहचानना होगा और खुद को इस योग्य बनाना होगा कि आप जो चाहे कर सकें।

अगर आप अपने कैरियर या प्रोफेशन को लेकर चिंतित या हताश रहने लगे हैं तो अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। स्वामी विवेकानंद कहते थे जो भी करो पूरी लगन और एकाग्रता से करो, खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। युवाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर के विद्वानों ने समय-समय पर इसी प्रकार की महत्वपूर्ण और उपयोगी बातें कही हैं। अगर आप भी आगे बढ़ना चाहते हैं तो जरा गौर फरमाएं इन बातों पऱ...

Advertisement

खुद पर विश्वास करें

आपको सफल होना है तो खुद को दायरे में बांधना बंद करें और पूर्वाग्रह से मुक्त रहने की कोशिश करें । ऐसा कभी ना सोचें कि जो कभी आपके किसी मित्र या परिवार के किसी सदस्य ने नहीं किया वह आप भी नहीं कर सकेंगे। आपको अपनी क्षमताओं और कमियों को पहचानना होगा और खुद को इस योग्य बनाना होगा कि आप जो चाहे कर सकें।

डरना मना है

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ी कमी है। डर हमें कुछ नया नहीं करने देता। नई स्किल सीखने, चुनौतियां स्वीकार करने ,नया प्रोफेशन या बिजनेस करने में असफल होने का जोखिम होता है। लेकिन जो असफलता के डर से कोशिश नहीं करता वह न कभी कुछ सीख सकता है न कुछ बन सकता है।

एकाग्र होकर काम करें

एक समय में एक काम करेंऔर ऐसा करते समय अपनी पूरी ऊर्जा और ताकत उसमें डाल दें और बाकी सब कुछ भूल जाएं। आप कोई भी काम तभी ठीक से कर सकते हैं जब आप उसे पूरी तरह ध्यानमग्न होकर करें। चाहे पढ़ाई लिखाई करनी हो या वर्क प्लेस पर अपना हिसाब किताब लिखना हो, अपने ग्राहक से डील करनी हो या फिर कोई प्रोडक्ट बनाना हो। ऐसे में पुस्तक हाइपर फोकस के लेखक क्रिस बेली की राय बेहद महत्वपूर्ण है कि आपको अपने चंचल चित्त को स्थिर करना है तो सबसे पहले फालतू चीजों पर अनफोकस करें।

सोच को नियंत्रित रखें

हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है। इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। हम नकारात्मक सोच के साथ जब कोई काम शुरू करते हैं तो आधे अधूरे मन से करते हैं। जाहिर है, हमें उसमें असफलता मिलती है। अपनी प्रतिभा ,कार्यकुशलता और बौद्धिक क्षमता पर संदेह करते हैं तो कई बार ऐसे नए अवसरों का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं जो हमारा जीवन बदल सकते हैं। जाने-माने लीडरशिप कोच डॉ. डेविड जे श्वार्टज ने अपनी पुस्तक ‘बड़ी सोच का बड़ा जादू’ में लिखा है कि हम कितना ज्यादा काम कर सकते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी क्षमताओं के बारे में क्या सोचते हैं। वे कहते हैं कि अपनी योग्यताओं का मूल्यांकन काम करने की गलती ना करें अपनी दृष्टि को विस्तार दें।

समस्याओं को धैर्यपूर्वक हल करें

किसी समस्या के सामने आते ही आप घबरा जाते हैं या हड़बड़ा जाते हैं तो जल्दबाजी में न सही उपाय सोच पाते हैं, न उसका हल निकाल पाते हैं। यहां तक कि आप अपने सच्चे और विश्वसनीय मददगार का नाम भी याद नहीं कर पाते। इस स्थिति में समस्या के एक ही हिस्से पर आपका नियंत्रण होता है और वह है आपकी प्रतिक्रिया। समस्याएं हमारे भीतर के सर्वश्रेष्ठ गुणों को बाहर निकालती हैं।

अनुशासन का पालन करें

स्वतंत्रता और मनचाहा करने की छूट लेना हमारे स्वभाव में है। लेकिन यह विवेकपूर्ण, संयमित और अनुशासन युक्त होनी चाहिए। यह आप पर निर्भर करता है कि आप सीमा में रहकर अपनी क्षमता से जीवन को उत्कृष्ट बनाएं या उसकी उपेक्षा करके अपने लिए दुख आमंत्रित करें । इसलिए आत्म अनुशासन बेहद जरूरी है और जरूरी कामों को टालने की बजाय प्राथमिकता से करना जरूरी है।

छोटी-छोटी अच्छी आदतें डालें

सभी बड़ी चीजों की शुरुआत छोटी चीज़ों से होती है। शोहरत , दौलत सफलता सब आपकी छोटी छोटी आदतें तय करती हैं। जरा चिंतन करें– क्या आप आमदनी से कम खर्च करते हैं? नियमित जिम जाते हैं या एक्सरसाइज करते हैं? रोज पुस्तक पढ़ते हैं? ये ऐसी छोटी-छोटी बातें हैं जो आपकी सफलता और असफलता के बीच के अंतर को बढ़ा देती हैं।

परिवर्तन को स्वीकार करें

अधिकांश लोग परिवर्तन से डरते हैं। वे चाहते हैं कि उनका बंधा बंधाया रूटीन बना रहे और जीवन स्थिर व आरामदायक बना रहे ।लेकिन यह असंभव है। दुनिया में तकनीक, ट्रेंड, जरूरतें और व्यवस्थाएं पल पल बदलती हैं। आपको इनके साथ कदमताल करना होगा तभी आप उपयोगी और प्रासंगिक रहेंगे।

विशेषज्ञता हासिल करें

आज के युग में विशेषज्ञता की ही पूछ परख है। कंपिटीशन से दौर में सामान्य व्यक्ति बिजनेस, प्रोफेशन,कैरियर या पढ़ाई के क्षेत्र में भीड़ में खो कर रह जाता है। आपको सफलता के शीर्ष पर पहुंचना है तो अपने फील्ड में एक्सपर्ट बनिए। इसके लिए आपको पूरे उत्साह के साथ तकनीक और न्यू ट्रेंड को आत्मसात करना होगा।

Advertisement