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साइबर सुरक्षा के निगहबान पेशेवर

एथिकल हैकिंग में उभरता कैरियर
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साइबर अपराधों व हैकिंग के बढ़ते खतरों को देखते हुए एथिकल हैकिंग की जरूरत बढ़ रही है जिसके लिए साइबर हैकर्स की डिमांड बढ़ रही है। व्यक्तिगत, निजी व सरकारी संगठनों को अपने सिस्टम, नेटवर्क व डेटा आदि की हैकिंग से सालाना बड़ा नुकसान होता है। जिसकी सुरक्षा एथिकल हैकर्स के हवाले होती है। ऐसे में एथिकल हैकिंग उभरता हुआ कैरियर बन रहा है।

पूजा पण्डया

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जैसे-जैसे जीवन के सभी क्षेत्रों में इंटरनेट और वेबसाइटों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, इससे संबंधित अपराधों और हैकिंग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। युद्ध में भी हैकिंग महत्वपूर्ण औजार बन रहा है जिसके अन्तर्गत दुश्मन की महत्वपूर्ण वेबसाइट को हैक कर जरूरी जानकारी प्राप्त की जाती है या उनके कार्यकलापों को ठप कर दिया जाता है। ऐसे खतरों से बचाने और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एथिकल हैकर्स द्वारा प्रयुक्त एथिकल हैकिंग की सहायता उल्लेखनीय होती है। विकसित और विकासशील देशों में एथिकल हैकर्स की मांग बढ़ती जा रही है और यह उभरता हुआ कैरियर बन रहा है । एथिकल हैकिंग के कार्य में समस्या-समाधान, नवाचार और प्रभावशाली कार्य का संयोजन होता है।

एथिकल हैकिंग का महत्व

आधुनिक तकनीक के युग में, साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है। इसमें कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को अनधिकृत पहुंच, उपयोग, प्रकटीकरण, व्यवधान, परिवर्तन या विनाश से सुरक्षित रखना शामिल है। साइबर हमलों का व्यक्तियों और संगठनों दोनों पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। पिछले साल 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय संगठनों ने कम से कम एक साइबर सुरक्षा घटना का अनुभव किया, जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है। वेब हमले, फ़िशिंग और सप्लाई चेन हमले सबसे ज़्यादा दर्ज की गई घटनाओं में से थे। दुनिया में साइबर हमले बढ़ रहे हैं, तथा संगठनों को बढ़ती संख्या में परिष्कृत खतरों का सामना करना पड़ रहा है। भारत आईटी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है जहां साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे के परिदृश्य को देखते हुए, एथिकल हैकरों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

कई तरह की होती है हैकिंग

हैकर्स के अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें व्हाइट-हैट हैकर्स : व्हाइट-हैट हैकर्स या एथिकल हैकर्स, सिस्टम की कमज़ोरियों की पहचान करने के लिए संगठनों के लिए काम करते हैं। वे अपने कौशल का उपयोग नैतिक उद्देश्यों के लिए करते हैं, नेटवर्क और सॉफ़्टवेयर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। दूसरे होते हैं ब्लैक-हैट हैकर्स : ब्लैक-हैट हैकर्स कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाने, डेटा चुराने, सेवाओं को बाधित करने और नुकसान पहंचाने के लिए अनधिकृत व अवैध हैकिंग करते हैं। तीसरे होते हैं ग्रे हैट हैकर्स जो नैतिक और दुर्भावनापूर्ण हैकिंग के बीच की रेखा को पार करते हैं। वे बिना अनुमति सिस्टम हैक करते हैं, कमज़ोरियां उजागर कर ऑर्गेनाइजेशन की सहायता करने का इरादा रखते हैं।

क्या करते हैं एथिकल हैकर्स?

एथिकल हैकर्स सुरक्षा पेशेवर होते हैं जो सिस्टम में कमज़ोरियों की पहचान करने और उनका फ़ायदा उठाने के लिए दुर्भावनापूर्ण एक्टर्स यानी हैकर्स जैसी ही तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अपने दुर्भावनापूर्ण समकक्षों के विपरीत, एथिकल हैकर्स उस संगठन की स्पष्ट अनुमति के साथ ऐसा करते हैं जिसका वे परीक्षण कर रहे हैं। वे डेटा चोरी करने या नुकसान पहुंचाने में रुचि नहीं रखते हैं। एथिकल हैकर्स आमतौर पर सुरक्षा कंपनियों, सरकारी एजेंसियों या बड़े संगठनों के लिए काम करते हैं। वे फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं।

कौन बन सकता है एथिकल हैकर

ऐसे युवा जिनकी आईटी सुरक्षा में गहरी रुचि है, ऑनलाइन लेनदेन और संवेदनशील डेटा को सुरक्षित रखने के बारे में चिंतित हैं उनके लिए एथिकल हैकर्स का कोर्स उपयुक्त है। आईटी सिस्टम और नेटवर्किंग की बुनियादी समझ रखने वाले व्यक्तियों के लिए बेहतर विकल्प है।

आवश्यक योग्यताएं तथा कौशल

एथिकल हैकिंग में कैरियर बनाने वाले युवा 12वीं साइंस करने के बाद कंप्यूटर साइंस में बीई/बी टेक / बीएससी कर एथिकल हैकिंग में सर्टिफिकेशन या एडवांस्ड कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा वे सीसीएनए, एससीएनएस, सीपीटीई,सीआईएसएसपी जैसे कोर्स कर सकते हैं। एथिकल हैकर बनने वाले युवाओं में कंप्यूटर साइंस, प्रोग्रामिंग और इंफरमेशन सिक्योरिटी के विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत आधार की आवश्यकता होती है। उन्हें कंप्यूटर नेटवर्किंगः प्रोटोकॉल, आईपी एड्रेसिंग और रूटिंग सहित कंप्यूटर नेटवर्क की कार्य प्रणाली का ज्ञान भी होना चाहिए। वहीं अलग ऑपरेटिंग सिस्टम, खास तौर पर यूनिक्स/लिनक्स और विंडोज की जानकारी तथा अनुभव आवश्यक है। फ़ाइल सिस्टम, यूजर मैनेजमेंट और सिक्योरिटी फेसिलिटीज का पर्याप्त ज्ञान भी जरूरी है। इस कार्य के लिए प्रोग्रामिंग लेंग्वेज : पायथन, सी, सी या स्क्रिप्टिंग में प्रवीणता जरूरी है।

हैकिंग सर्टिफिकेशन

ईसी काउंसिल प्रमाणित : एथिकल हैकिंग (सीईएच) सर्टिफिकेशन का सबसे ज्यादा महत्व है। इसे ईसी-काउंसिल द्वारा प्रदान किया जाता है। सीईएच सर्टिफिकेशन , एथिकल हैकिंग के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है, जिसमें टोही, स्कैनिंग जैसे प्रमुख विषय शामिल हैं। आक्रामक सुरक्षा प्रमाणित व्यावसायिक या ओएससीपी सर्टिफिकेशन : सबसे चुनौतीपूर्ण नैतिक हैकिंग सर्टिफिशन्स में से एक है, जिसके लिए उम्मीदवारों को अपने लाइव नेटवर्क प्रवेश कौशल का प्रदर्शन करते हुए एक व्यावहारिक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। टीआईए सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन साइबर सुरक्षा में व्यापक आधार प्रदान करता है, यह शुरुआती लोगों या आईटी सुरक्षा में कैरियर की तलाश करने वालों के लिए आदर्श है। सिस्को की सीसीएनए सुरक्षा सर्टिफिकेशन एक स्पेशल सर्टिफिकेशन है। इसके अलावा क्षेत्रवार और भी कई सर्टिफिकेशन हैं जिन्हें करके इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है।

एथिकल हैकिंग में हैं भरपूर अवसर

एथिकल हैकिंग के लिए न केवल सरकारी संस्थानों बल्कि निजी संस्थानों में भी भरपूर अवसर हैं। जिनमें इंफोसिस,विप्रो,एचसीएल टेक्नोलॉजीज,एक्सेंचर,जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी तथा डेलॉयट शामिल हैं। एथिकल हैकर्स के लिए ज्वाइनिंग सैलरी योग्यता, विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर भिन्न हो सकती है। ये संगठन अपने खास प्रोजेक्ट्स में एथिकल हैकर्स को आकर्षक वेतन और लाभ प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, वे निरंतर प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में निवेश करते हैं,। औसतन, यह 6 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है। एप्लीकेशन सिक्योरिटी एग्जीक्यूटिवः 12 लाख रुपये,वेब सिक्योरिटी मैनेजर्स 24 लाख रुपये , सिक्योरिटी एकाउण्ट ऑडिटर 13 लाख रुपए तथा सिक्योरिटी सर्टिफाइड प्रोग्रामर 9 लाख रुपए प्रतिवर्ष तक वेतन प्राप्त कर सकता है।

महत्वपूर्ण संस्थान और कोर्स

आईआईटी खड़गपुर द्वारा एथिकल हैकिंग पर 12 सप्ताह का ऑनलाइन पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। आईआईटी बेंगलुरू तथा आईआईटी रुड़की द्वारा साइबर सिक्योरिटी में एडवांस्ड सर्टिफिकेशन प्रोगाम संचालित किया जाता है। आईआईटी दिल्ली साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कोर्स चलाता है। आईआईटी कानपुर साइबर सिक्योरिटी तथा एथिकल हैकिंग में डिग्री और सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित करता है। इसके साथ ही एनआईटी, कुरुक्षेत्र, गलगोटिया विश्वविद्यालय - (जीयू), ग्रेटर नोएडा,डीआईटी विश्वविद्यालय - (डीआईटी), देहरादून,हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस - (एचआईटीएस), चेन्नई,जीएलए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मथुरा,शारदा विश्वविद्यालय - (एसयू), ग्रेटर नोएडा,मानव रचना अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एवं अध्ययन संस्थान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय, फरीदाबाद, आईआईटी इलाहाबाद, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद तथा अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर परिसर, कोयंबटूर से भी एथिकल हैकिंग के कोर्स किए जा सकते हैं।

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