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जिंदगी के हर पहलू में बनाएं हेल्दी बाउंड्री

हेल्दी लाइफ, अच्छे रिश्तों और कामयाबी के लिए जीवन के हर पहलू में बाउंड्री तय करना जरूरी है। मनोविज्ञानियों के मुताबिक, सीमा तय करने के लिए उन बातों की सूची बनाएं जो आपकी मानसिक-शारीरिक सेहत पर बुरा असर डाल रही...

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हेल्दी लाइफ, अच्छे रिश्तों और कामयाबी के लिए जीवन के हर पहलू में बाउंड्री तय करना जरूरी है। मनोविज्ञानियों के मुताबिक, सीमा तय करने के लिए उन बातों की सूची बनाएं जो आपकी मानसिक-शारीरिक सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं। यह ओवरवर्क, किसी रिश्तेदार-मित्र या विशेष फूड से हो सकता है।

शिखर चंद जैन

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से घर की सुरक्षा ,दूसरों के घर से इसे अलग पहचान देने और इसकी सुंदरता के लिए हम अक्सर बाउंड्री वॉल बनाते हैं ठीक उसी प्रकार जिंदगी में भी अलग-अलग पहलुओं के लिए बाउंड्रीज तय करना जरूरी है। आपने गाहे-बगाहे अपने दोस्तों या परिजनों से बातचीत करते हुए अनायास ही किसी बात पर कहा भी होगा ,‘किसी भी चीज की लिमिट क्रॉस नहीं होनी चाहिए। हर चीज का लिमिट में रहना जरूरी है।’ इंग्लैंड की चर्चित लेखिका मेरिट्जा मनरेसा ने अपनी पुस्तक ‘लर्निंग टू से नो व्हेन यू यूजुअली से यस’ में लिखा है, ‘अपनी जिंदगी की कहानी के लेखक आप खुद हैं। यह आपको तय करना होगा कि कब और किन चीजों के लिए हां करना है और कब ना। जब आप ऐसा करना सीख जाएंगे तो आपकी जिंदगी अपने आप स्ट्रेस से बहुत हद तक मुक्त हो जाएगी। इसके लिए आपको कुछ बाउंड्रीज़ तय करनी होंगी।’

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सीमाएं तय करने की उपयोगिता

सिडनी स्थित द रिजिलिएंस सेंटर में साइकोलॉजी, पर्सनल डेवलपमेंट और रिलेशनशिप की विशेषज्ञ ईदा सोगोमोनियन कहती हैं, ‘पर्सनल बाउंड्री वे नियम या गाइडलाइन हैं जो आप खुद, अपनी बेहतरी के लिए तय करते हैं। ये सीमाएं आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ,व्यक्तिगत नजरिये, पूर्व अनुभव और समाज से सीखे सबक पर आधारित होती हैं। हेल्दी लाइफ, गुड रिलेशनशिप और सक्सेस के लिए बाउंड्री तय करना और उसका पालन करना बेहद जरूरी है। जो व्यक्ति अपनी सीमाएं तय नहीं करता या नहीं जानता, उसे असफलता, अस्वस्थ जीवन और संबंधों में कड़वाहट जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।’

कैसे करें दायरे का निर्धारण

इंग्लैंड के ब्रिस्टल स्थित मनोविज्ञानी जेन कोलिंगवुड बता रही हैं कि आप अपनी बाउंड्री कैसे तय करें। इसके लिए सबसे पहले तो कागज पर उन बातों को लिखें जो आपकी मानसिक व शारीरिक सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं। यह ओवरवर्क,कुछ खास रिश्तेदारों ,किसी मित्र या विशेष फूड से हो सकता है। इस सिलसिले में पहला बिंदु तो यह कि किन चीजों के कारण आपका वक्त बर्बाद हो रहा है। दूसरी बात इससे संबंधित है कि कौन सी चीजें आपको सफल होने से रोक रही हैं। इसके अलावा कागज पर लिखें, पांच ऐसी चीजें जो आप चाहती हैं कि आपके प्रियजन आपको न करने दें। इसके अलावा लिस्ट में डालें पांच ऐसी चीजें जो आपको अपने आसपास होती दिखती हैं तो आप असहज हो जाती हैं। इसके साथ ही सूची का हिस्सा बनाएं 5 पांच ऐसे लोगों को जो आपको बात-बात पर टोकते या हतोत्साहित करते हों।

अपनी रेंज को समझने के अलग-अलग क्षेत्र

नीदरलैंड्स में एंटीलोनलीलेंस की संस्थापक, काउंसलर व साइकोथैरेपिस्ट वासिया सारांटोपुलु ने जिंदगी के अलग-अलग पक्षों से जुड़ी बाउंड्री तय करने के संकेत दिये हैं।

परिवार और दोस्तों के साथ

हम उन्हें कितना वक्त दे सकते हैं ताकि हमारी प्रोडक्टिविटी पर बुरा असर न पड़े। अपनी फीलिंग्स को किस हद तक उनके साथ शेयर कर सकते हैं। किसी दोस्त या रिश्तेदार से किन मुद्दों पर बातचीत सहज रहेगी,मसलन बच्चों के बारे में,राजनीति,कारोबार ,मौसम, निजी संबंध या प्राइवेट लाइफ। क्योंकि हर व्यक्ति सब तरह की बातें करने लायक नहीं होता।

कार्यस्थल पर सीमाएं

हमें अपने जॉब या कारोबार को कितना वक्त देना है। वीकेंड पर बॉस, कुलिग्स,क्लाइंट आदि के ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि का जवाब देने की क्या स्ट्रेटजी होगी। वहीं ऑफिस में अपनी घरेलू बातें या स्ट्रेस किसके साथ डिस्कस करेंगे या नहीं करेंगे। इसी तरह हफ्ते, पखवाड़े या महीने में कितने ब्रेक लेंगे- यह सब आपको पहले ही तय कर लेना चाहिए ।

ऑनलाइन प्रेजेंस व सोशल मीडिया

फेसबुक ,टि्वटर, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आप कितना वक्त देंगे। वहीं किन वर्चुअल फ्रेंड्स के साथ परस्पर संवाद रखेंगे। यह भी कि उन्हें अपने बारे में कितना बताएंगे। तय करके रखें कि उनसे फोन पर बात करेंगे या नहीं। रात को सोने के पहले या सुबह उठते ही फेसबुक पर या व्हाट्सएप पर एक्टिव नहीं होंगे- यह सब तय करना बेहद जरूरी है।

स्वास्थ्य और पोषण

अपनी शारीरिक जरूरत और पोषण की आवश्यकता के मद्देनजर कौन से खाद्य पदार्थ या पदार्थों का सेवन करना है या किन से दूर रहना है ,सुबह कितनी देर एक्सरसाइज करनी है। यह भी कि इमोशनल सपोर्ट के लिए किन मित्रों-रिश्तेदारों की मदद लेंगे। यह भी तय कर लें कि खानपान की मात्रा डाइटीशियन या चिकित्सक से मिलकर तय करेंगे, ये सब बातें आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगी।

रिलेशनशिप में पसंद-नापसंद व सुरक्षा का भी है हक

साइकोथैरेपिस्ट और काउंसलर ट्रेसी हचिंसन का ऐसा मानना है कि किसी भी रिलेशनशिप में आपको सुरक्षा ,प्राइवेसी और व्यवहार की सीमाओं का अधिकार है। आपको अपनी बात सुनाने और समझाने का अधिकार है। कोई बात पसंद नहीं तो न करने का भी अधिकार है। यह अधिकार आप तभी हासिल कर सकती हैं जब आप हेल्दी बाउंड्री सेट करना सीख जाएंगी।

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