हर जोड़ा अपनी शादी को खास बनाना चाहता है, और केरल इस सपने को हकीकत में बदलने वाला गंतव्य बन चुका है। चाय बागानों, बैकवाटर्स, समुद्र तटों और हाउसबोट्स के बीच बसी शादियां अब नया ट्रेंड हैं। विदेशी हों या भारतीय, सभी ‘गॉड्स ओन कंट्री’ की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक भव्यता के बीच यादगार पल रचाना चाहते हैं।
जब बर्लिन के जूलियट और पीटर ने अपने विवाह स्थल का निर्णय लिया तो उन्होंने एक ऐसे स्थान की कल्पना की जो इतना एकांत और अनोखा हो ताकि वह उनके एलबम में मधुर स्मृतियों के रूप में सदैव अंकित रहे। उस जोड़े की बारात जब केरल के मुन्नार के जंगल और चाय के बागानों के बेहद करीब स्थित क्वीन विक्टोरिया ब्लॉक से शुरू होकर विला से होते हुए शाही गलियों तक निकला तो देखने वाले देखते रह गए। रथ, और सजे-धजे हाथियों के आगे चल रही थीं केरल की पारंपरिक पोशाक पहने दीपक लिए महिलाएं। जैसे ही बारात ने महल के ब्लॉक में प्रवेश किया, बालकनी से फूलों की वर्षा होने लगी और इटली का एक संगीत बैंड कोरस बजने लगा। पूल के किनारे वाली बालकनी पर पहुंचने पर, झरनों और चाय के बागानों के मनोरम दृश्यों ने दूल्हा-दुल्हन का स्वागत किया।
केरल, जिसे ‘गॉड्स ओन कंट्री’ भी कहा जाता है, अपने प्राकृतिक सौंदर्य, बैकवाटर्स, हरे-भरे चाय के बागानों, और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। अपने खास मसालों के लिए जाना जाने वाला केरल राज्य अपने खूबसूरत सागर किनारों व हरियाली के सुंदर नजारों की वजह से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। सफेद रेत और दूर-दूर तक फैला असीम सागर... केरल में घूमने के लिए कई आकर्षक स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं—मुन्नार, अल्लेप्पी, वायनाड, कोच्चि, थेक्कडी, कुमारकोम, त्रिवेंद्रम... सूची असीमित है। इसकी वजह है कि केरल राज्य के हर कोने में, हर क्षेत्र में प्रकृति ने अपने रंग बिखेरे हुए हैं। साथ ही वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर और पहुंचने की सुगमता की वजह से इन दिनों जोड़े वहीं जाकर विवाह करना पसंद कर रहे हैं। केरल में शांत बैकवाटर से लेकर हरी-भरी हरियाली और प्राचीन समुद्र तटों तक, मनमोहक परिदृश्य मौजूद हैं। ये मनोरम दृश्य विवाह समारोहों और फ़ोटोग्राफ़ी के लिए एक शानदार पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं, जो जादुई यादें बनाते हैं।
कल्पना कीजिए कि झिलमिलाते बैकवाटर्स के बीच आयोजित एक प्रीवेडिंग शूट हो या सदियों पुराने किले में एक भव्य रिसेप्शन, जहां विश्वस्तरीय व्यंजनों के साथ-साथ केरल के पारंपरिक भोजन का भी स्वाद मिले तो निस्संदेह यह एक बेहतरीन अनुभव और यादगार विवाह होगा। या फिर पारंपरिक हाउसबोट पर फेरे लेना... शादी के जश्न में विलासिता और रोमांस दोनों का समन्वय किसे अच्छा नहीं लगेगा।
कोच्चि हो या कुमारकोम या थेक्कडी या फिर तिरुवनंतपुरम जिले का शंगुमुघम बीच, जहां भारतीय ही नहीं, विदेशी जोड़े भी विवाह बंधन में बंधने के लिए आते हैं। यहां का समुद्र तट अपने विस्मयकारी सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है, जो आकाश में नारंगी, गुलाबी और बैंगनी रंगों की एक मनमोहक छटा बिखेरता है। जैसे ही सूरज डूबता है, किनारे पर लौटती मछली पकड़ने वाली नावों का दृश्य तटीय दृश्य में एक अनोखा आकर्षण जोड़ देता है जो वहां मौजूद मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
और जब बात कुमारकोम की आती है तो एक शानदार बैक वाटर वेडिंग का चलन जोर पकड़ रहा है। यहां केरल का पारंपरिक आकर्षण और आधुनिक भव्यता का मिश्रण देखने को मिलता है। कुमारकोम में नारियल के पेड़ों का विस्तार, प्राचीन परिवेश और सुहाना वातावरण, शादियों के लिए एक जादुई माहौल बनाता है। जोड़ों को यहां आकर अंतरंगता और भव्यता दोनों का अहसास होता है। हाउस बोट किराए पर लेकर विवाह उत्सव को और शानदार बनाया जा सकता है।
अलेप्पी जिसे ‘वेनिस ऑफ द ईस्ट’ भी कहा जाता है, एक लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन स्थल की तरह उभर रहा है। वैसे ही वायनाड में विवाह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। वायनाड एक ऐसा स्थान है, जो शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर, अपनी हरी-भरी हरियाली, धुंध भरी पहाड़ियों और सुहावने मौसम के साथ एक शांत वातावरण प्रदान करता है। यह उन जोड़ों के लिए एकदम सही जगह है जो एक रोमांटिक और मनोरम शादी की पृष्ठभूमि की तलाश में हैं।
और मुन्नार तो ऐसा हिल स्टेशन है जो अपने हरे-भरे चाय के बागानों, शांत वातावरण और खूबसूरत दृश्यों के लिए जाना जाता है। विदेशी पर्यटक यहां विशेष तौर पर पारंपरिक रूप से विवाह करने आते हैं। जंगल में बसे किसी रिज़ॉर्ट में शादी करना उनके अनुभव को यादगार बना देता है।