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डांडिया की थाप में रंगीनी और उल्लास

गुजरात की नवरात्रि

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गुजरात में नवरात्रि सिर्फ पर्व नहीं, बल्कि गरबा-डांडिया के साथ रंग, उल्लास और सांस्कृतिक एकता का जीवंत उत्सव भी है, जो हर दिल को झूमने पर मजबूर कर देता है।

उत्तर भारत में नवरात्रि के दौरान देवी मां की दिन-रात उपासना की जाती है, रामलीला का आयोजन छोटे-छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक होता है। ठीक उसी तरह गुजरात में गली-गली डांडिया किया जाता है। पूरा गुजरात उल्लास और नृत्य में डूब जाता है। ऐसा लगता है कि युवा, बच्चे और सभी लोग पूरे साल नवरात्रि का इंतजार करते हैं।

गुजरात की पहचान जब-जब नवरात्रि से जुड़ती है तो सबसे पहले ज़ेहन में गरबा और डांडिया की थाप गूंज उठती है। नौ रातों तक चलने वाला यह पर्व केवल देवी दुर्गा की आराधना ही नहीं, बल्कि गुजरात की जीवंत संस्कृति, रंग और उत्साह का प्रतीक भी है।

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रंगों और परिधानों का उत्सव

नवरात्रि की रातों में गुजरात की गलियां, चौक और मैदान रोशनी से नहा उठते हैं। महिलाएं रंग-बिरंगे चणिया-चोली और झिलमिलाती चुनरी पहनकर जब गरबा की लय में घूमती हैं, तो मानो पृथ्वी पर रंगों का इंद्रधनुष उतर आता है। पुरुष केडियू और धोती पहनकर डांडिया की छड़ियों की ताल से वातावरण को झंकृत कर देते हैं।

जीवन चक्र की थाप

गरबा केवल नृत्य नहीं, बल्कि मां शक्ति की आराधना है। गोल घेरा बनाकर जब नृत्य किया जाता है तो वह जीवन चक्र और सृष्टि के निरंतर प्रवाह का प्रतीक बन जाता है। मिट्टी के दीये से सजी गरबी (घड़ा) के चारों ओर घूमता यह नृत्य भक्ति और आनंद का अद्भुत संगम होता है। गुजरात में कई क्लब और संगठन हैं जो डांडिया का आयोजन करते हैं। चाहे छोटे हों या बड़े। सब को डांडिया करना है।

उत्साह का संगम

डांडिया, जिसे अक्सर ‘स्वॉर्ड डांस ऑफ गरबा’ कहा जाता है, में लकड़ी की छड़ियों की टकराहट एक नई ऊर्जा जगाती है। थाप और ताल पर झूमते युवाओं की टोली मानो हर बार के साथ नकारात्मकता को दूर करती है।

सामाजिक मेलजोल का माध्यम

नवरात्रि की नृत्यमयी रातें केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक हैं। गांव-गांव और शहर-शहर में बने पंडाल लोगों को एक मंच पर लाते हैं। यहां धर्म, वर्ग या उम्र की कोई दीवार नहीं होती—हर कोई एक ही ताल पर झूमता है।

विश्वभर तक पहुंची परंपरा

आज गुजरात की यह नृत्यमयी परंपरा न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में बसे गुजराती समाज के बीच भी धूमधाम से मनाई जाती है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया तक में गरबा-डांडिया की रातें अपनी चमक बिखेरती हैं।

नवरात्रि की ये रातें गुजरात को केवल शक्ति की उपासना से नहीं जोड़तीं, बल्कि उसे संस्कृति, उत्सव और जीवन के रंगों से भी भर देती हैं। यह पर्व सचमुच नृत्य, संगीत और भक्ति का अद्वितीय संगम है।

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