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सावधानी उतार देती है टाइफाइड का बुखार

विनिता झा सेहत बरसात के इस मौसम में वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि बीमारियां तेजी से फैलने लगती हैं। इसी के साथ टाइफाइड के भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है, हालांकि यह सामान्य रोग है। परंतु टाइफाइड...

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विनिता झा

सेहत

बरसात के इस मौसम में वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि बीमारियां तेजी से फैलने लगती हैं। इसी के साथ टाइफाइड के भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है, हालांकि यह सामान्य रोग है। परंतु टाइफाइड के मामले में ध्यान इसलिए भी रखना जरूरी है कि लापरवाही बरतने के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। दिल्ली स्थित एक अस्पताल में कार्यरत सीनियर कंसल्टेंट-मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉक्टर नवीन कुमार के अनुसार, टाइफाइड बैक्टीरिया और स्वच्छता की कमी की वजह से होता है, जो आमतौर पर दूषित खाने और पानी पीने के कारण फैलता है। इस बुखार का कारण 'साल्मोनेला टाइफी' नामक बैक्टीरिया का संक्रमण होता है। टाइफाइड में बहुत तेज बुखार आता है और कई दिनों तक बना रहता है। अव्वल तो इस मौसम में पहले ही खान-पान व साफ-सफाई के बारे में एहतियात रखें, फिर भी यदि टाइफाइड का बुखार हो जाये तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। टाइफाइड को लेकर कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

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लक्षणों पर रखें नजर

मानसून के समय आपको टाइफाइड के लक्षणों पर नजर रखनी होगी। सबसे पहले तो यह जानकारी रखनी होगी कि टाइफाइड के लक्षण आखिर क्या हैं। और जैसे ही आपको इसके लक्षण नजर आयें तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। टाइफाइड के रोगी में अकसर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के लगभग एक-दो हफ्ते बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे- तेज बुखार, बार-बार बुखार का आना और जाना, फीवर का नियमित बने रहना, सिरदर्द, कब्ज या डायरिया, भूख न लगना, लिवर और स्प्लीन का बढ़ जाना, सीने पर लाल रंग के निशान, थकान, ठंड लगना, दर्द और कमजोरी महसूस होना। ऐसे लक्षण महसूस होने या पेट में दर्द होने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ही खान-पान दवाइयां लेनी हितकर हैं।

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एहतियात रखें तो होगा रोग से बचाव

गुरुग्राम बेस्ड सीनियर कंसल्टेंट, इन्टर्नल मेडिसिन डॉक्टर पंकज वर्मा के अनुसार टाइफाइड से बचाव के लिए कुछ एहतियाती उपाय जरूरी हैं-

स्वच्छता और सुपाच्य भोजन

टाइफाइड से बचने के लिए आपको गंदगी से बचना पड़ेगा अपने आसपास साफ-सफाई रखना पड़ेगा और खासकर भोजन व पानी स्वच्छ लें तभी आप कुछ हद तक टाइफाइड से बच सकते हैं।

घर का बना खाना

मानसून के समय बाहर के खाने से बचें, क्योंकि बाहर संक्रमण फैलने का खतरा तेज रहता है। यदि बाहर खा पी रहे हैं तो किसी अच्छी जगह भोजन करें यहां साफ-सफाई बेहतर हो।

संक्रमण से सावधानी

जिस व्यक्ति को पहले टाइफाइड हो चुका है या जो संक्रमित व्यक्ति है उसका झूठा पानी पीने और खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ‌वहीं बच्चों के मामले में सही वक्त पर वैक्सीन का ध्यान रखना जरूरी है।

उबला हुआ पानी

आजकल लगभग सभी घरों में आरओ लगे हैं, लेकिन मानसून के समय आपको पानी उबालकर पीना सुरक्षित रख सकता है क्योंकि उबले हुए पानी में बैक्टीरिया मर जाते हैं और इससे किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने का खतरा नहीं रहता है।

फल-सब्जी का धोकर ही इस्तेमाल

फलों एवं सब्जियों को अच्छे से धो कर खाएं, क्योंकि इस मौसम में बारीक कीड़े फलों एवं सब्जियों में लग जाते हैं, जो आपके पेट में जाकर फूड प्वाइजनिंग का खतरा भी बढ़ा देते हैं। इसलिए मानसून के समय फलों-सब्जियों को साफ कर कर ही खाएं।

दूध-दही का कम उपभोग

बारिश के दिनों में डेरी प्रोडक्ट कम मात्रा में खाना चाहिए खासकर कच्चे दूध से बने पदार्थ, मिठाई, मिल्क शेक, कच्चे दूध का पनीर। पैकेट वाले दूध को तो हमेशा उबालकर ही पिएं।

हाइड्रेटेड रहें

शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें। दिन भर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीएं। यदि घर में किसी भी व्यक्ति को टाइफाइड के लक्षण दिख रहे हों तो उसे ओआरएस का घोल दें। साथ ही अधिक से अधिक साफ पानी पिलाएं और समय रहते डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। वहीं डॉक्टर के निर्देशानुसार ही दवाइयां लें।

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