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पर्सनल ब्रैंडिंग के बूते कैरियर में कामयाबी

कैरियर में सफलता के लिए जरूरी है कि खुद को अपने नियोक्ताओं और पेशेवर दायरे में एक ब्रैंड के रूप में पेश किये जाये। नौकरी व प्रोमोशन दोनों में यह मददगार है। पर्सनल ब्रैंडिंग के तहत खुद की खूबियों को...
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कैरियर में सफलता के लिए जरूरी है कि खुद को अपने नियोक्ताओं और पेशेवर दायरे में एक ब्रैंड के रूप में पेश किये जाये। नौकरी व प्रोमोशन दोनों में यह मददगार है। पर्सनल ब्रैंडिंग के तहत खुद की खूबियों को लक्षित लोगों तक पहुंचाया जाता है जिनमें आपकी रुचियां, स्किल्स, उपलब्धियां और नॉलेज शामिल हैं। प्रभावी ब्रैंडिंग में सोशल मीडिया प्रोफाइल बड़ी मददगार है।

कीर्तिशेखर

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आज के कंपटीटिव दौर में कैरियर में सफलता के लिए सिर्फ योग्यता ही पर्याप्त नहीं। सफलता के लिए यह भी जरूरी होता है कि आपकी सेवाएं चाहने वाले लोग, आपकी अन्य दूसरी खूबियों को भी जानें। जैसे आपका काम, आपका स्वभाव, आपके काम के इतर की जानकारियां, आपकी रुचियां यानी वह बहुत कुछ जिसका सीधे काम से रिश्ता न हो, लेकिन मिलकर आपके काम और व्यक्तित्व को ऊंचाइयां देते हों। सवाल है आपके बारे में किसी को यह सब जानकारियां दूसरा भला क्यों देगा? कुछ मुट्ठीभर लोगों को छोड़ दीजिए, ज्यादातर लोग आजकल किसी और की तारीफ करने में संकोच करते हैं। तो अगर अपने बारे में लोगों के बीच एक आकर्षक और जिज्ञासा भरी राय बनाना चाहते हैं, तो खुद ही अपनी पर्सनल ब्रैंडिंग करनी पड़ेगी।

क्या है पर्सनल ब्रैंडिंग?

पर्सनल ब्रैंडिंग का सीधा सा अर्थ है हम खुद को एक ब्रैंड के रूप में प्रस्तुत करें यानी जैसे कोई कंपनी अपने उत्पाद की खूबियों को किसी न किसी तरीके से उसके ग्राहकों तक पहुंचाती है, उसी तरह आप खुद अपनी खूबियों को अपने सेवा प्रदाताओं तक पहुंचाएं। जैसे- आपको इस काम के अलावा कौन-कौन से दूसरे कौशलों में महारत हासिल है? आपके पर्सनल जीवन में क्या मूल्य हैं? आपके काम करने की कार्यशैली क्या है और आपकी अब तक कि अन्य उपलब्धियां क्या हैं? साथ ही प्रोफेशनल दुनिया में आपका नेटवर्क यानी आप किस-किस को जानते हैं। इन सब बातों का प्रचार करना या अपने इम्प्लॉयर तक पहुंचाना जरूरी है। सवाल है, उसका तरीका क्या हो? आज के दौर में बहुत आसान तरीका है, सोशल मीडिया। सोशल मीडिया में आप अपनी एक चमकदार प्रोफाइल बनाइये और वहां से इसका प्रमोशन कीजिए। क्योंकि पर्सनल ब्रैंडिंग से सुनिश्चित होता है कि आपका इम्प्लॉयर और समाज आपकी प्रतिभा की अनदेखी नहीं करेंगे। पर्सनल ब्रैंडिंग ऐसा टूल है यानी ऐसा जरिया जो आपकी नौकरी की नींव मजबूत करता है। समय से पहले आपकी प्रमोशन की स्थितियां बनाता है। अगर फ्रीलांसिंग करते हैं तो काम का ढेर लग जाता है या पर्सनल ब्रैंडिंग आपके लिए हर तरह के बिजनेस क्लाइंट्स के दरवाजे खोल देती है।

आज के जमाने में यह क्यों जरूरी है?

पर्सनल ब्रैंडिंग आज के जमाने में बहुत जरूरी है। क्योंकि अवसर कम हैं, उम्मीदवार उससे कई गुना ज्यादा। जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा है जिसमें आप अगर अपने इम्प्लॉयर की नजरों में चढ़े नहीं तो नौकरी सुनिश्चित नहीं है। क्योंकि आपके जैसी डिग्री और आपकी जैसी स्किल हजारों दूसरे लोगों के पास भी हैं। लेकिन अगर आप अपनी मझोले दर्जे की प्रतिभा को भी पर्सनल ब्रैंडिंग से निखार देते हैं, अपनी कंपनी या इम्प्लॉयर के दिलो-दिमाग में अपनी खूबियां और खासियतें बिठा देते हैं, तो वे आपको किसी भी कीमत में नहीं छोड़ते। अगर लोग आपकी विशेषताओं, आपके दृष्टिकोण या आपकी कार्यशैली से परिचित हों तो निश्चित रूप से वे आपसे जुड़ना चाहते हैं। चाहे वह लिंक्डइन पर हो या किसी सेमिनार में, आपकी स्ट्रांग पर्सनल ब्रांड आपके लिए हर जगह सुविधा और सफलता के रास्ते खोलती है। अगर आपने अपने क्षेत्र में लगातार अच्छा काम किया है और इस बात को कंपनी के लोग जानते हैं, और उन्हें आपकी अथॉरिटी की यह पुष्टि सोशल मीडिया या दूसरे वेबसाइट माध्यमों से होती रहती है, तो वे आपकी जानकार व्यक्ति के रूप में भी इज्जत करेंगे।

फ्रीलांसरों की सफलता का नुस्खा

जो लोग किसी एक संस्थान की नौकरी नहीं करते बल्कि स्वतंत्र रूप से विभिन्न संस्थानों का काम करना चाहते हैं, ऐसे फ्रीलांसर के लिए तो पर्सनल ब्रैंडिंग सफलता का अचूक नुस्खा है। उनके लिए यह ब्रैंडिंग सीधे-सीधे ग्राहक पाने और रेफरल पाने का माध्यम है। लोग आपके नाम से ही आपके काम पर भरोसा कर लेते हैं बशर्ते आपकी पर्सनल ब्रैंडिंग अच्छी हो। मोटिवेशनल स्पीकर और बिजनेस कोच डॉ. विवेक बिंद्रा आज पूरे देश में एक बिजनेस कोच के रूप में क्यों प्रसिद्ध हैं? क्या उनके बारे में किसी और ने यह सब दुनिया को बताया है? जी नहीं, इस यू-ट्यूब के जमाने में डॉ. विवेक बिंद्रा ने खुद सोशल मीडिया और सेमिनार के जरिये अपनी खुद की ब्रैंडिंग की है। इसीलिए हजारों लोग हैं जो उनसे बिजनेस की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं।

सार्वजनिक ब्रैंडिंग की बेहतरीन मिसाल

देश में सबसे अच्छी पर्सनल ब्रैंडिंग किसकी है कोई यह सवाल करे तो आप आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ले सकते हैं। भारत की राजनीति में उनकी पर्सनल ब्रैंडिंग शायद ही किसी नेता की हो। अपनी पर्सनल ब्रैंडिंग की बदौलत ही उन्होंने न केवल देशभर के नेताओं में लोकप्रियता का शिखर हासिल किया है बल्कि खुद अपनी पार्टी व अपने संगठन में भी। ‘विकास पुरुष’, ‘मजबूत नेता’ की छवि से आम लोगों का खुद पर भरोसा बनवाया है। अपनी अथक मेहनत, लगातार पर्सनल ब्रैंडिंग की बदौलत आज उनकी लोकप्रियता वैसी है, जैसे कभी पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी की हुआ करती थी। कुछ-कुछ यही स्थिति समाज सेविका, लेखिका और इन सबके पहले एक प्रोफेशनल इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्राम विशेषज्ञ सुधा मूर्ति ने अपनी बनायी है। वे अपने कामों को बेहतरीन ढंग से जानती हैं, इसके बावजूद उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी और निजी प्रभाव को इस कदर सरल, स्पष्ट और चुंबकीय आकर्षण वाला बनाया है कि आज कहीं पर उनकी मौजूदगी ही ‘मास अपील’ है। यह सब पर्सनल ब्रैंडिंग के जरिये हुआ है। इस तरह अगर आप भी अपने कैरियर में कामयाब होना चाहते हैं, तो अपनी ब्रैंडिंग करें, इसकी ताकत को पहचानें, ऑनलाइन अपनी उपस्थिति मजबूत करें और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म में अपनी बातों और अपने कामों का लोहा मनवाएं। इन सब चीजों के साथ-साथ आपको अपने काम में भी माहिर होना पड़ेगा। अगर सब कुछ ऐसा हो गया तो आपकी पर्सनल ब्रैंडिंग आपके कैरियर में चार चांद लगा देगी। -इ.रि.सें.

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