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टेली मेडिसिन के उभरते क्षेत्र में चमकदार भविष्य

हेल्थ टेक्नॉलोजी, डिजिटलीकरण और एआई के उपयोग के चलते टेली-मेडिसिन से जुड़ी सेवाओं का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। इससे रोगियों का समय और धन बचता है व डॉक्टर तुरंत चिकित्सा प्रदान कर सकता है। जाहिर है इस क्षेत्र...
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हेल्थ टेक्नॉलोजी, डिजिटलीकरण और एआई के उपयोग के चलते टेली-मेडिसिन से जुड़ी सेवाओं का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। इससे रोगियों का समय और धन बचता है व डॉक्टर तुरंत चिकित्सा प्रदान कर सकता है। जाहिर है इस क्षेत्र में मेडिकल व नॉन मेडिकल प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ी है। ऐसे में यह एक चमकदार कैरियर के रूप में भी उभरा है।

नरेंद्र कुमार

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भारत में टेली-मेडिसिन गतिविधियां और सेवाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, विशेष रूप से सरकारी पहल ‘ई-संजीवनी’ के माध्यम से। मार्च 2022 तक, ‘ई-संजीवनी’ ने 3 करोड़ टेली-परामर्श पूरे किए थे, जिसमें एक दिन में 1.7 लाख परामर्श का रिकॉर्ड भी स्थापित किया था। लेकिन मार्च 2023 तक टेली-परामर्श की यह संख्या बढ़कर 8 करोड़ हो चुकी थी,जो इस सेवा की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोग को दर्शाती है। सुखद सच्चाई यह है कि यह वृद्धि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां चिकित्सक-रोगी अनुपात कम है। ‘ई-संजीवनी’ जैसी टेलीमेडिसिन सेवाएं न केवल रोगियों को समय और धन की बचत में मदद करती हैं, बल्कि डॉक्टरों को भी तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाती हैं।

आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में टेली-मेडिसिन गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है बल्कि टेली-मेडिसिन एक चमकदार कैरियर के रूप में भी उभरा है। जानिये कि भारत जैसे रोजगार की जरूरत वाले देश में टेली-मेडिसिन क्षेत्र में कैरियर की कितनी संभावनाएं हैं? टेलीमेडिसिन के विशेष क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए न्यूनतम और अधिकतम शैक्षिक योग्यता की क्या दरकार है? कौन सी डिग्रियां इस क्षेत्र विशेष में नौकरी पाने में सर्वाधिक मददगार हैं? इसके अलावा पढ़ाई के लिए देश-विदेश में महत्वपूर्ण संस्थान कौन-कौन से हैं? कौन सी कंपनियां नौकरी देंगी तथा शुरुआती सैलरी क्या होगी?

भारत में टेली मेडिसिन

अपने देश में यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, खासकर डिजिटल हेल्थ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और 5जी तकनीकी विकास के कारण। विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे ई-संजीवनी और निजी कंपनियों के टेली हेल्थ प्लेटफॉर्म जैसे प्रक्टो,1एमजी और अपोलो टेली-हेल्थ के विस्तार से इस क्षेत्र में रोजगार अवसर पैदा हो रहे हैं।

कैरियर की संभावनाएं

इस क्षेत्र में जहां डॉक्टरों के लिए टेली-कंसल्टेंट और टेली-मेडिसन स्पेशलिस्ट जैसे शानदार कैरियर हैं वहीं नॉन मेडिकल में टेली हेल्थ असिस्टेंट/हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स एक्सपर्ट, टेली रेडियोलॉजी, टेली पैथोलॉजी, टेली आईसीयू विशेषज्ञ जैसे काफी बड़ी संख्या में एक्जीक्यूटिव इस उभरते क्षेत्र के लिए भी चाहिये। इस क्षेत्र में मेडिकल कोडर और मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट जैसे प्रोफेशनल की दरकार है। एआई एक्सपर्ट और डेटा साइंटिस्ट (हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट) की भी इस सेक्टर में अभी अच्छी डिमांड है। वहीं टेली हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर और ऑपरेशंस मैनेजर भी बड़ी संख्या में चाहिए।

शैक्षिक योग्यताएं

न्यूनतम योग्यता (एंट्री लेवल) : 12वीं (पीसीबी)+डिप्लोमा (टेली मेडि. या हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स) नर्सिंग (बीएससी नर्सिंग), फार्मेसी (बी.फार्मा), या पैरामेडिकल डिग्री। प्रोफेशनल डिग्री (अधिकतम योग्यता) : एमबीबीएस + टेली मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन (सबसे प्रभावी) एमडी (टेली मेडिसिन,रेडियोलोजी,पैथोलोजी), बी.टेक/ एम.टेक (बायोमेडिकल इंजीनियरिंग,हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स,एआई हेल्थ केयर) एम.एससी / पीएच. डी. ( हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स,बायोटेक्नोलोजी। वहीं स्पेशल कोर्स जो मददगार होंगे उनमें टेली-मेडिसिन के क्षेत्र में मददगार कोर्सेज में पीजी डिप्लोमा इन टेली-मेडिसिन एंड डिजिटल हेल्थ (इग्नू,एम्स,मनिपाल यूनिवर्सिटी) तथा सर्टिफिकेट कोर्स इन एआई और हेल्थ केयर(आईआईटीज,एनआईटीज ,हार्वर्ड स्टैनफोर्ड) शामिल हैं।

एटीट्यूड और स्किल्स

कम्युनिकेशन स्किल : ताकि हेल्थ पेशेवर को मरीजों से ऑनलाइन बात करने में आसानी हो। तकनीकी समझ : एआई,डेटा सिक्योरिटी,ईएचआर सिस्टम। मल्टी टास्किंग और समस्या समाधान की क्षमता भी होनी चाहिये। मरीजों के प्रति सहानुभूति और धैर्य भी टेली-मेडिसिन क्षेत्र में कार्य करने के लिए सहायक है। पेशेवर को डेटा गोपनीयता और साइबर सिक्योरिटी की भी जानकारी भी होनी चाहिये।

अध्ययन के लिए देश-विदेश में प्रमुख संस्थान

n भारत में स्थित कई प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में टेली मेडिसिन की पढ़ाई करवायी जाती है। इनमें एम्स, मणिपाल यूनिवर्सिटी इग्नू व आईआईटीज शामिल हैं। एम्स (दिल्ली,भुवनेश्वर,भोपाल) से टेलिमेडिसिन एंड डिजिटल हेल्थ कोर्स, मणिपाल यूनिवर्सिटी से एम.एससी एंड पीजी डिप्लोमा इन टेलीमेडिसिन, इग्नू से पीजी डिप्लोमा इन टेलीमेडिसिन एंड ई-हेल्थ व आईआईटीज से एआई एंड हेल्थकेयर इन्फोर्मेटिक्स कोर्स कर सकते हैं।

विदेश में यहां करें पढ़ाई

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल डिजिटल हेल्थ एंड टेलिमेडिसिन, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी व एआई इन हेल्थकेयर जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी(सभी यूएसए), टेलीहेल्थ एंड पब्लिक हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग, एमएससी इन डिजिटल हेल्थ एंड इन्फोर्मेटिक्स।

रोजगार के अवसर और प्रमुख कंपनियां

भारत में टेली मेडिसिन जॉब देने वाली कंपनियों में अपोलो टेली हेल्थ, टाटा 1 एमजी, प्रैक्टो,एम फाइन,रिलाइंस जिओ हेल्थ,डॉक प्राइम (पालिसीबाजार समूह),हेल्थप्लिक्स व नरायना हेल्थ ई-कंसल्टेशंस शामिल हैं। वहीं विदेश में टेलडॉक हेल्थ (अमेरिका), अमेरिकन वेल (अमेरिका) , एमडीलाइव (अमेरिका), बेबीलोन हेल्थ (इंग्लैंड), मेडगेट (स्विटजरलैंड) व डॉक्टर ऑन डिमांड (अमेरिका) नौकरी मिल सकती है।

शुरुआती सैलरी

देश्ट में ली हेल्थ असिस्टेंट / हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स – ₹3-5 लाख/वर्ष, एमबीबीएस टेली मेडिसिन कंसल्टेंट – ₹8-15 लाख/वर्ष

एआई एंड टेली हेल्थ टेक स्पेशलिस्ट – ₹10-18 लाख/वर्ष मिलते हैं वहीं विदेशोे मेंं टेलीमेडिसिन फिजीशियन (अमेरिका/इंग्लैंड)-80,000 डॉलर सालाना, हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स एक्सपर्ट (यूरोप/कनाडा)-60,000-120,000 डॉलर सालाना , टेलीहेल्थ एआई इंजीनियर(अमेरिका,जर्मनी,सिंगापुर) 90,000-160,000 सालाना है। टेली मेडिसिन बहुत तेजी से एक शानदार कैरियर क्षेत्र बनकर उभर रहा है। इस क्षेत्र में कैरियर की अच्छी संभावनाएं हैं। यदि आपके पास एमबीबीएस + टेली मेडिसिन स्पेशलाइजेशन है, तो यह डिग्री सबसे उच्च सैलरी और स्थिर कैरियर देगी। वहीं, एआई, हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और टेली हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन में भी बहुत अवसर हैं। डिजिटल हेल्थ, एआई और हेल्थ डेटा एनालिटिक्स में भी अपार संभावनाएं हैं। -इ.रि.सें.

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