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सजगता-सक्रियता से टालें भूलने का रोग

विश्व अल्जाइमर दिवस : 21 सितंबर
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अल्जाइमर महज भूलने की बीमारी नहीं बल्कि इससे वृद्धावस्था में कई बड़ी परेशानियां जुड़ी हैं। ऐसे में इस रोग को को समय रहते पहचानना जरूरी है। बेशक अभी इसका उपचार नहीं लेकिन डाक्टर की सलाह व जीवनशैली में बदलाव कर इस रोग को टाला जा सकता है।

विश्व अल्जाइमर दिवस का बड़ा सबक यही है कि इसे हम महज बुजुर्गों के भूलने की आदतभर न समझें। वास्तव में यह इससे आगे की बात है। अल्जाइमर के खतरों को समझने के लिए उन परेशानियों की कल्पना करें, जिन्हें बुजुर्ग महज याद्दाश्त कमजोर होने के नाम पर भुगतते हैं। इसके पीछे छिपे खतरों को समय रहते पहचानना और इसके लिए प्रिवेंटिव लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। क्योंकि अल्जाइमर की अभी तक कोई कारगर दवा या इलाज नहीं है। इससे बचाव के लिए पहले से ही सावधान रहें और दिमाग को सजग रखने के प्रयास करें।

‘...ऑस्क एबाउट अल्जाइमर’

साल 1994 में शुरू किये गये इस विशेष दिन का उद्देश्य लोगों को शुरू से ही आगाह रखना है कि दिमाग को सक्रिय रखने के लिए उपाय करने की जरूरत होती है। इसी सक्रियता से वह स्वस्थ और तेजतर्रार रहता है। अल्जाइमर दिवस मनाने के लिए साल 2025 की थीम है, ‘ऑस्क एबाउट डिमेंशिया, ऑस्क एबाउट अल्जाइमर यानी कि लोगों को प्रोत्साहित किया जाए कि वे अपनी दिमागी कमजोरी या डिमेंशिया के बारे में आपस में खुलकर बातचीत करें और एक-दूसरे से सवाल पूछें। इससे बीमारी के प्रति जानकारी व जागरूकता बढ़ेगी।

जीवनशैली में सुधार

पर सवाल है कि डिमेंशिया से बचने के लिए कैसी जीवनशैली अपनायी जाए ताकि दिमाग बिना जोर डाले एक हदतक स्वस्थ रहे और हम महामारी की तरह बढ़ रहे अल्जाइमर रोग से बचे रहें। जानिये विशेषज्ञों द्वारा सुझायी गई कुछ ऐसी ही गतिविधियां व आदतें-

पढ़ने की आदत : हर दिन कम से कम कई किस्तों में एक घंटे तक कुछ पढ़ने की नियमित आदत डालें। इससे दिमाग स्वस्थ रहता है। नई भाषा सीखें : कोई नई भाषा सीखें, कोई फाइन आर्ट यानी रचनात्मक कला सीखें। दोस्तों के साथ मिलकर पहेलियां बुझाएं। क्रॉस वर्ल्ड हल करें। सामाजिक मेलजोल : लोगों के साथ सामाजिक मेलजोल बनाएं। इससे दिमाग को लगातार सक्रिय रहने का मौका मिलता है। व्यायाम : हर दिन कम से कम आधा घंटे व्यायाम करें, जिसमें तेज चलना, योग, तैरना या साइकिल चलाना जैसे व्यायाम हो सकते हैं। आहार : हर दिन ताजे फल, हरी सब्जी, साबुत अनाज, मेवे और कम वसा खाएं। इससे दिमाग को स्वस्थ पोषण मिलता है और हम डिमेंशिया या अल्जाइमर से बचे रहते हैं। पूरी नींद : हर दिन 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखें। धूम्रपान व शराब से परहेज रखें। आनुवंशिक पहलू : अगर परिवार में किसी को अल्जाइमर रहा हो, तो अतिरिक्त सतर्क रहें। यह आनुवंशिक रोग भी है।

देश में अल्जाइमर से जुड़े कार्यक्रम

भूलने की बीमारी को हल्के में न लें, जब भी यह एहसास हो कि आप कोशिश करके भी कई बातें जरूरी मौके पर याद नहीं कर पाते हैं तो सजग हो जाएं और रोग टालने के हर जरूरी उपाय करना शुरू कर दें। भारत में बुजुर्गों के लिए अल्जाइमर और डिमेंशिया की रोकथाम, पहचान और देखभाल के लिए कुछ सरकारी और गैरसरकारी कार्यक्रम हैं।

नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर ऑफ द एल्डर (एनपीएचसीई) : ये केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए गेयर या ट्रिक विभाग, जिला अस्पतालों, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर आदि में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं, जिनके तहत स्वस्थ जीवनशैली की शिक्षा दी जाती है और घर पर बुजुर्गों की सहायता करना और उनके इस समस्या से निपटने में मदद करने का तरीका बताया जाता है।

नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज एंड स्ट्रोक्स : इस राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के तहत गैर संक्रामक रोगों की स्क्रीनिंग, प्रबंधन, अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं को बढ़ाना आदि पर ध्यान दिया जाता है। असल में डायबिटीज, बीपी, स्ट्रोक आदि जोखिम बढ़ाते हैं, इनका नियंत्रण करने से डिमेंशिया का खतरा घट जाता है।

अल्जाइमर एंड रिलेटिड डिसऑर्डर सोसायटी ऑफ इंडिया : यह गैर सरकारी संगठन द्वारा राष्ट्रीय व राज्य स्तरों पर चलाया जाने वाला कार्यक्रम है। इसके चलते जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न किये जाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है, डे केयर और दीर्घकालीन देखभाल की सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। डिमेंशिया को लेकर समाज में जो मनगढ़ंत धारणाएं फैली होती हैं, उन्हें रोकने में मदद मिलती है।

अल्जाइमर खतरनाक हो जता है क्योंकि आमतौर से इसकी डायग्नोसिस बहुत देर से होती है। अगर समय रहते हम याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या पर डॉक्टर से मिलें और बचाव की तरकीब सोचें तो इस महामारी से बचा जा सकता है। -इ.रि.सें.

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