दिलचस्प म्यूज़ियमों का रोचक सफर
भारत में म्यूज़ियम केवल अतीत की वस्तुएं सहेजने की जगह नहीं, बल्कि कला, संस्कृति, विज्ञान और कल्पना का जीवंत संगम बन चुके हैं। यहां टॉयलेट से लेकर ट्रिक आर्ट, गुड़ियों से लेकर पनडुब्बी तक—हर म्यूज़ियम एक अनोखी दुनिया में ले जाता है। ये ज्ञान, रोमांच और मनोरंजन का अनोखा अनुभव कराते हैं।
रजनी अरोड़ा
म्यूज़ियम सभ्यताओं के विकास, इतिहास, संस्कृतियों के संवर्धन, कला-संस्कृतिक के आदान-प्रदान, लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग-शांति के विकास का एक महत्वपूर्ण जरिया माने जाते हैं। इसी मकसद से दुनियाभर में तकरीबन 38 हजार म्यूज़ियम बनाए गए हैं। इनमें कुछ ऐसे अनोखे म्यूज़ियम भी हैं जो पारंपरिक म्यूज़ियमों की लीक से हट कर हैं। ये मानव संस्कृति, इतिहास और कल्पना की विविधता को दर्शाने के साथ मनोरंजन और ज्ञान के स्रोत भी हैं।
मैडम तुसाड वैक्स म्यूज़ियम : दिल्ली के कनॉट प्लेस की मशहूर रीगल बिल्डिंग में बना है-यह म्यूज़ियम। अंतर्राष्ट्रीय वैक्स म्यूज़ियम की यह ब्रांच साल 2017 में खोली गई थी। यहां पर्यटक राजनीति (महात्मा गांधी, एपीजे अब्दुल कलाम), फिल्मी (अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, लता मंगेश्कर), खेल (विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, मिल्खा सिंह, मैसी, रोनाॅल्डो) जैसी कई मशहूर सेलेब्रिटीज के वैक्स के स्टैच्यू देख सकते हैं।
ट्रिक आर्ट 3-डी म्यूज़ियम : चेन्नई में 2016 में भारत का पहला ट्रिक आर्ट 3-डी म्यूज़ियम जनता के लिए खोला गया था। इसकी स्थापना कलाकार एपी श्रीथर ने की थी। यह म्यूज़ियम फ्रेंच आर्ट फॉर्म. ट्रॉम्प लोय या दृष्टि भ्रमकारी कला या आॅप्टिकल इल्यूजन और इंटरेक्टिव आर्ट के लिए मशहूर है। यहां की गैलरियांे में दर्शकों को भ्रमित कर देने वाली 24 से अधिक इंटरएक्टिव 3-डी पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं। जो आने वाले दर्शकों को यह जादुई दुनिया का अहसास कराती हैं। इनके साथ खड़े होकर फोटो लेने पर ऐसा लगता है, मानो ये पेंटिंग्स जीवित हो गई हों। ट्रिक आर्ट म्यूज़ियम की तर्ज पर अब बेंगलुरु में क्लिक आर्ट म्यूज़ियम और मुंबई में पैराडाॅक्स म्यूज़ियम भी बनाए गए हैं।
ब्रेन म्यूज़ियम : बेंगलुरु के विल्सन गार्डन में बने ब्रेन म्यूज़ियम की नींव 1995 में रखी गई थी। यह भारत का एकमात्र और विश्व के गिने-चुने ब्रेन म्यूज़ियमों में से है। जिसे न्यूरोसाइंस शिक्षा, शोध और जागरूकता के लिए स्थापित किया गया है। म्यूज़ियम में 400 से अधिक मानव मस्तिष्क और कई पशु (जैसे गाय, मुर्गी, चूहा, बंदर) के मस्तिष्क फॉर्मालिन में संरक्षित करके प्रदर्शित किए गए हैं। जिन्हें पिछले 40 वर्षों में वैज्ञानिकों ने एकत्र किया है। इनके अलावा यहां फेफड़े, वोकल बॉक्स, आंतें और मानव कंकाल के नमूने भी हैं। इसका उद्देश्य न्यूरोसाइंस की जानकारी देना, ब्रेन की संरचना, कार्य, विकास और मानसिक बीमारियों (जैसे अल्जाइमर, पार्किंसन, ब्रेन ट्यूमर, एक्सीडेंट्स) से जुड़ी भ्रांतिया दूर करना और अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाना है।
नेवल एविएशन म्यूज़ियम : गोवा के डाबोलिम में बने नेवल एविएशन म्यूज़ियम की स्थापना 1998 में की गई थी। इस म्यूज़ियम में आप कई विंटेज विमान और लड़ाकू विमानों में प्रयोग होने वाले हथियार देख सकते हैं। साथ ही यहां आईएनएस विराट युद्धपोत का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया है। इस अनोखे म्यूज़ियम में एवियाफ्लिक्स थियेटर भी है, जहां पर्यटक नेवल एविएशन के बारे में कई रोचक जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
आरबीआई मॉनेटरी म्यूज़ियम : यह म्यूज़ियम मुंबई में है। इसकी 2004 में हुई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा संचालित इस म्यूज़ियम में मुद्रा से जुड़ी डेढ़ हजार से ज्यादा वस्तुओं का संग्रह है। इस म्यूज़ियम में छठी सदी से आज तक के सिक्के और नोट का अच्छा कलेक्शन है। पर्यटक यहां नोटों और सिक्कों के बनने का प्रोसेस भी जान सकते हैं और साथ ही समझ सकते हैं कि करेंसी में किस-किस तरह की सिक्योरिटी फीचर होते हैं।