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फंगल संक्रमण में औषधि भी है एलोवेरा

इन दिनों उमस वाला वातावरण है जिसमें फंगस तेजी से पनपती है। पसीना ज्यादा आने की वजह से पैर, बगल, गर्दन, पीठ पर फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। एलोवेरा के उपयोग से त्वचा संक्रमण से बची रहती है। यह...
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इन दिनों उमस वाला वातावरण है जिसमें फंगस तेजी से पनपती है। पसीना ज्यादा आने की वजह से पैर, बगल, गर्दन, पीठ पर फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। एलोवेरा के उपयोग से त्वचा संक्रमण से बची रहती है। यह एलर्जी, खुजली व जलन में राहतकारी है। एलोवेरा जैल को नीम रस में मिलाकर या सीधे संक्रमण वाली जगह पर लगा सकते हैं।

बारिश के मौसम में एलोवेरा हमें फंगल, संक्रमण और एलर्जी से बचाने के लिए बड़ा कुदरती मददगार है। वहीं यह हमें भीतरी तौर पर भी मजबूती देता है। एलोवेरा के इस्तेमाल से हमारा पाचन दुरुस्त रहता है व इम्यूनिटी बरकरार रहती है। एलोवेरा के उपयोग से त्वचा संक्रमण से बची रहती है और बालों का भी बचाव करता है। एलोवेरा या घृतकुमारी मल्टीपर्पज हर्ब है। आप इस पौधे को घर की खिड़की या बालकनी में लगा सकते हैं।

फंगल संक्रमण से बचाव

इन दिनों वातावरण में नमी अधिक होती है, जो फंगस यानी फफूंदी के पनपने के लिए सबसे आदर्श स्थिति होती है। शरीर के पसीने वाले हिस्सों जैसे पैर, बगल, गर्दन, पीठ पर फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। इस संक्रमण से खुजली होती है, जलन महसूस होती है, लाल चकत्ते पड़ जाते हैं या दाने निकल आते हैं।

एलोवेरा है मददगार

एलोवेरा जैल में सैलिसिलिक एसिड सफोनिंस और लुपेओल जैसे यौगिक होते हैं। ये यौगिक फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करते हैं। इसका असर ठंडक देने वाला और खुजली व जलन में बहुत राहत देता है। इसलिए बारिश के दिनों में एलोवेरा जैल को त्वचा को रिपेयर करने वाला मॉश्चराइजर कहते हैं। इन दिनों अगर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल किया जाए तो फंगल इंफेक्शन से आप बचे रहते हैं। इसके उपयोग की विधि बहुत सीधी है। चाहें तो ताजे एलोवेरा जैल को सीधे फंगल संक्रमण वाली जगह पर दिन में दो बार लगा सकते हैं और दो-तीन दिनों में फंगल संक्रमण खत्म हो जायेगा। लेकिन अगर असर और तेज तथा जल्दी चाहिए तो इसमें थोड़ा नीम का रस या टी ट्री ऑयल भी मिला सकते हैं।

एलर्जी से बचाव

मानसून के दिनों में कई लोगों को त्वचा की एलर्जी बहुत परेशान करती है। जैसे पसीने से रैशेज, गंदे पानी से खुजली, मच्छरों के काटने से सूजन आदि का होना। ऐसे में एलोवेरा त्वचा की सभी समस्याओं से राहत दिलाता है। एलोवेरा जैल का इस्तेमाल करने से त्वचा में आयी सूजन भी समाप्त हो जाती है। इसके साथ ही एलोवेरा त्वचा को नमी देता है, जिससे इसकी ड्राइनेस और जलन खत्म होती है। इसका एंटी ऑक्सीडेंट गुण बारिश के दिनों में त्वचा को होने वाले विभिन्न नुकसानों की भरपायी करता है। एलोवेरा जैल को एलर्जी वाली जगहों पर हल्के हाथों से लगाएं और जगह को बिना धोए ही छोड़ दे।

इम्यूनिटी में सुधार

बारिश के मौसम में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। एलोवेरा में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन सी, जैसे गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं, जिससे इस मौसम में होने वाले संक्रमणों से हम बचे रहते हैं। इसके उपयोग के लिए सप्ताह में 3 से 4 बार एलोवेरा रस या इसका काढ़ा पीएं। चाहें तो इसमें तुलसी, हल्दी और शहद भी मिला लें। एलोवेरा जैल मच्छर काटने से हुई जलन और खुजली में राहत पहुंचाता है। इसका उपयोग करने के लिए एलोवेरा जैल को बर्फ की तरह ठंडा कर सीधे प्रभावित स्थान पर लगाएं।

घरेलू सफाई और हैंड सैनेटाइजर

एलोवेरा का इस्तेमाल घरेलू सफाई और हैंड सैनेटाइजर के रूप में भी कर सकते हैं। इसके लिए एलोवेरा जैल को नीम और ट्री ऑयल के साथ मिलाकर एक घरेलू सैनेटाइजर या एंटी सेप्टिक स्प्रे बनाया जा सकता है, जो विभिन्न रासायनिक उत्पादों का एक सुरक्षित विकल्प होता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष तौरपर इसके इस्तेमाल से सावधान रहना चाहिए और यदि कोई विशेष दवा ले रहा है, तो उसे एलोवेरा का सेवन करने के पहले डॉक्टर की सलाह ले लेना चाहिए। -इ.रि.सें.

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